नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में आयकर विधेयक, 2025 पेश किया. वित्त मंत्री सीतारमण ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से इसे सदन की प्रवर समिति को भेजने का आग्रह किया. विपक्षी सदस्यों ने विधेयक को प्रस्तुत करने के दौरान इसका विरोध किया लेकिन सदन ने इस विधयेक को प्रस्तुत करने के लिए ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित कर दिया.
सीतारमण ने लोकसभा में आयकर विधेयक 2025 पेश करते हुए अध्यक्ष ओम बिरला से आग्रह किया कि वे मसौदा कानून को सदन की प्रवर समिति को भेजें, जो संसद के अगले सत्र के पहले दिन तक अपनी रिपोर्ट को प्रस्तुत करेगी. उन्होंने अध्यक्ष से प्रस्तावित पैनल की संरचना और नियमों पर निर्णय लेने का आग्रह किया.
बहुप्रतीक्षित आयकर विधेयक, 2025 के इन शब्दों में होगा बदलाव
नया आयकर विधयेक, 2025 लोकसभा में पेश कर दिया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश 622 पन्नों वाला यह विधयेक 6 दशक पुराने इनकम टैक्स एक्ट 1961 की जगह लेगा. प्रस्तावित कानून को आयकर अधिनियम 2025 कहा जाएगा, इसके अप्रैल 2026 में प्रभावी होने की उम्मीद है. बहुप्रतीक्षित विधेयक में “कर निर्धारण वर्ष” और “पूर्व वर्ष” जैसे शब्दों के स्थान पर “कर वर्ष” जैसे सरलीकृत शब्द रखे जाएंगे, जो कि आयकर कानून की भाषा को और सरल बनाएगा। इसके साथ ही नए कानून से अनावश्यक प्रावधान और स्पष्टीकरण भी हट जाएंगे.
नए आयकर कानून में मूल्यांकन वर्ष की अवधारणा होगी समाप्त
एक बार कानून बनने के बाद आयकर विधेयक 2025 छह दशक पुराने आयकर अधिनियम 1961 की जगह लेगा. पहले का आयकर कानून समय के साथ और विभिन्न संशोधनों के बाद काफी जटिल हो गया है. इसलिए इसकी जगह नया आयकर विधेयक, 2025 लाया जा रहा है. सरकार की ओर से प्रस्तावित नए आयकर कानून में, आयकर अधिनियम, 1961 में उल्लिखित ‘वित्त वर्ष’ (FY) शब्द को बदलकर ‘कर वर्ष’ किया गया है। इसके साथ ही आकलन वर्ष (AY) की अवधारणा को समाप्त कर दिया गया है.
नए कानून में कर निर्धारण वर्ष की अवधारणा समाप्त किया गया
वर्तमान में पिछले वित्त वर्ष (2023-24) में अर्जित आय के लिए कर का भुगतान निर्धारण वर्ष (2024-25) में किया जाता है. इस नए आयकर विधेयक में पिछले वर्ष और निर्धारण वर्ष की अवधारणा को हटा दिया गया है.सरलीकृत नए विधेयक में केवल कर वर्ष की बात कही गई है. आयकर विधेयक, 2025 में कुल 536 धाराएं शामिल हैं, जो मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 की 298 धाराओं से ज्यादा हैं. मौजूदा आयकर कानून में 14 अनुसूचियां हैं, जो नए कानून में बढ़कर 16 हो जाएंगी.
पिछले छह दशकों में पुराने आयकर कानून में हुए कई बदलाव
नए आयकर विधेयक में भी मौजूदा कानून की तरह अध्यायों की संख्या 23 ही रखी गई है। जबकि पृष्ठों की संख्या काफी कम होकर 622 हो गई है, जो वर्तमान के भारी-भरकम अधिनियम का करीब आधा है। वर्तमान में जो कानून अमल में है, उसमें पिछले छह दशकों के दौरान किए गए संशोधन शामिल हैं. जब आयकर अधिनियम, 1961 लाया गया था, तो इसमें 880 पृष्ठ थे.
संसदीय समिति के पास भेजा जाएगा नया आयकर विधयेक
नए आयकर विधयेक को शुक्रवार को केंद्रीय कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दी थी. लोकसभा में पेश किए जाने के बाद इसे संसदीय समिति के पास भेजा जाएगा. समिति अपनी सिफारिशें देगी, सरकार कैबिनेट के माध्यम से इस पर निर्णय लेगी कि क्या इन संशोधनों को शामिल करने की जरूरत है. इसके बाद विधेयक संसद में वापस आएगा और सरकार इसके रोलआउट की तारीख पर फैसला करेगी. केंद्र सरकार पिछले कई सालों से आयकर कानून को आसान बनाने की कोशिश कर रही थी. इसके लिए 2018 में एक टास्क फोर्स बनाई गई थी, जिसने 2019 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी.
वित्त मंत्री ने किया था बजट में नए आयकर कानून का ऐलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 01 फरवरी 2025 को अपने बजट भाषण में आयकर कानूनों को सरल बनाने के लिए नया कानून बनाने का ऐलान किया था. लोकसभा में पेश होने वाले नए आयकर विधेयक, 2025 में 536 धाराएं है. इसमें 23 अध्याय है, जो 622 पन्नों का है. इस विधेयक के पारित होने के बाद नया आयकर कानून अधिक व्यवस्थित और वर्तमान कानून की तुलना में सरल होगा.
हिन्दुस्थान समाचार
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