महाकुम्भ नगर/वाराणसी: महाकुम्भ स्नान के बाद श्रद्धालु काशी और अयोध्या पहुंच रहे हैं. स्थानीय प्रशासन को श्रद्धालुओं को लेकर व्यापक स्तर पर की गई तैयारी करनी पड़ रही है. महाकुम्भ से भोले बाबा की नगरी काशी और रामलला के दर्शन के लिये अयोध्या पहुंच रहे लाखों की संख्या में श्रद्धालु मठ मंदिरों में दर्शन कर रहे हैं. काशी और अयोध्या के प्रसिद्ध मंदिरों पर कई किलोमीटर लंबी लाइन लगी हुई है. बता दें, 13 जनवरी से शुरू हुए कुम्भ मेले में अब तक 48.29 करोड़ श्रद्धालु शामिल हो चुके हैं.
बाबा काशी विश्वनाथ के दरबार में लंबी कतारें : महाकुम्भ से लौटे श्रद्धालु सीधे वाराणसी की ओर बढ़ रहे हैं. काशी की गलियां श्रद्धालुओं से भर गईं हैं. अथाह भीड़ है. बाबा काशी विश्वनाथ के दरबार लम्बी लंबी कतारें हैं. काशी में महाकुम्भ की भीड़ पलटकर पहुंच गई है. इतने ज्यादा श्रद्धालु आ गए हैं कि फिलहाल के लिए गंगा आरती रोक दी गई है. श्रद्धालुओं को घाट आने के लिए मना भी किया जा रहा है. बाबा की नगरी में होटल, होम स्टे, गेस्ट हाउस और धर्मशालाएं श्रद्धालुओं से ठसाठस भरी हैं.
गोदौलिया से मैदागिन तक सड़कें जाम : गंगा स्नान के साथ ही भोर में बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन का सिलसिला शुरू हुआ. दोपहर के 2 बजे तक गेट नंबर चार, चौक, नीचीबाग, बुलानाला, मैदागिन होते हुए लाइन कोतवाली थाने तक पहुंच गई. दूसरी ओर गोदौलिया को पारकर जंगमबाड़ी मठ तक भक्तों का बड़ा हुजूम उमड़ा रहा. गोदौलिया से मैदागिन और उसके आगे कोतवाली तक की सड़कें भक्तों से ही ब्लाॅक रहीं। कुछ भक्तों का परिवार बिछड़ गया तो मंदिर प्रशासन ने मिलवाया. वहीं ब्लड प्रेशर के कई मरीजों ने तो घबराकर लाइन ही छोड़ दी.
कई भक्त लाइन से हट गये : उत्तराखण्ड के हरिद्वार से आये राजीव बड़ौनी ने कहा कि दोपहर के 12 बजे से लाइन में लगा था. लेकिन, शाम 4 बजे तक बाबा के दर्शन नहीं मिले. फिर वो लाइन से हटकर नीचे सड़क पर बैठ गये. घुटने में दर्द होने लगा और तबीयत भी बिगड़ गई थी. कई भक्त बाबा विश्वनाथ से दंडवत माफी मांग लाइन से हट गए.
अयोध्या में उमड़ा श्रद्धालुओं का रेला : महाकुम्भ में संगम स्नान को लेकर महाकुम्भ में हर बीतते दिन के साथ श्रद्धालुओं की भीड़ लगतार बढ़ रही है. तो वहीं इसका असर राम नगरी अयोध्या में भी देखने को मिल रहा है. भारी संख्या में लोग महाकुम्भ जाने से पहले या स्नान के बाद अयोध्या में रामलला के दर्शन को पहुंच रहे हैं. महाकुम्भ के साथ ही राम मंदिर के दर्शनों के लिए भी भक्तों का रेला उमड़ पड़ा है. रामनगरी में दूर-दूर तक श्रद्धालु ही नजर आ रहे हैं. हालत ये है कि तिल रखने तक की जगह नहीं बची है. श्रद्धालुओं का यह रेला प्रशासन की भीड़ प्रबंधन व्यवस्था को चुनौती दे रहा है. अयोध्या की गलियां, सड़कें और राम पथ श्रद्धालुओं से पटे पड़े हैं. वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है, और 20 से अधिक स्थानों पर बैरिकेडिंग व बैरियर लगाए गए हैं.
रामलला के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ : श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी हुई हैं. यही हाल हनुमानगढ़ी और राम नगरी के दूसरे मंदिरों का भी है. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में दर्शन की अवधि बढ़ाने के बावजूद श्रद्धालुओं की भीड़ कम नहीं हो रही है. प्रशासन लगातार व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रयासरत है.
बाहरी इलाकों में रोकी जा रही गाड़ियां : अयोध्या में भीड़ को देखते हुए बाहरी इलाकों में गाड़ियों को रोका जा रहा है. जिसके बाद भक्त पैदल चलते हुए राम मंदिर तक पहुंच रहे हैं और घंटों लाइनों में खड़े होकर रामलला के दर्शनों का इंतजार करते देखे जा सकते हैं. भीड़ की वजह से ट्रैफिक व्यवस्थाओं को भी मजबूत किया जा रहा है. यात्रियों को कई किमी पहले से चलकर आना पड़ा रहा है. भीड़ की वजह से बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों की हालत भी खराब हो रही है. अयोध्या से जुड़ने वाले प्रमुख हाईवे सुल्तानपुर, रायबरेली, अंबेडकरनगर, गोंडा और बस्ती मार्गों पर होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं.
रामनगरी में ‘नो-रूम’ का बोर्ड : अधिक भीड़ के कारण अयोध्या के होटल, धर्मशालाएं और होम स्टे पूरी तरह बुक हो चुके हैं. श्रद्धालुओं को रुकने की जगह नहीं मिल रही, जिससे कई लोगों को सड़कों पर रात गुजारनी पड़ रही है. खाने-पीने और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी भी श्रद्धालुओं की परेशानी बढ़ा रही है. कई श्रद्धालु 20-25 किलोमीटर दूर अपने वाहन खड़ा कर पैदल अयोध्या पहुंच रहे हैं. होटल संचालकों के अनुसार, अधिकतर कमरे ऑनलाइन बुक हो चुके हैं. कई श्रद्धालु यात्रा में देरी के कारण अपनी बुकिंग का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं, जिससे होटल संचालकों को भी नुकसान हो रहा है.
खाने पीने के सामान की बढ़ी डिमांड : राम नगरी में एक तरफ जहां भीड़ की वजह से ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त हो गई है. पु्लिस ने श्रद्दालुओं के आने और जाने के रास्ते अलग-अलग डिवाइड किए हैं ताकि किसी को परेशानी का सामना न करना पड़े. वहीं शहर में बढ़ती भीड़ के चलते खाने-पीने के सामान के साथ अन्य चीजों की डिमांड भी बढ़ गई है लेकिन सप्लाई नहीं होने की वजह से इसका असर भी दिखने लगा है. मालवाहक ट्रक भी इस भीड़ और जाम में फंस गए हैं जिसके चलते खाद्यान्न की कमी दिख रही है. व्यवसायियों के पास स्टॉक धीरे-धीरे खत्म होने लगा है.
45 मिनट में हो रहे दर्शन : लाखों की भीड़ के बावजूद राम मंदिर में रामलला के दर्शन 45 मिनट में हो रहे हैं. मंदिर ट्रस्ट के अनुसार, जो श्रद्धालु सामान व जूता कहीं और रख कर दर्शन करने जा रहे हैं उनको 45 मिनट में दर्शन मिल जा रहा है. वहीं जो सामान लाकर में रखकर दर्शन के लिए जाते उनको दर्शन में करीब डेढ़ घंटे लग रहे हैं. करीब दो सौ स्वयंसेवक श्रद्धालुओं की सेवा व मदद में लगे हैं. मंदिर में 11.30 बजे तक रामलला के दर्शन करवाए जा रहे हैं.
कुम्भ मेले से यूपी को मिलेगा राजस्व : पृथ्वी पर सबसे बड़ा मानव समागम कहे जाने वाले 45 दिवसीय महाकुम्भ मेले की शुरुआत 13 जनवरी को प्रयागराज में हुई. 26 फरवरी को समाप्त होने वाले इस 45 दिवसीय कार्यक्रम में लगभग 50 करोड़ से ज्यादा लोगों के आने की उम्मीद है. उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने अनुमान लगाया है कि प्रयागराज ‘महाकुंभ 2025’ से 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व अर्जित करेगा. उत्तर प्रदेश सरकार ने कुम्भ के आयोजन पर अनुमानित 7,500 करोड़ खर्च कर रही है.
हिन्दुस्थान समाचार
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