उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू दिया गया है. एन. बिरेन सिंह के इस्तीफे के 3 दिन बाद ही राज्य में राष्ट्रपति शासन करने का फैसला लिया गया है. विधानसभा को निलंबित कर दिया गया है. गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का मानना है कि ऐसी परिस्थितियां पैदा हो गई हैं, जिसके कारण संविधान के प्रावधानों के तहत राज्य की सरकार नहीं चल सकती है.
बता दें मणिपुर 2 साल से हिंसा के दौर से गुजर रहा था. यहां मैतेई और कुकी समुदायों में लंबे समय से जमीन, आरक्षण और राजनीतिक प्रतिनिधित्व को लेकर विवाद बना हुआ है. इसी बीच 9 फरवरी को बीरेन सिंह ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात कर सीएम पद से रिजाइन कर दिया. उनके इस्तीफे के बाद ही चर्चा थी कि प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है.
President's Rule imposed in Manipur.
Manipur CM N Biren Singh resigned from his post on 9th February. https://t.co/vGEOV0XIrt pic.twitter.com/S9wymA13ki
— ANI (@ANI) February 13, 2025
बता दें राज्य में 10 फरवरी से विधानसभा का सत्र शुरू होना था लेकिन इससे एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. बता दें इसी सत्र मे कांग्रेस, बीरेन सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही थी.
दरअसल, संविधान के अनुसार, किसी भी राज्य की विधानसभा के दो सत्रों के बीच 6 महीनों से ज्यादा का अंतर नहीं होना चाहिए. वहीं अगर बात मणिपुर की करें तो ये समय सीमा बुधवार को समाप्त हो गई. किसी भी पार्टी या अलायंस ने इस दौरान सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया.
किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने पर उस राज्य का पूरा प्रशासन राष्ट्रपति के कंट्रोल में आ जाता है. राष्ट्रपति अपने प्रतिनिधि के तौर पर राज्यपाल को शासन चलाने की जिम्मेदारी देते हैं और राज्यपाल केंद्र सरकार के निर्देशों के मुताबिक शासन करते हैं.इस दौरान राज्य के लिए संसद कानून बनाती है और संसद सत्र नहीं चल रहा हो तो राष्ट्रपति अध्यादेश पारित कर सकते हैं. बता दें राष्ट्रपति शासन 6 महीने के लिए लागू किया जाता है. लेकिन इसे 3 साल तक बढाया जा सकता है.
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