नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को नई दिल्ली में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की उपस्थिति में राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में पुलिस, जेल, कोर्ट, अभियोजन और फॉरेन्सिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के महाराष्ट्र में कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई.
बैठक में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र नए आपराधिक कानूनों के अनुरूप एक आदर्श डायरेक्टरेट ऑफ प्रॉसिक्यूशन की व्यवस्था बनाए. उन्होंने कहा कि 7 साल से अधिक सजा के मामलों में 90 प्रतिशत से अधिक दोषसिद्धि हासिल करने के प्रयास किए जाएं और पुलिस, सरकारी वकील एवं न्यायपालिका मिलकर दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने का प्रयास करें.
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि देशवासियों को त्वरित व पारदर्शी न्याय प्रणाली देने के लिए मोदी सरकार संकल्पित है. उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था मजबूत बनाने के लिए अपराधों का दर्ज होना जरूरी है, इसलिए एफआईआर दर्ज करने में किसी तरह की देरी नहीं होनी चाहिए.
गृह मंत्री ने एक बार फिर इस बात पर जोर दिया कि संगठित अपराध, आतंकवाद और मॉब लिंचिंग के मामलों की वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नियमित मॉनिटरिंग करें ताकि इन अपराधों से जुड़ी धाराओं का दुरुपयोग न हो। उन्होंने कहा कि जेलों, सरकारी अस्पतालों, बैंक, फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (एफएसएल) इत्यादि परिसरों में वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए साक्ष्य दर्ज करने के व्यवस्था होनी चाहिए। शाह ने कहा कि ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए जिसमें अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम (सीसीटीएनएस) के जरिए दो राज्यों के बीच एफआईआर को ट्रांसफर किया जा सके। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र को सीसीटीएनएस 2.0 और आईसीजेएस 2.0 को अपनाना चाहिए.
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि पुलिस को पूछताछ के लिए हिरासत में रखे गए लोगों की जानकारी इलेक्ट्रॉनिक डैशबोर्ड पर प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने पुलिस थानों में इंटरनेट कनेक्टिविटी बढाने पर जोर दिया। शाह ने कहा कि हर पुलिस सब डिवीजन में फॉरेंसिक साइंस मोबाइल वैन्स की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए। गृह मंत्री ने फॉरेंसिक विशेषज्ञों की भर्ती पर बल देते हुए फॉरेन्सिक विभाग में खाली पदों पर भर्ती शीघ्र सुनिश्चित करने को कहा.
अमित शाह ने महाराष्ट्र सरकार से कहा कि वह राज्य की फिंगर प्रिंट पहचान प्रणाली को राष्ट्रीय स्वचालित फिंगरप्रिंट पहचान प्रणाली (एनएएफआईएस) के साथ एकीकृत करे। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस को अपराधियों के पास से बरामद की गई संपत्ति को नए आपराधिक कानूनों के प्रावधानों के अनुसार उसके असली हकदार को लौटाने की व्यवस्था करनी चाहिए। गृह मंत्री ने पुलिस थानों को सुंदर बनाने पर भी बल दिया.
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री राज्य में नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन की पाक्षिक और मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक साप्ताहिक समीक्षा करें.
बैठक में केन्द्रीय गृह सचिव, महाराष्ट्र की मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरडी) के महानिदेशक, राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (एनसीआरबी) के महानिदेशक और केन्द्रीय गृह मंत्रालय और राज्य सरकार के अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
हिन्दुस्थान समाचार
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