नई दिल्ली: दिल्ली के राजौरी गार्डन क्षेत्र से नवनिर्वाचित भाजपा विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने लोकसभा में नेता विपक्ष एवं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को आज पत्र लिखकर सज्जन कुमार को कांग्रेस से निकालने की मांग की है. इसके साथ ही सिरसा ने राहुल गांधी से यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि सिख विरोधी दंगों में शामिल कोई भी नेता कांग्रेस से न जुड़ने पाए.
साल 1984 के सिख विरोधी दंगों में सज्जन कुमार को दिल्ली की एक अदालत ने दोषी ठहराया है. इसी परिप्रेक्ष्य में राहुल गांधी को लिखे अपने पत्र के बारे में मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि उन्होंने राहुल गांधी को पत्र में याद दिलाया है कि सज्जन कुमार को अभी पार्टी से नहीं निकाला गया है. उनसे अनुरोध किया है कि वे संसद में एक प्रस्ताव पारित करके मोदी सरकार द्वारा सिख विरोधी दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए एसआईटी गठित करने की सराहना करें. इसके साथ ही सज्जन कुमार को संरक्षण देने के लिए सिख समुदाय और देश से माफी मांगें.
#WATCH | On his letter to Rahul Gandhi on Sajjan Kumar's conviction in 1984 anti-sikh riots, BJP MLA-elect Manjinder Singh Sirsa says, "I have written to Rahul Gandhi stating that Sajjan Kumar has not been expelled from the party yet. I have requested him to pass a resolution in… pic.twitter.com/0SsNOK1c2G
— ANI (@ANI) February 14, 2025
सिरसा ने राहुल गांधी को पत्र में लिखा है कि 1984 के सिख नरसंहार में भूमिका के लिए कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को हाल ही में दोषी ठहराया जाना देश के इतिहास के सबसे काले और शर्मनाक अध्यायों में से एक की दर्दनाक याद दिलाता है. लगभग चार दशकों से पीड़ितों और उनके परिवारों ने उन लोगों के खिलाफ न्याय के लिए लगातार लड़ाई लड़ी है, जिन्होंने निर्दोष सिखों के नरसंहार की साजिश रची, उसे सक्षम बनाया और उसे बचाया. अब, जब अदालत ने तीसरी बार उसके अपराधों की पुष्टि की है, तो नैतिक साहस और राजनीतिक जवाबदेही के साथ काम करने की जिम्मेदारी राहुल गांधी पर है.
भाजपा विधायक ने आगे लिखा है कि आप दोनों श्री दरबार साहिब (स्वर्ण मंदिर) जाते हैं, स्कार्फ पहनते हैं और खुद को सिख समुदाय के सहयोगी के रूप में पेश करते हैं. लेकिन केवल प्रतीकात्मकता से ज़्यादा हमेशा कामों की बात होती है. कठोर सत्य यह है कि सज्जन कुमार सिर्फ कांग्रेस के सदस्य नहीं थे, बल्कि दशकों तक कांग्रेस ने उन्हें संरक्षण और बढ़ावा दिया. अब भी उनको दोषी ठहराए जाने के बावजूद आपके नेतृत्व की ओर से कोई आधिकारिक निंदा नहीं की गई है. अगर न्याय और सांप्रदायिक सद्भाव के प्रति आपकी प्रतिबद्धता सच्ची है और सिर्फ राजनीतिक दिखावा नहीं है तो आपको कुछ जरूरी कदम उठाने चाहिए.
सिरसा ने कहा कि सज्जन कुमार के खिलाफ कांग्रेस की ओर से कार्रवाई नहीं करना “न्याय में देरी न्याय से वंचित करने” के समान है. सिख समुदाय और राष्ट्र उस नरसंहार को न तो भूला है और न ही दोषियों को माफ़ किया है. यह सिर्फ़ कानूनी मामला नहीं है, यह आपके नेतृत्व के लिए नैतिक परीक्षा है.
हिन्दुस्थान समाचार
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