चंडीगढ़: लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि लेजिस्लेटिव ड्राफ्ट बनाते समय सदस्यों के सकारात्मक सुझाव आने चाहिए. कई बार ड्राफ्ट में कमी रहने के कारण सरकार की कार्यप्रणाली और जनता पर इसका प्रभाव पड़ता है, इसलिए ये प्रारूप सदस्यों को परिचित होने चाहिए, ताकि सदस्यों के अनुभव से उसे और बेहतर बनाया जा सके. ओम बिरला शुक्रवार को चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा के विधायकों के लिए शुरू किए गए दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम का उद्घाटन कर संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम में पंजाब और उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्षों ने भी भाग लिया.
उन्होंने बजट का हवाला देते हुए कहा कि विधानसभा कमेटियों को नए बजट से पहले पिछले बजट का रिव्यू करके यह पता लगाना चाहिए कि बीते एक साल में किस क्षेत्र के बजट में सर्वाधिक प्रभाव देखने को मिला है. इस रिव्यू के आधार पर वित्त मंत्रालय अपने बजट में बदलाव कर सकता है. विधायकों को विधानसभा नियम और प्रक्रिया का अध्ययन करने की अपील करते हुए ओम बिरला ने कहा कि विधानसभा में किसी प्रकार का कानून बनाते समय उस पर अधिक से अधिक चर्चा करनी चाहिए, ताकि जनता के हित में उसे प्रभावी तरीके से लागू किया जा सके.
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि एक प्रभावी कानून बनाते समय पिछले सत्रों में हुई चर्चा, संवाद और डिबेट का भी अध्ययन करने की आवश्यकता है. इसलिए यह प्रयास किया जा रहा है कि पिछली विधानसभा में कानून बनाते समय नीति निर्माण, योजनाओं के समय जो भी चर्चाएं, संवाद हुआ है, उनका एक डिजिटल रिकॉर्ड रखा जाए. सभी राज्यों की विधानसभाओं का यह डिजिटल रिकॉर्ड एक प्लेटफार्म पर उपलब्ध होगा, जिसका सभी सदस्य अध्ययन कर सकते हैं और अपने सार्थक सुझाव दे सकते हैं.
इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि चुनाव में भले ही अलग-अलग पार्टियों के टिकट पर लड़कर जीतते हैं लेकिन विधानसभा में सभी जनप्रतिनिधि सदन के एक समान सदस्य हैं, जिनकी जनता के प्रति जवाबदेही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद सदन में बैठकों की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है। उन्होंने कहा कि 14वीं विधानसभा में 16 सत्रों में 76 सीटिंग हुईं.
इससे पूर्व भी 13वीं विधानसभा में 15 सत्र और 84 सीटिंग, 12वीं विधानसभा में 11 सत्र और 56 सीटिंग, 11वीं विधानसभा में 12 सत्र और 70 सीटिंग तथा 10वीं विधानसभा में 14 सत्रों में 66 सीटिंग हुई थीं. सदन में यह सकारात्मक माहौल केवल इसलिए संभव हुआ है कि सत्तापक्ष के साथ-साथ विपक्ष ने भी सदन को चलाने में रुचि दिखाई है। अब 15वीं विधानसभा में भी हम सब इसी प्रकार प्रदेश हित में खुलकर सकारात्मक चर्चा करेंगे और एक-दूसरे की बात को सम्मान देंगे.
हरियाणा विधानसभा के स्पीकर हरविंद्र कल्याण ने बताया कि इस बार 40 विधायक पहली बार चुनकर सदन में आए हैं. उन्होंने बताया कि दो दिन तक चलने वाले इस आयोजन के माध्यम से विधानसभा की कार्यप्रणाली से जुड़े तमाम पहलुओं के बारे में बताया जाएगा. स्पीकर ने ऐलान किया कि हरियाणा विधानसभा में बहुत जल्द अन्य समितियों के अलावा पर्यावरण एवं युवा मामलों से जुड़ी समिति का गठन भी किया जाएगा. जिसके माध्यम से सामाजिक तथा युवाओं से जुड़े मुद्दों पर काम किया जाएगा.
नेता प्रतिपक्ष के रूप में पहुंचे कांग्रेस विधायक बी.बी बतरा ने लोकसभा स्पीकर के सामने मुद्दा उठाते हुए कहा कि हरियाणा विधानसभा के कुछ हिस्से पर वर्षों से पंजाब का कब्जा है. आज केंद्र व राज्य में एक ही दल की सरकार है. इस कब्जे को खत्म करवाकर मौजूदा इमारत में हरियाणा को उसका हिस्सा दिया जाए. इस अवसर पर पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवा, उत्तर प्रदेश विधानसभा के स्पीकर सतीश महाना के अलावा हरियाणा के सभी विधायक तथा मंत्री मौजूद थे.
हिन्दुस्थान समाचार
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