दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार भारतीय जनता पार्टी ने 48 सीटें जीत 27 साल बाद राजधानी की सत्ता में वापसी की है. भाजपा के लिए यह बड़ी उपलब्धि है. दिल्ली फतह करने के बाद अब राजधानी में डबल इंजन की सरकार बन गई है. दिल्ली की जीत से उत्साहित बीजेपी अब नए मिशन मे जुट गई है. अब बीजेपी की नजरें अप्रैल में होने वाले दिल्ली नगर निगम के मेयर चुनाव पर है. अगर बीजेपी अपना मेयर बनाने में सफल हो जाती है तो राजधानी में ट्रिपल इंजन सरकार बन जाएगी.
बता दें दिल्ली नगर निगम में 15 साल तक भाजपा का शासन रहा है. लेकिन 2022 में हुए एमसीडी के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने बीजेपी से सत्ता छीन ली. बता दें दिल्ली नगर निगम में कुल 250 पार्षद है. मेयर चुनाव में निर्वाचित पार्षदों के अलावा दिल्ली के सातों सांसद, राज्यसभा केइजिसमे तीनों सांसद और दिल्ली के चुने गए 14 विधायक वोटिंग करते हैं. इस प्रकार 138 सीटें सरकार बनाने के लिए चाहिए.
क्या कहते हैं समीकरण?
दिल्ली में विधानसभा चुनाव के बाद अब एमसीडी के समीकरण बदल गए हैं. 11 पार्षद सांसद और विधायक बन गए है. जिसके बाद नगर निगम में निर्वाचित पार्षदों की संख्या 239 ही बची है. जिसमें से बीजेपी के 116 और आम आदमी पार्टी के भी 116 पार्षद है. वहीं कांग्रेस के पार्षदों की संख्या 7 है. बता दें 15 फरवरी को ही 3 आप पार्षदों ने बीजेपी ज्वाइन कर ली. जिसके बाद संख्या बराबर हो गई. वहीं खाली हुई 11 सीटों पर निर्वाचन आयोग कभी भी उपचुनाव करा सकता है.
कैसे मिलेगा BJP को बहुमत?
एमसीडी में बदले समीकरण के बाद बीजेपी के लिए अब दिल्ली नगर निगम में भी अपना मेयर बनाने की राह आसान हो गई है. बदले समीकरण राजधानी में अगर 14 विधानसभा सदस्यों में से 13 विधायक भी बीजेपी के मनोनीत होते हैं तो भी पार्टी एमसीडी में बहुमत हासिल कर लेगी. लोकसभा के 7 सांसद के साथ 13 विधायक और 116 पार्षदों को संख्या जोड़ दें तो बीजेपी के पक्ष में 136 सीटें बैठती है यानि बीजेपी को जीतने के लिए 2 सीट चाहिए. उपचुनाव में बीजेपी 11 में से अगर 2-3 सीटें भी जीत लें तो भी वो एमसीडी पर कब्जा कर लेगी.
वहीं आम आदमी पार्टी की बात करें तो 116 पार्षद और 3 राज्यसभा के पार्षद और 1 विधायक को मिलाकर कुल संख्या 120 ही बैठती है. वहीं अगर कांग्रेस के 7 पार्षद भी आम आदमी पार्टी को सपोर्ट करते है तो ये संख्या 127 पहुंच जाती है. उपचुनाव में अगर आम आदमी पार्टी सभी 11 सीटों पर जीत मिलती है तो बहुमत का आंकड़ा 138 पहुंच जाएगा लेकिन सभी सीटों पर जीत मिलना और कांग्रेस का साथ यह पॉलिबल ही नहीं है. वहीं आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सदस्य स्वाति मालिवाल, अपनी पार्टी से बागी है. कम संभावना है कि वो आप को वोट करेंगी.
नगर निगम में हर साल अप्रैल में महापौर का चुनाव होता है. 2022 में एमसीडी में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी. आम आदमी पार्टी तीन बार अपना मेयर बना चुकी है. पहले साल किसी महिला को मेयर बनने का मौका मिलता है. दूसरे वर्ष जनरल कैटिगिरी, तीसरे साल अनुसूचित जाति का मेयर चुना जाता है. वहीं चौथे और पांचवे साल जनरल कैटेगिरी से ही मेयर बनता है. दिल्ली में 97 प्रतिशत हिस्सा दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आता है. वहीं बस 3 प्रतिशत दिल्ली ही नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् क्षेत्र में आती है.
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