नई दिल्ली: भारत की विविधता में एकता की भावना को प्रकट करने वाला ‘काशी तमिल संगमम 2025’ एक बार फिर सांस्कृतिक और आध्यात्मिक समागम का अवसर प्रदान कर रहा है. इस आयोजन के माध्यम से उत्तर और दक्षिण भारत के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंधों को मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है. इस आयोजन के लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि यह ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को समर्पित कार्यक्रम है. सभी देशवासियों को इसका हिस्सा बनना चाहिए.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस आयोजन को लेकर एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक संदेश साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा कि ‘काशी तमिल संगमम… शुरू हुआ काशी और तमिलनाडु के बीच शाश्वत सभ्यतागत संबंधों का उत्सव. यह मंच सदियों से पनप रहे आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को एक साथ लाता है. यह एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को भी उजागर करता है.’ अपने संदेश में उन्होंने सभी से काशी तमिल संगमम 2025 का हिस्सा बनने की अपील भी की.
Kashi Tamil Sangamam begins…
A celebration of the timeless civilizational bonds between Kashi and Tamil Nadu, this forum brings together the spiritual, cultural and historical connections that have flourished for centuries. It also highlights the spirit of ‘Ek Bharat, Shrestha…
— Narendra Modi (@narendramodi) February 15, 2025
काशी तमिल संगमम उत्तर और दक्षिण भारत के बीच सदियों पुराने आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संबंधों का उत्सव है. उन्होंने सभी देशवासियों से काशी तमिल संगमम 2025 का हिस्सा बनने की अपील की.
काशी (वाराणसी) और तमिलनाडु का संस्कृति, साहित्य और आध्यात्मिकता से गहरा नाता है. यह आयोजन तमिल संतों, कवियों और विद्वानों द्वारा काशी की यात्रा और वहां के धार्मिक, दार्शनिक योगदान को भी उजागर करता है. काशी तमिल संगमम के दौरान संगीत, नृत्य, साहित्य, व्याख्यान और विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है, जिसमें दोनों क्षेत्रों की समृद्ध परंपराओं को प्रदर्शित किया जाता है. इस महोत्सव में तमिल और बनारसी कारीगरों, कलाकारों, विद्वानों और छात्रों को एक साथ लाने का प्रयास किया जाता है. कला, भोजन, परंपरा और आध्यात्मिकता के जरिए यह आयोजन देश की सांस्कृतिक विविधता को एक सूत्र में बांधने का कार्य करता है.
हिन्दुस्थान समाचार
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