महाकुम्भ नगर: प्रयागराज महाकुम्भ मेला में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान शिविर में 504 ब्रह्मज्ञानी विद्वानों ने लगातार वैदिक मंत्रों का जाप कर रविवार को विश्व रिकॉर्ड बनाया. एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स टीम के अधिकारियों ने जाग्रति संस्थान को इसका प्रमाण पत्र दिया. 14 जनवरी 2025 को महाकुम्भ मेला के दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान शिविर में इन ब्रह्मज्ञानी वेदपाठियों के बिना रुके हुए (24×7) किए गए वैदिक मंत्रों (रुद्री पाठ) पाठ को लाखों लोगों ने देखा और सुना. इस भव्य आध्यात्मिक परंपरा को शिविर में आने वाले श्रद्धालु, भक्त देखकर चकित थे. यह असाधारण तप कर्म 33 दिनों तक चला, जो आध्यात्मिक भक्ति और अनुशासन में एक अद्वितीय उपलब्धि का उदाहरण प्रस्तुत करता है.
दिव्य ज्योति वेद मंदिर द्वारा आयोजित दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) सेक्टर-9 में एक परियोजना के शिविर में इस पवित्र तप कर्म रिले के लिए 504 ब्रह्मज्ञानी वैदिक विद्वानों को एक साथ लाया. जिन्होंने 792 घंटों तक लगातार जाप किया. जिसमें कुल 25,61,328 वैदिक मंत्र शामिल हैं. जिसमें शुक्ल यजुर्वेदीय रुद्र अष्टाध्यायी पाठ के 11,151 प्रतिपादन शामिल हैं.
यह ऐतिहासिक उपलब्धि 14 जनवरी 2025 को सुबह 3 बजे शुरू हुई और 16 फरवरी 2025 को 4 बजे समाप्त हुई. महाकुम्भ मेले के दौरान आधिकारिक तौर पर एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में पंजीकृत किया गया.
उल्लेखनीय है कि 180 से अधिक शहरों के ब्रह्मज्ञानी वेदपाठियों ने विश्व शांति और मानवता के कल्याण को बढ़ावा देने के महान इरादे से इन मंत्रों का निस्वार्थ भाव से उच्चारण करने का संकल्प लिया. सभी वेदपाठियों ने इस कीर्तिमान में योगदान दिया. ये वेदपाठी दिव्य गुरु आशुतोष महाराज के शिष्य हैं, जिन्होंने महाकुम्भ में इस भव्य आध्यात्मिक प्रसाद में भाग लिया है.
हिन्दुस्थान समाचार
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