West Bengal Assembly Session 2025: पश्चिम बंगाल विधानसभा में सोमवार को जमकर हंगामा हुआ. भाजपा विधायकों ने शिक्षा संस्थानों में सरस्वती पूजा रोकने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से बयान देने की मांग की. विरोध के दौरान विधानसभा अध्यक्ष के सामने कागज फेंकने का आरोप लगने पर विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी समेत भाजपा के चार विधायकों को 30 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया. इससे साफ है कि निलंबित विधायक पूरे सत्र में भाग नहीं ले पाएंगे.
सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने राज्य के कई शिक्षण संस्थानों में सरस्वती पूजा पर रोक लगाए जाने का मुद्दा उठाया. भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस पर बयान देने की मांग की. विधानसभा में भाजपा की महिला विधायकों ने अग्निमित्रा पॉल के नेतृत्व में इस मुद्दे पर कार्यस्थगन प्रस्ताव रखा. विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने प्रस्ताव पढ़ने की अनुमति दी, लेकिन इस पर चर्चा से इनकार कर दिया.
इस फैसले से नाराज होकर विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने वेल में आकर विरोध शुरू कर दिया. इस दौरान भाजपा विधायक कागज फाड़कर हवा में उड़ाने लगे और कथित रूप से विधानसभा अध्यक्ष की ओर कागज फेंक दिए. इसे सदन की गरिमा का उल्लंघन माना गया.
इस घटना के बाद सरकार के मुख्य सचेतक निर्मल घोष ने भाजपा विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. विधानसभा में विपक्षी विधायकों की अनुपस्थिति में प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित हो गया. इसके बाद अध्यक्ष ने विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी, अग्निमित्रा पॉल, विश्वनाथ कारक और बंकिम घोष को 30 दिनों के लिए निलंबित करने की घोषणा की. इसका मतलब है कि ये विधायक वर्तमान सत्र की अवधि तक विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकेंगे. भाजपा विधायकों ने इस फैसले का विरोध किया और विधानसभा के लॉबी में बैठकर प्रदर्शन किया. पार्टी का आरोप है कि तृणमूल सरकार विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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