जोहानिसबर्ग: भारत के विदेशमंत्री एस जयशंकर ने यहां बीस देशों के समूह (जी-20) के विदेशमंत्रियों की बैठक में वैश्विक भूमिका पर भारत का पक्ष रखा. साथ ही अपने समकक्षों से मुलाकात भी की. उन्होंने एक्स पोस्ट में कहा कि इस बैठक में इस बात का भी जिक्र हुआ कि वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिति कठिन बनी हुई है. ऐसी स्थिति में जी-20 के दृष्टिकोण में सामंजस्य स्थापित करने की क्षमता एक सहमत एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है.
उन्होंने मध्य पूर्व, समुद्री सुरक्षा, यूक्रेन संघर्ष, इंडो-पैसिफिक और संयुक्त राष्ट्र सुधारों पर भारत की स्थिति प्रस्तुत की. विदेशमंत्री ने कहा कि भू-राजनीति एक वास्तविकता है. मगर राष्ट्रीय हित पहले हैं. हम सभी के लिए पिछले कुछ वर्षों के कुछ सबक हैं. उन पर विचार किया जाना चाहिए. हम दुनिया को एक बेहतर जगह पर ले जाना चाहते हैं. इसलिए यह जरूरी है. उल्लेखनीय है कि बीस देशों के समूह (जी-20) में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका के अलावा यूरोपीय संघ शामिल हैं.
जयशंकर ने एक्स हैंडल में सदस्य देशों के अपने समकक्षों से मुलाकात के फोटो और विचार भी एक्स पर साझा किए हैं. उन्होंने रूस के विदेशमंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की है. जयशंकर ने कहा कि सर्गेई से मिलकर खुशी हुई. इस दौरान भारत-रूस द्विपक्षीय सहयोग की निरंतर प्रगति की समीक्षा की. रियाद बैठक सहित यूक्रेन संघर्ष से संबंधित हालिया घटनाक्रम पर चर्चा की. इससे पहले गुरुवार को विदेशमंत्री जयशंकर ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा से मुलाकात की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं दीं.
जयशंकर ने चीन के विदेशमंत्री वांग यी और सऊदी विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान समेत विश्व के कई नेताओं से मुलाकात की. उन्होंने एक्स पोस्ट में सिंगापुर के विदेशमंत्री विवियन बालाकृष्णन और ब्राजील के विदेश मंत्री माउरो विएरा का भी जिक्र किया है. जयशंकर ने अपने इथियोपियाई समकक्ष गेडियन टिमोथिस से भी भेंट की.
हिन्दुस्थान समाचार
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