1984 के सिख विरोधी दंगे के आरोपी कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार की सजा पर दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. वहीं पीड़ित पक्ष ने सज्जन कुमार के लिए मौत की सजा की मांग की है. बता दें राउज एवेन्यू कोर्ट ने 12 फरवरी को सज्जन कुमार को दोषी ठहरया था. बता दें सज्जन कुमार पर सरस्वती विहार में जसवंत सिंह और उसके बेटे तरूणदीप सिहं की हत्या मामले में दोषी है और पहले से ही आजीवन कारवास की सजा काट रहे हैं.
बता दें 31 अक्टूबर 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद के राजधानी दिल्ली सहित कई हिस्सों में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे. बताया जाता है कि दिल्ली में ही करबीब 2700 लोग मारे गए. जबकि पूरे देश में मारे गए सिखों की संख्या 3500 के आसपास थी. इन दंगों के कांग्रेस के कई नेताओं को दोषी ठहराया गया और उन्हें सजा भी हुई.
कांग्रेस के पूर्व पार्षद बलवान खोखर भी सिख विरोध दंगों में जेल में बंद है और आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. सज्जन कुमार और बलवान खोखर दोनों ही 2018 सो दोषी ठहराने के बाद तिहाड़ जेल में बंद है. यह मामला 1-2 नवंबर, 1984 को दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के पालम कॉलोनी के राज नगर पार्ट-I में पांच सिखों की हत्या और राज नगर पार्ट-II में एक गुरुद्वारे को जलाने से जुड़ा है.
जगदीश टाइटलर पर आरोप है कि 1 नवंबर, 1984 को पुल बंगश गुरुद्वारा आज़ाद मार्केट में एकत्रित भीड़ को उकसाया, भड़काया और उकसाया. सीबीआई ने 20 मई, 2023 को टाइटलर के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था. सीबीआई ने दावा किया कि टाइटलर द्वारा उकसाए जाने पर भीड़ ने एक गुरुद्वारे में आग लगा दी और तीन लोगों की हत्या कर दी. टाइटलर ने दिल्ली हाईकोर्ट से मुकदमें की कार्रवाई पर रोक लगाने का अनुरोध किया है.
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