उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के पास स्थित कुएं को लेकर योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है. इस रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि यह कुआं उन प्राचीन 19 कुओं में एक है जिनका प्रशासन जीर्णोद्धार करने में लगा है. वहीं रिपोर्ट में कुएं को मस्जिद का हिस्से बताने वाला दावे को झूठा बताया गया है साथ ही कहा है कि कुआं सार्वजनिक जमीन पर बना हुआ है लेकिन जामा मस्जिद कमेटी के अधिकारी सरकारी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं.
बता दें संभल में शाही मस्जिद और हरिहर मंदिर को लेकर कानूनी लड़ाई चल रही है. सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा रखी है और इस मामले पर कल यानि 25 फरवरी को अगली सुनवाई होनी है. वहीं मुस्लिम पक्ष ने प्राचीन कुंओं की तलाश और खुदाई के खिलाफ याचिका दाखिल की है और कुंए को लेकर यथास्थिति बनाए रखने की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान यूपी सरकार से इसे लेकर स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी. जिसका जवाब यूपी सरकार ने कोर्ट में दाखिल कर दिया है. आइए जानते हैं सरकार ने अपनी परिपोर्ट में क्या-क्या कहा…
1. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह मस्जिद के पास स्थित कुआं उन प्राचीन 19 कुओं में एक है, जिनका जीणोद्धार किया जा रहा है. इन कुओं के जरिए संभल को सांस्कृतिक पहचान मिलेगी.
2. संभल में बड़ी संख्या में पर्यटक आएंगे और यहां विकास और रोजगार के रास्ते खुलेंगे. प्रशासन यहां परिक्रमा पथ, साइन बोर्ड जैसी सुविधाएं विकसित कर रहा है. लेकिन मस्जिद कमेटी बार—बार रूकावट पैदा कर रही है.
3. पहले से इस कुएं का उपयोग सभी समुदाय के लोग करते हैं. 1978 में सांप्रदायिक दंगों के बाद कुएं के एक हिस्से पर पुलिस चौकी बना दी लेकिन दूसरे हिस्से से पानी का इस्तेमाल होता रहा परंतु 2012 के करीब इस कुएं को ढक दिया गया.
4. अभी इस कुएं में जल नहीं है. प्रशासन इस कुएं के जरिए वर्षा के पानी का संरक्षण, जल पुनर्भरण आदि कामों के लिए इस्तेमाल करना चाहता है.
5. सरकार पूरे क्षेत्र में शाति और सद्भावना बनाए रखने में लगी हुई है. सार्वजनिक कुओं के इस्तेमाल से रोकना ठीक नहीं होगा.
बता दें सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी को मस्जिद के पास के कुंए को हरि मंदिर का कुंआ कहने वाले नगरपालिका के नोटिफिकेशन पर रोक लगा दी थी. पिछली सुनवाई में हिंदू पक्ष के वकील ने कोर्ट को बताया था कि 2006 तक हिंदू उस कुएं में पूजा करते थे लेकिन एक समुदाय की संख्या बढ़ जाने की वजह से हिन्दुओं ने वहां जाना पबंद कर दिया.
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