नई दिल्ली: राजधानी में प्रदूषण का स्तर घट गया है. सोमवार को राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 186 दर्ज किया गया. इसको देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली-एनसीआर में लागू ग्रेडेड रिस्पोंस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चरण दो की पाबंदियां हटा ली हैं. इसके तहत अब डीजल जनरेटर चलाए जा सकेंगे, वहीं निजी गाड़ियों के लिए पार्किंग फीस भी कम हो सकेगी. हालांकि राजधानी में ग्रैप-एक की पाबंदियां लागू रहेंगी. सोमवार को सीएक्यूएम की उपसमिति ने आपात बैठक कर स्थिति की समीक्षा की. एक्यूआई में आई गिरावट और मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मद्देनजर ग्रैप-2 की पाबंदियां हटाने का फैसला लिया गया है.
ग्रैप-2 की पाबंदियां हटने इन्हें मिलेगी राहत
कोयले और जलाऊ लकड़ी पर प्रतिबंध: रेस्तरां और होटलों में तंदूर सहित कोयले और जलाऊ लकड़ी के उपयोग पर प्रतिबंध था.
डीजल जनरेटर पर प्रतिबंध: आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं को छोड़कर, डीजल जनरेटर के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था
निर्माण और विध्वंस पर प्रतिबंध: निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, जिसमें राजमार्ग, फ्लाईओवर और पाइपलाइन जैसी सार्वजनिक बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शामिल थे.
यंत्रीकृत सफाई: सड़कों की सफाई यंत्रीकृत तरीके से की जाती है
पानी का छिड़काव: सड़कों पर प्रतिदिन पानी का छिड़काव किया जाता था.
एंटी-स्मॉग गन: एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल किया जाता है.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग सर्दियों के दौरान ग्रैप प्रतिबंध लागू करता है. उल्लेखनीय है कि ग्रैप की प्रतिबंध वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) पर आधारित हैं.
ग्रैप चरण एक: खराब वायु गुणवत्ता (एक्यूआई 201-300)
चरण-दो: बहुत खराब वायु गुणवत्ता (एक्यूआई 301-400)
चरण- तीन: गंभीर वायु गुणवत्ता (एक्यूआई 401-450)
स्टेज IV: गंभीर प्लस वायु गुणवत्ता (एक्यूआई 450 से ऊपर)
हिन्दुस्थान समाचार
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