नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि एक समय था जब देश में असम और पूर्वोत्तर के विकास की उपेक्षा की जाती थी. यहां की संस्कृति को भी नजरअंदाज किया जाता था. लेकिन अब पूर्वोत्तर की संस्कृति का ब्रांड एंबेसडर खुद मोदी ही बन चुका है. प्रधानमंत्री मोदी ने गुवाहाटी में सरुसजाई खेल परिसर में आयोजित झुमोइर बिनंदिनी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह कहा.
उन्होंने कहा कि वह असम के काजीरंगा में रुकने वाले, दुनिया को उसकी जैव विविधता के बारे में बताने वाले वह पहले प्रधानमंत्री हैं. उन्होंने कहा कि हमने कुछ ही महीने पहले असमिया को शास्त्रीय भाषा का दर्जा भी दिया है. असम के लोग अपनी भाषा के इस सम्मान का इंतजार दशकों से कर रहे थे. इसी तरह, असम के चराईदेव मोइदम को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है. इस मान्यता को प्राप्त करने में भाजपा सरकार के प्रयासों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. पूर्वोत्तर विकास मंत्रालय की स्थापना कर हमने सुनिश्चित किया है कि अष्टलक्ष्मी के रूप में हम पूर्वोत्तर के हर राज्य का सम्पूर्ण विकास करेंगे. पूर्वोत्तर के राज्य भारत को विकसित भारत बनाने में प्रभावी भूमिका निभाएंगे.
पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा सरकार असम के विकास और चाय जनजातियों को भी सहयोग देने के लिए काम कर रही है. बागानकर्मियों की आय में सुधार के लिए असम चाय निगम के कर्मचारियों के लिए बोनस की घोषणा की गई है. यह पहल चाय बागानों में काम करने वाली महिलाओं के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है, जिन्हें अक्सर गर्भावस्था के दौरान चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. लगभग 1.5 लाख गर्भवती महिलाओं को 15,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है. सरकार चाय बागानों में 350 से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिर भी खोल रही है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि असम में आज यहां अद्भुत माहौल है. ऊर्जा से भरा हुआ माहौल है. उत्साह, उल्लास और उमंग से ये पूरा स्टेडियम गूंज रहा है. झूमर नृत्य के सभी कलाकारों की तैयारी हर तरफ नजर आ रही है. इस जबरदस्त तैयारी में चाय बगानों की सुगंध भी है और उनकी सुंदरता भी है. उन्होंने कहा कि चाय की खुशबू और रंग को एक चाय वाले से ज्यादा कौन जानेगा. उन्होंने कहा कि झूमर और बागान की संस्कृति से उनका भी एक खास रिश्ता है.
उन्होंन कहा कि जब आप सभी कलाकार इतनी बड़ी संख्या में झुमोर नृत्य प्रस्तुत करेंगे, तो यह एक रिकॉर्ड बनाएगा. इससे पहले, जब वह 2023 में असम आए थे तब 11 हजार से अधिक कलाकारों ने बिहू नृत्य प्रस्तुत करके रिकॉर्ड बनाया था. प्रधानमंत्री ने इस सांस्कृतिक आयोजन के लिए असम सरकार और ऊर्जावान मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को बधाई दी. उन्होंने कहा कि ऐसा भव्य आयोजन न केवल असम के गौरव से जुड़े हैं बल्कि यह भारत की समृद्ध विविधता का प्रतिनिधित्व करते हैं. 60 से अधिक देशों के राजदूत असम का अनुभव लेने के लिए यहां आए हैं.
प्रधानमंत्री ने असम के गौरव लछित बोरफ़ुकन को याद करते हुए कहा कि सरकार ने उनके 400वें जन्मदिवस को व्यापक स्तर पर मनाया. गणतंत्र दिवस में उनकी झांकी भी शामिल थी. इसी तरह हमने आदिवासी समाज की विरासत का जश्न मनाने के लिए जनजातीय गौरव दिवस मनाने की शुरुआत की.
हिन्दुस्थान समाचार
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