सतना: केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नानाजी देशमुख ने अपने सतायु जीवन में जीवन का हर क्षण और शरीर का हर कण देश की सेवा को समर्पित किया. उनके जीवन दर्शन और कार्यों का प्रभाव युगों-युगों तक रहेगा. नानाजी राजनीति के क्षेत्र में रहकर अजातशत्रु थे. उन्होंने राजनीति में रहकर भी कला, साहित्य और समाजसेवा से लगातार सरोकार बनाए रखा. नानाजी राजनीति के जल कमल थे, जिन्हें कोई बुराई छू नहीं सकी. उन्होंने अपने जीवन में जो उपलब्धियां हासिल कीं, उसे एक जीवन में प्राप्त करना बहुत ही कठिन है.
केन्द्रीय गृह मंत्री शाह गुरुवार को मध्य प्रदेश के प्रवास के दौरान चित्रकूट में दीन दयाल शोध संस्थान द्वारा भारत रत्न राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख की 15वीं पुण्य तिथि के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कार्यक्रम में नानाजी देशमुख को श्रद्धासुमन अर्पित किए और पंडित दीन दयाल उपाध्याय की नवीन प्रतिमा का अनावरण किया. उन्होंने इस अवसर पर राम दर्शन के नवीन प्रकल्प का भी लोकार्पण किया. समारोह में पंडित दीन दयाल की प्रतिमा बनाने वाले शिल्पकारों को भी सम्मानित किया गया.
ग्रामीण भारत को सशक्त कर देश निर्माण का मजबूत माध्यम बनाना नानाजी देशमुख जी का सपना था, जिसके लिए वे आजीवन प्रतिबद्ध रहे। चित्रकूट (मध्य प्रदेश) में राष्ट्रऋषि नानाजी की 15वीं पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम से लाइव… https://t.co/CoVlzbbT3P
— Amit Shah (@AmitShah) February 27, 2025
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नानाजी देशमुख ने गरीबों की सेवा के लिए राजनीति छोड़ दी. उन्होंने समाजसेवा, व्यवहार, सनातनी संस्कार और राजनीति के समन्वय से नये सिद्धांत स्थापित किये. इन सिद्धांतों ने हम सबका मार्गदर्शन किया. देश की स्वतंत्रता के बाद जब विकास के लिए अर्थ नीति और देश नीति बनाई जा रही थी, तब पंडित दीन दयाल उपाध्याय और नानाजी देशमुख ने एकात्म मानववाद का सिद्धांत दिया. इसमें विकास की पंक्ति में अंतिम स्थान पर खड़े व्यक्ति को लक्ष्य में रखकर विकास की चिंता को शामिल करते हुए आर्थिक नीति का सृजन किया. एकात्म मानववाद के सिद्धांत पर चलकर ही हमारी सरकार देश को विश्व गुरु बनाने के पथ पर आगे बढ़ रही है.
उन्होंने कहा कि नानाजी देशमुख का मानना था कि जब तक गरीब और वंचितों का विकास नहीं होगा, तब तक राष्ट्र का विकास नहीं हो सकता है. इसीलिए उन्होंने राजनीति छोड़कर चित्रकूट से अंत्योदय और ग्रामोदय की अलख जगाई. उन्होंने ग्रामीण विकास के लिए असंख्य नवाचार और सफल प्रयोग किये. हमारी सरकार ने 10 सालों में 60 करोड़ गरीबों को पक्के मकान, बिजली, गैस सिलेण्डर और आयुष्मान कार्ड से निःशुल्क उपचार की सुविधा देकर नानाजी के सपने को पूरा करने का प्रयास किया है. अब हमारे गांव विकसित होकर अपनी परंपरा बनाये रखते हुए गोकुल गांव बन रहे हैं. नानाजी ने अपने जीवन के संस्कारों में तिलक के राष्ट्रवाद और गांधीजी के ग्राम स्वराज को समाहित किया है. इसीलिए पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने नानाजी को राष्ट्र ऋषि की उपाधि से विभूषित किया था. उन्होंने पंडित दीन दयाल उपाध्याय की नवीन प्रतिमा की स्थापना और श्रीराम दर्शन के नवीनीकृत प्रकल्प के लिए दीन दयाल शोध संस्थान को बधाई दी.
समारोह में नानाजी देशमुख को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि मैं विद्यार्थी परिषद के समय से चित्रकूट और नानाजी देशमुख से जुड़ा हुआ हूं. नानाजी का जीवन प्रेरणा पुंज है. उन्होंने सामाजिक कार्यों और ग्रामोदय के माध्यम से चित्रकूट को नई पहचान दी है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नानाजी को भारत रत्न देकर उनके कार्यों के प्रति सच्चा आदर प्रकट किया है. समारोह में दीन दयाल शोध संस्थान के सचिव अतुल जैन ने संस्थान के कार्यों और तीन दिवसीय कार्यशालाओं का सार संक्षेप विवरण दिया.
समारोह में प्रसिद्ध कथावाचक संत मोरारी बापू ने नानाजी देशमुख को श्रद्धांजलि देते हुए उनके राम राज्य और ग्राम विकास के कार्यों का स्मरण किया.
समारोह में संत सेनाचार्य अचरानंद महाराज, उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल, मंत्रीगण लखन पटेल, प्रतिमा बागरी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद बीडी शर्मा, सांसद गणेश सिंह, विधायक सुरेन्द्र सिंह गहरवार, जिला पंचायत अध्यक्ष रामखेलावन कोल, ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलगुरु भरत मिश्रा, डीआरआई के कार्यकारी अध्यक्ष निखल मुंडले और गणमान्य नागरिक, साधु-संत उपस्थित रहे.
हिन्दुस्थान समाचार
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