Mahakumbh 2025: देश के उत्तर प्रदेश में 45 दिनों के लिए आयोजित महाकुंभ का महापर्व बेशक समाप्त हो गया है, लेकिन इसके बाद भी यह पूरे विश्व में चर्चा का विषय बना हुआ है. हाल ही में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस में महाकुंभ अपने कुल 4 रिकॉर्ड दर्ज कर चुका है. पहला यह कि महाकुंभ में 15 हजार कर्मचारियों ने पूरे क्षेत्र में एक साथ झाडू लगाकर यह अनोखा रिकॉर्ड गिनीज बुक में दर्ज कराया है. दूसरा रिकॉर्ड गंगा नदी की सफाई के लिए 300 से ज्यादा सफाई कर्मियों ने अलग-अलग स्नान घाट पर सफाई कर एक नया विश्व कीर्तिमान स्थापित कर लिया है.
वहीं तीसरा वर्ल्ड रिकॉर्ड है हैंड प्रिंट पैटिंग बनाना. जिसमें सुबह 10 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक 10 हजार 102 लोगों ने 80 x 5 फीट लंबी कैनवास वॉल पर हैंड प्रिंट पेंटिंग बनाई. चौथा रिकॉर्ड परिवहन क्षेत्र में बना है. जिसमें एक हजार ई-रिक्शा ने एक साथ चलकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है.
सीएम योगी के नेतृत्व में आयोजित महाकुंभ 2025 कई मायनों ने सफल रहा. स्वच्छता, स्थिरता और सांस्कृति को बढ़ावा देते हुए इस बार के महाकुंभ ने कई सारी उपलब्धियां हासिल कर इसे और भी ज्यादा खास बना दिया है.
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में बनाए ये 4 रिकार्ड
महाकुंभ की संगमनगरी ने इस बार कई सारे विश्व के ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स बनाकर पूरी दुनिया में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है.
गंगा घाट की सफाई के लिए 300 से ज्यादा सफाई कर्मी (14 फरवरी)
45 दिनों तक चले इस महाकुंभ में 66 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में डुबकी लगाई है. ऐसे में सरकार ने स्वच्छता अभियान की ओर भी विशेष ध्यान दिया है. 300 से अधिक सफाईकर्मियों ने एक साथ गंगा नदी पर बने तीनों घाटों की सफाई कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है. बता दें, तीनों घाटों के नाम राम घाट, भरद्वाज घाट और गंगेश्वर घाट है. इस तरह का अभियान इतिहास में पहली बार चलाया गया है.
15 हजार कर्मचारियों ने बनाया गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड (24 फरवरी)
महाकुंभ 2025 में इस बार एक नहीं बल्कि 4 रिकॉर्ड हासिल किए हैं. इस महाकुंभ में 4 जोन में एक साथ 15 हजार स्वच्छता कर्मियों ने झाडू लगाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है. स्वच्छता कर्मियों की संख्या की गणना उनके हाथों में लगाए गए स्कैन कोड युक्त बैंड को स्कैन करके की गई है. यह नया रिकॉर्ड बना कर प्रयागराज ने साल 2019 में आयोजित कुंभ का वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ा है. साल 2019 में हुए कुंभ में 10 हजार सफाई कर्मियों ने एक साथ झाडू लगाया था.
10 हजार लोगों ने हैंड प्रिंट से की पैंटिंग (25 फरवरी)
महाकुंभ 2025 में 10 हजार से अधिक लोगों ने एक साथ मिलकर हैंडप्रिंट से पैटिंग कर एक नया रिकॉर्ड बनाया है. दरअसल 10 हजार से ज्यादा लोगों ने 8 घंटे में 80 x 5 फीट लंबी कैनवास वॉल पर हैंड प्रिंट पेंटिंग बनाई. अपने हाथों की छाप से पैंडिंग बना एक नया रिकॉर्ड गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल किया है. बता दें, इस पैंटिंग में मेला क्षेत्र में काम करने वाले लोग, सफाई कर्मी और शिक्षकों समेत कई लोगों के हाथों की छाप शामिल है. इस रिकॉर्ड ने साल 2019 में आयोजित कुंभ का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. साल 2019 में केवल 7 हजार 660 लोगों ने अपने हाथों की छाप दी थी.
1 हजार ई-रिक्शा ने एक साथ चलकर बनाया परिवहन क्षेत्र में बनाया रिकॉर्ड
महाकुंभ में सफाईकर्मियों के साथ परिवहन क्षेत्र में भी रिकॉर्ड बनाया है. 16 फरवरी को त्रिवेणी मार्ग पर एक साथ 1 हजार ई-रिक्शा ने चलकर एक नया रिकॉर्ड बनाया. इस आयोजन को करने का उद्देश्य लोगों को हरित ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरुक करना था.
इसके अलावा भी कई सारे ऐसे रिकॉर्ड्स इस महाकुंभ में बनाए गए हैं.
66 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु महाकुंभ में हुए शामिल
45 दिन तक चले इस महाकुंभ पर्व में 66 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई. महाकुंभ ने महारिकॉर्ड बनाने के बावजूद इस रिकॉर्ड को गिनीज बुक में शामिल नहीं किया गया. बता दें, दुनिया में करीब 120 से ज्यादा देश ऐसे हैं जहां इतनी आबादी भी नहीं है.
इस बार महाकुंभ ने 93 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा है. दरअसल, 1932 के बाद प्रयागराज एयरपोर्ट से कोई भी इंटरनेशनल फ्लाइट का टैक ऑफ या लैंडिंग नहीं हुई है. लेकिन इस बार एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन जॉब्स और उनके कुछ साथियों ने इस एयरपोर्ट से उड़ान भरी.
33 दिनों तक रुद्री संहिता का पाठ कर वेदपाठियों ने बनाया नया रिकॉर्ड
महाकुंभ 2025 में वेदपाठियों ने एक नया रिकॉर्ड कायम किया है. 33 दिनों तक लगातार वेदपाठियों ने रुद्री संहिता का पाठ कर इतिहास रच दिया है. 14 जनवरी की सुबह 3 बजे से शुरू हुआ रुद्री पाठ 16 फरवरी की सुबह 4 बजे समाप्त हुआ. इस पाठ में शामिल होकर 566 वेदपाठियों ने शुक्ल यजुर्वेद से रुद्राष्टाध्यायी संहिता का कुल 11,151 बार पाठन किया . इस पूरे पाठ के दौरान कुल 794 घंटों में 26,42,409 मंत्रों का जाप हुआ.
संगमनगरी में वायु प्रदूषण नियंत्रण का बना नया रिकॉर्ड
महाकुंभ में 66 करोड़ से ज्यादा लोगों ने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई. इस दौरान वहां पर हजारों की संख्या में दो पहिए, चार पहिए के वाहन मौजूद थे, लेकिन इसके बावजूद हैरान कर देने वाली बात यह है कि वहां का वायु प्रदूषण कंट्रोल में रहा. केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के पर्यावरण कंसल्टेंट इंजीनियर ने जानकारी देते हुए बताया कि महाकुंभ के दौरान भी प्रयागराज ग्रीन जोन बना हुआ है. उनके अनुसार
13 जनवरी को AQI 67
14 जनवरी को AQI 67
29 जनवरी यानी मौनी अमावस्या के दिन AQI 106
3 फरवरी को AQI 65
12 फरवरी को AQI 52 रहा था
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