नई दिल्ली: देश में कुल 6,327 डॉल्फिन होने का अनुमान लगाया गया है. सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गिर में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की 7वीं बैठक समाप्त करते हुए देश में पहली बार नदी में डॉल्फिन की संख्या का अनुमान जारी किया. आज जारी इस रिपोर्ट के अनुसार देश में कुल 6,327 डॉल्फिन होने का अनुमान लगाया गया. इस अग्रणी प्रयास में आठ राज्यों की 28 नदियों का सर्वेक्षण किया गया, जिसमें 8,500 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र को कवर किया गया है. उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक संख्या दर्ज की गई. उसके बाद बिहार, पश्चिम बंगाल और असम का स्थान रहा. रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिक डॉल्फिन गंगा एवं उसकी सहायक नदियों में 6324 डॉल्फिन हैं जबकि सिंधु नदीं में तीन डॉल्फिन पाई गई हैं.
लुप्त होती डोल्फिन?
रिपोर्ट के मुताबिक गंगा नदी में कुल 3,275 और ब्रह्मपुत्र में 635 तथा गंगा की अन्य सहायक नदियों में 2,414 डॉल्फिन हैं. इनके अलावा ब्यास नदी में 3 डॉल्फिन हैं. उल्लेखनीय है कि नदी डॉल्फ़िन स्वस्थ नदी पारिस्थितिकी तंत्र के महत्वपूर्ण संकेतक हैं, और उनकी घटती संख्या ने प्रदूषण और आवास विनाश के बारे में चिंताएं बढ़ा दी हैं. विशेष रूप से गंगा नदी में पाई जाने वाली डॉल्फ़िन को लुप्तप्राय के रूप में सूचीबद्ध किया गया है और यह गंगा-ब्रह्मपुत्र-मेघना नदी प्रणाली में पाई जाती है.
उल्लेखनीय है कि प्रोजेक्ट डॉल्फिन के तहत पिछले दो साल से नदी में रहने वाली डॉल्फिन का आकलन किया जा रहा था. जो दुनिया में अपनी तरह का पहला सर्वेक्षण था. दो वर्षों में किए गए इस सर्वेक्षण में गंगा, ब्रह्मपुत्र और सिंधु नदियों के 8,500 किलोमीटर क्षेत्र को शामिल किया गया. भारतीय वन्यजीव संस्थान के नेतृत्व में किए गए इस सर्वेक्षण में दो प्रजातियों – गंगा नदी डॉल्फिन और सिंधु नदी डॉल्फिन को शामिल किया गया. यह भविष्य के आकलन के लिए भारत में नदी डॉल्फिन की आधार आबादी बनेगा.
हिन्दुस्थान समाचार
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