जमीन के बदले नौकरी घोटाले के मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की. अदालत ने 50 हजार के मुचलके पर लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव और उनकी बेटी हेमा यादव जमानत दे दी है. समन मिलने के बाद दोनों कोर्ट में पेश हुए थे.
बता दें कि इस मामले में पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव, राबड़ी यादव और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को जमानत मिल चुकी है. इस मामले में लालू परिवार समेत 103 नामजद लोगों को आरोपी बनाया गया है.
क्या है ‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाला?
दअसल, यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है, जब यूपीए की सरकार में लालू प्रसाद यादव केंद्रीय रेल मंत्री हुआ करते थे. आरोप है कि रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले उम्मीदवारों से जमीन ली गई. यह जमीने कथित रूप से लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के नाम पर ट्रांसफर कराई गईं थी. सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद केस दर्ज किया और गृह मंत्रालय से लालू यादव पर केस चलाने की अनुमति मांगी थी, जिसे MHA ने मंजूरी दे दी थी.
सीबीआई की जांच और कोर्ट की प्रक्रिया
सीबीआई के अनुसार, रेलवे में नियुक्तियों के बदले कई उम्मीदवारों ने पटना और अन्य स्थानों पर अपनी जमीनें लालू परिवार के नाम कर दीं. जांच एजेंसी का दावा है कि यह लेन-देन नियमों का उल्लंघन था और इसके पीछे भ्रष्टाचार की साजिश थी.
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