बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की छत्रछाया में कट्टरपंथी मानसिकता से जुड़े लोग भारत विरोधी गतिविधियां लगातार चला रहा हैं. ताजा मामला कोलकाता की जादवपुर यूनिवर्सिटी से आया है, जहां असामाजिक तत्वों ने आजाद कश्मीर और फ्री फिलिस्तीन के नारे लिखे. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि विश्वविद्यालय के गेट नंबर 3 की दीवार पर ये विवादित नारे लिखे गए.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, यूनिवर्सिटी के गेट नंबर 3 के पास एक दीवार पर बनी पेंटिंग में कांटेदार तार से बंधे फूलों से एक हाथ दिखाया गया है. इसके साथ ही नारे लिखे हुए हैं.
पुलिस सूत्रों ने इंडिया टुडे टीवी को बताया कि शिकायत के आधार पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 61(ii) (आपराधिक साज़िश) और 152 (भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले काम) के तहत मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में पुलिस ने अज्ञात तत्वों के खिलाफ केस दर्ज किया.
इस घटना पर सियासत भी शुरू हो गई है. इस गतिविधि को लेकर टीएमसी सरकार पर सवाल उठे हैं तो ममता सरकार की ओर से इस मामले पर पल्ला झाड़ते हुए इसे वामपंथियों की कारस्तानी बताया गया है.
वहीं जादवपुर यूनिवर्सिटी तृणमूल छात्र परिषद (JUTMCP) के प्रमुख किशाले रॉय ने कहा है कि कैंपस को देश विरोधी गतिविधियों का केंद्र बनने से रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं.
जबकि वामपंथी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने इन आरोपों से इंकार कर दिया है. सीपीआईएम की जादवपुर यूनिवर्सिटी छात्र इकाई की ओर से कहा गया है कि वो इस तरह के अलगाववादी कुकृत्यों का समर्थन नहीं करते हैं. माकपा ने टीएमसी को घेरते हुए कहा है कि वह अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए वामपंथियों पर आरोप लगा रहे हैं.
विवादों में रहा है जादवपुर यूनिवर्सिटी का इतिहास
बता दें कि जादवपुर यूनिवर्सिटी में यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी यहां इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं. पिछले साल ही अक्टूबर में यूनिवर्सिटी में हमे न्याय चाहिए के नारे के साथ कश्मीर की आजादी से संबंधित नारे लगाए जाने का मामला सुर्खियों में आया था.
कमेंट