महाराष्ट्र में एमएनएस के प्रमुख राज ठाकरे ने गंगाजल और महाकुंभ को लेकर आपत्तिजनक बयान दे दिया. जिसके बाद मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासत गरमा गई है. राज ठाकरे ने अपनी पार्टी के 19वें स्थापना दिवस पर करोडों सनातनियों की आस्था का मजाक उड़ाया और सवाल किया कि गंगा नदी का पानी कौन पीएगा? उन्होंने महाकुंभ के पानी को गंदा बताते हुए कहा कि पानी इतना प्रदूषित है, पीने तो छोड़िए, पानी नहाने लायक नहीं है.
ठाकरे ने आगे कहा कि उनके कई पदाधिकारी महाकुंभ गए थे और उनकी पार्टी के नेता बाला नांदगांवकर एक बर्तन में पानी लेकर आए, लेकिन मैंने पीने से साफ इनकार कर दिया. अभी-अभी कोविड गया है. दो साल मुंह पर मास्क लगाकर घूम रहे थे. अब वहां जाकर स्नान कर रहे हैं. कौन उस गंगा में जाकर कूदेगा? श्रद्धा का भी कुछ अर्थ होना चाहिए.
राज ठाकरे ने नदियों में प्रदूषण का मुद्दा उठाते हुए कहा कि देश में एक भी नदी स्वच्छ नहीं है. राज कपूर ने एक मूवी बनाई, अगर वो वाली गंगा यह है तो हम भी स्नान करेंगे. लेकिन सच्चाई यह है कि कोई नदी साफ नहीं हुई है.
गंगा नदी को मां कहने पर जताई आपत्ति
राज ठाकरे ने गंगा नदी को मां कहने पर भी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि नदी को मां कहते हैं, लेकिन विदेशों में देखिए, नदियां कितनी साफ है विदेशो में लोग नदी को अपनी मां नहीं मानते, हैं. उन्होंने लोगों से अंधविश्वास से बाहर आने और दिमाग का सही प्रयोग करने का आग्रह किया.
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