केंद्र सरकार और तमिलनाडु राज्य के बीच चल रहे भाषा विवाद पर जनसेना पार्टी के प्रमुख और आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने हिन्दी का विरोध करने वालों को लताड़ लगाई है. उन्होंने शुक्रवार (14 मार्च) को भारत की भाषाई विविधता को संरक्षित करने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने यह भी कहा कि देश को सिर्फ दो नहीं, तमिल समेत कई भाषाओं की जरूरत है. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कुछ लोग हिंदी का विरोध कर रहे हैं, वही लोग फिल्मों को हिंदी में डब कर लाभ कमाने में सबसे आगे हैं.
काकीनाडा जिले में एक कार्यक्रम में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कल्याण ने कहा कि भारत को दो नहीं, अनेक भाषाओं की जरूरत है, हमें भाषाई विविधता को अपनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सिर्फ अपने देश की अखंडता को बनाए रखने के लिए ही नहीं, बल्कि अपने लोगों के बीच प्रेम और एकता को बढ़ावा देने के लिए भी यह आवश्यक है.
पवन कल्याण की यह टिप्पणी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की ओर से केंद्र सरकार पर हिंदी थोपने के आरोपों पर आई है. दरअसल यह मामला राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के त्रि-भाषा फॉर्मूले को लेकर शुरू हुआ था.
डीएमके पार्टी पर सीधे नाम लिए बिना तंज कसते हुए पवन कल्याण ने तमिलनाडु के राजनेताओं पर दिखावा करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वे हिंदी का विरोध तो करते हैं, लेकिन अपने फायदे लिए तमिल फिल्मों को हिंदी में डब करने की अनुमति देते हैं. पवन कल्याण ने कहा कि वे बॉलीवुड से पैसा चाहते हैं, लेकिन हिंदी को स्वीकार करने से इनकार करते हैं, यह किस तरह का विरोध है?
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