हाइलाइट्स
- लैक्स फ्रीडमैन के पॉडकास्ट में पीएम मोदी हुए शामिल
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका पर रखे विचार
- 'मैंने RSS जैसे प्रतिष्ठित संगठन से जीवन का सार सीखा'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक और पॉडकास्ट लेक्स फ्रीडमैन के साथ पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान अपने निजी और समाज जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. इस दौरान उन्होंने अपने जीवन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका पर प्रकाश डाला. पीएम मोदी ने कहा कि मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मैंने आरएसएस जैसे प्रतिष्ठित संगठन से जीवन का सार सीखा.
RSS से मैंने संस्कार प्राप्त किए- PM मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संघ ने उन्हें गढ़ने में मदद की है. पिछले 100 वर्षों में संघ ने देश को कई ऐसे स्वयंसेवक दिए हैं, जिन्होंने पवित्र संगठन से संस्कार प्राप्त कर देश के लिए काम किया है.
#WATCH | "… I feel fortunate that I learned the essence and values of life from such an esteemed organisation like the RSS. I got a life of purpose…," says PM Narendra Modi, in a podcast with Lex Fridman, as he talks about his association with the RSS.
He further says, "…… pic.twitter.com/cm1EOBf2fN
— ANI (@ANI) March 16, 2025
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन है. करोड़ों लोग इससे जुड़े हैं. संघ को समझना सरल नहीं है. संघ, देश और जन सेवा में सब कुछ अर्पित करने की प्रेरणा देता है. इसी क्रम में समाज के लिए कुछ करने की प्रेरणा देता है.
संघ से जुड़े संगठनों की पीएम मोदी ने की तारीफ
प्रधानमंत्री ने इस दौरान संघ से जुड़े संगठनों के बारे में भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि जीवन के हर क्षेत्र में संघ के स्वयंसेवक कार्यरत हैं. संघ का स्वयंसेवक अपनी रुचि और प्रकृति के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों में काम करता है. इसमें सेवा भारती, वनवासी कल्याण आश्रम, मजदूर संघ और कई अन्य संगठन हैं.
उन्होंने कहा कि सेवा भारती गरीब बस्तियों में लाखों सेवा प्रकल्प चल रहा है. वनवासी कल्याण आश्रम आदिवासी समाज में काम कर रहा है और 70 हजार से ज्यादा एकल विद्यालय चला रहा है. विद्या भारती जैसा संगठन 25 हजार स्कूल संचालित करता है, जिसमें एक समय पर 30 लाख से अधिक छात्र शिक्षा और संस्कार प्राप्त करते हैं.
भारतीय मजदूर संघ की देशभर में 55 हजार से अधिक यूनियन हैं. कम्युनिस्ट जहां दुनिया के कामगारों एक होने का नारा देता है, वहीं भारतीय मजदूर संघ दुनिया के लिए एक होने का नारा देता है.
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