भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी एआई रिसर्चर लेक्स फ्रिडमैन के बीच हुई चर्चा रविवार (16 मार्च 2025) को प्रसारित हुई. इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान, चीन, रूस समेत ग्लोबल पॉलिटिक्स और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उनके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा, इसे लेकर खुलकर चर्चा की. तो आइए जानते हैं इस बातचीत की मुख्य बातें.
भारत-चीन के रिश्तों पर खुलकर बात
अमेरिकी पोडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ इस बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने चीन के साथ भारत के संबंधों पर खुलकर बातचीत की. पीएम ने कहा कि जब दो पड़ोसी होते हैं तो मतभेद होना स्वाभाविक है. ऐसे में बातचीत ही इस मतभेद को दूर कर सकती है.
प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत और चीन के बीच संबंध कोई नई बात नहीं है, दोनों देशों की संस्कृतियां और सभ्यताएं अति प्राचीन हैं. आज की दुनिया में भी, दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका है, यदि आप ऐतिहासिक अभिलेखों को देखें, तो सदियों से भारत और चीन एक-दूसरे से सीखते रहे हैं और दोनों मिलकर दुनिया की भलाई के लिए काम करते रहे हैं.”
रूस और यूक्रेन युद्ध पर पीएम मोदी की सलाह
लेक्स फ्रिडमैन के रूस और यूक्रेन के युद्ध को रोकने और शांति लाने के लिए पूछे गए सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि मैं उस देश का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं जो भगवान बुद्ध की भूमि है, जो महात्मा गांधी की भूमि है और ये ऐसे महापुरुष हैं जिनके उपदेश जिनकी वाणी और व्यवहार पूरी तरह से शांति को समर्पित हैं, इसलिए सांस्कृतिक रूप से हमारा बैकग्राउंड मजबूत है, जब हम शांति की बात करते हैं तो विश्व हमें सुनता है क्योंकि ये बुद्ध और महात्मा बुद्ध की भूमि है. पीएम ने कहा कि मेरे रूस के साथ ही घनिष्ठ संबंध हैं और यूक्रेन के साथ मेरे घनिष्ठ संबंध हैं. उन्होंने कहा कि मैं राष्ट्रपति पुतिन के साथ बैठकर कह सकता हूं कि यह युद्ध का समय नहीं है और मैं राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी मित्रवत तरीके से कहता हूं कि भाई, दुनिया कितनी भी आपके साथ क्यों न खड़ी हो जाए, युद्ध के मैदान में कभी हल नहीं निकलेगा. समाधान तभी निकलेगा जब यूक्रेन और रूस दोनों बातचीत के लिए आमने-सामने आएंगे.
पाकिस्तान को लताड़
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और पाकिस्तान के रिश्तों से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए कहा, “दुनिया में कहीं पर भी आतंकवाद की घटना घटती है तो कहीं न कहीं पाकिस्तान कनेक्शन सामने आता है. उन्होंने कहा कि अमेरिका में 9/11 की बड़ी घटना हुई. इसका मुख्य सूत्रधार ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में शरण लेकर बैठा था. दुनिया पहचान गई है कि पाकिस्तान दुनियाभर के लिए परेशानी का केंद्र बन चुका है. हम लगातार कह रहे हैं कि आप आतंकवाद के रास्ते को छोड़ दीजिए, ये सरकारी आतंकवाद है जो बंद होना चाहिए. सब कुछ आतंकवादियों के हाथ में छोड़ दिया है, इससे किसका भला होगा?”
पीएम ने कहा, “शांति के प्रयासों के लिए मैं खुद लाहौर चला गया था. मेरे प्रधानमंत्री बनने के बाद मैंने मेरे शपथ समारोह में पाकिस्तान को स्पेशल इन्वाइट किया था ताकि एक शुभ शुरुआत हो. लेकिन हर बार अच्छे प्रयासों का परिणाम नकारात्मक निकला. हम उम्मीद करते हैं कि उनको सद्बुद्धि मिलेगी. वहां की आवाम भी नहीं चाहती होगी कि ऐसी जिंदगी जिएं.”
संघ से मुझे जीवन के संस्कार मिले
पीएम मोदी ने लेक्स फ्रिडमैन के साथ बातचीत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की उनके जीवन में अहम भूमिका, समाज में इसके योगदान और अपने व्यक्तिगत अनुभवों पर विस्तार से चर्चा की. लेक्स ने उनसे सवाल पूछा, “जब आप 8 साल के थे, तब आरएसएस में शामिल हो गए थे, जो हिंदू राष्ट्रवाद के विचार का समर्थन करता है. क्या आप मुझे आरएसएस के बारे में बता सकते हैं? आप पर और आपके राजनीतिक विचारों के विकास पर उनका क्या प्रभाव पड़ा?”
इसके जवाब में पीएम ने कहा, ” मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मैंने आरएसएस जैसे प्रतिष्ठित संगठन से जीवन का सार सीखा. संघ ने उन्हें गढ़ने में मदद की है. पिछले 100 वर्षों में संघ ने देश को कई ऐसे स्वयंसेवक दिए हैं, जिन्होंने पवित्र संगठन से संस्कार प्राप्त कर देश के लिए काम किया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन है. करोड़ों लोग इससे जुड़े हैं. संघ को समझना सरल नहीं है. संघ देश और जन सेवा में सब कुछ अर्पित करने की प्रेरणा देता है. इसी क्रम में समाज के लिए कुछ करने की प्रेरणा देता है.”
ट्रंप से दोस्ती पर बात
पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ बातचीत में पीएम मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपने मजबूत रिश्तों पर भी चर्चा की. पीएम मोदी ने एक पुरानी घटना का जिक्र करते हुए बताया, “हमारा ह्यस्टन में एक कार्यक्रम था ‘हाउडी मोदी’. मैं और राष्ट्रपति ट्रंप वहां मौजूद थे, पूरा स्टेडियम लोगों से खचाखच भरा हुआ था. इतने लोगों का एक जगह पर एकत्र होना अमेरिका में बहुत बड़ी घटना थी. मैंने वहां अपना भाषण दिया, तो ट्रंप नीचे बैठकर मुझे सुन रहे थे. ये उनका बडप्पन है कि अमेरिका के राष्ट्रपति स्टेडियम में नीचे बैठकर सुन रहे हैं और मैं मंच पर भाषण दे रहा हूं.”
हिंदू धर्म और उपवास पर क्या बोले पीएम?
अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के उपवास और हिन्दू धर्म को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा, “भारत में जो धार्मिक परंपराएं हैं, वो दरअसल, जीवनशैली हैं. हमारी सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू धर्म की बहुत बढ़िया व्याख्या की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हिंदू धर्म में किसी पूजा पद्धति का नाम नहीं है, लेकिन ये वे ऑफ लाइफ है, यह जीवन जीने की पद्धति है. हमारे शास्त्रों में शरीर, मन, बुद्धि, आत्मा, मनुष्य तत्व को किस प्रकार से ऊंचाई पर ले जाएं, इन सभी की चर्चा भी हैं, रास्ते भी हैं. परंपराएं हैं, व्यवस्थाएं हैं. उसमें एक उपवास भी है. लेकिन उपवास ही सबकुछ नहीं है. भारत में, चाहे आप इसे सांस्कृतिक रूप से देखें या दार्शनिक रूप से, कभी-कभी, मैं देखता हूं कि अनुशासन के लिए उपवास एक अच्छा तरीका है.”
एआई को लेकर क्या बोले पीएम?
पोडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन से बातचीत में पीएम मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) पर भी अपने विचार रखे. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दुनिया एआई के लिए कुछ भी कर ले, लेकिन भारत के बिना एआई पूरा नहीं हो सकता. पीएम ने कहा कि भारत सिर्फ इसका मॉडल नहीं बना रहा है, बल्कि विशेष उपयोग के मामलों के हिसाब से एआई बेस्ड एप्लिकेशन को भी विकसित कर रहा है.
कमेंट