सन 1526 में पानीपत के मैदान में जब इब्राहिम लोदी को हराकर बाबर ने मुगल साम्राज्य की नींव रखी. इसके बाद हिन्दुओं पर मुगल शासकों के अत्याचार का दौर शुरू हुआ. इसी मुगल साम्राज्य में औरंगजेब ने भी सन 1658 से लेकर 1704 तक यानि चार दशक से ज्यादा समय तक शासन किया. औरंगजेब सबसे ज्यादा क्रूर शासक था. इसकी क्रूरता के कारनामें इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं. इसके बाद भी मुस्लिम कट्टरपंथी आज इस जालिम शासक की तारीफ के कसीदे पढ़ते हैं, उसे महान शासक बता रहे हैं.
छावा फिल्म के बाद महाराष्ट्र में माहौल बदला है. लोगों को सही इतिहास का पता चला तो एक मांग उठी कि संभाजी महाराज के हत्यारे मुगल आक्रांता औरंगजेब की कब्र को हटाया जाना चाहिए. अब इसको लेकर कट्टरपंथी नागपुर में हिंसा पर उतर आए. कट्टरपंथियों ने यहां बड़े पैमाने पर पथराव, आगजनी, तोड़फोड़ की. सवाल यह है कि भारत में मुस्लिम कट्टरपंथी ऐसे दुर्दांत शासन की तरफदारी क्यों करते हैं.
इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं है और औरंगजेब तो इंसानियत के नाम पर काले धब्बे से भी गया गुजरा था. ऐसे शासक की तरफदारी करना और हिंसा फैलाना मंशा पर सवाल खड़े करते हैं. इससे तो यही लगता है कि भारत में इन कट्टरपंथियों की मंशा हिन्दू धर्म और हिन्दुओं के खिलाफ नफरत फैलाना है. तो आइए जानते हैं औरंगजेब के वो काले कारनामे जिसकी वजह से इतिहास में उसे सबसे क्रूर मुगल शासक का दर्जा मिला.
गद्दी के लिए अपने बाप को जेल में डाला, भाइयों की हत्या
औरंगजेब ने सत्ता को पाने के लिए अपने पिता को ही बंदी बनाकर जेल में डाल दिया. जब उसके पिता बादशाह शाहजंहा बीमार पड़ गए, तो उनके तीन पुत्रों दारा शिकोह, औरंगजेब और मुराद बख्श में सत्ता की जंग छिड़ गई. इसी दौरान औरंगजेब ने शाहजहां को ही कैदखाने में डाल दिया.
क्रूर औरंगजेब ने अपने सबसे बड़े भाई दारा शिकोह की ना केवल हत्या की बल्कि भाई का कटा सिर पूरी दिल्ली में घुमाया जिससे लोगों में दहशत हो. दारा शिकोह से छुटकारा पाने के बाद उसने सबसे छोटे भाई मुराद बख्श को जेल में डाल दिया और नशा दे-देकर उसकी मानसिक हालत बिगाड़ दी. यही काम उसने अपने भतीजे सुलेमान शिकोह के साथ किया. बाद में दोनों को मरवा दिया.
गैर इस्लामिक धर्मों को खत्म करने का अभियान
औरंगजेब ने भारत में इस्लाम के अलावा अन्य सभी धर्मों को खत्म करने का अभियान चलाया. उसने तमाम हिंदू मंदिरों को तोड़ा. औरंगजेब ने अपनी जिंदगी के करीब पांच दशक भारत से इस्लाम के सिवा सभी धर्मों के खात्मे की कोशिशों में लगा दी. उसने हिंदू, सिख समेत दूसरे गैर इस्लामिक धर्मों इस्लाम में धर्मांतरित करने के लिए पूरी जान लगा दी और इसके लिए लोगों की बड़े पैमाने पर हत्याएं भी करवाईं.
गैर-मुस्लिमों से जजिया टैक्स
औरंगजेब इतना क्रूर और कट्टर मुसलमान था कि धर्मांतरण करवाने में जहां असफल रहता तो वहां गैर-मुस्लिमों पर जजिया कर लागू किया. उसका खुलेआम ऐलान था कि जो भी इस्लाम नहीं अपनाएंगे उनसे जजिया कर वसूला जाएगा.
हिंदू त्योहारों पर प्रतिबंध
औरंगजेब हिन्दू धर्म से इतनी नफरत करता था कि अपने राज में हिंदुओं के लिए एक से एक अन्यायपूर्ण और कठोर नियम बनाए. उसने हिंदुओं के त्योहारों पर तरह-तरह के प्रतिबंध लगाए.
धार्मिक गुरुओं की हत्या और मंदिर तोड़ने का अभियान
इतिहास के पन्नों में झांकें तो पता चलता है कि क्रूर मुगल शासकों में सबसे बड़ा नाम औरंगजेब का है. औरंगजेब ने सिखों के 9वें गुरु तेग बहादुर का सिर कलम करवा दिया था. उसने गुरु गोविंद सिंह के बेटों को जिंदा दीवार में चुनवा दिया, वहीं संभाजी महाराज की आंखें फोड़ दीं और नाखून तक उखाड़ लिए. इसके शासन काल में भारत में शरीअत के आधार पर फतवा-ए-आलमगीरी लागू किया और बड़ी संख्या में हिंदू मंदिर ढहा दिए गए. उनसे काशी और सोमनाथ मंदिरों को नष्ट करवाया और लाखों हिंदूओं की हत्या करवाई.
यह भी पढ़ें – संसद में बोले PM मोदी – महाकुंभ में राष्ट्रीय चेतना के दर्शन हुए, दुनिया ने देखा भारत का विराट स्वरूप
यह भी पढ़ें – जो लोग औरंगजेब की प्रशंसा कर रहे हैं, वो देशद्रोही…डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे का बड़ा बयान
कमेंट