सियोल: दक्षिण कोरिया के दक्षिण-पूर्व के जंगल में लगी आग ने विकराल रूप ले लिया है. आग को नियंत्रित करने की कोशिश जारी है. इस दौरान जंगल में स्थित दक्षिण कोरिया का सदियों पुराना बौद्ध मंदिर नष्ट हो गया है. आग में कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई है. कोरियाई बौद्ध धर्म के जोग्ये संप्रदाय ने नष्ट हुए बौद्ध मंदिर की तस्वीरें जारी की हैं.
अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनएन की खबर के अनुसार, जोग्ये संप्रदाय ने कहा कि देश की राजधानी सियोल से 125 मील (200 किलोमीटर) से अधिक दूर दक्षिण-पूर्व में स्थित उइसोंग काउंटी में 1,300 साल पुराना गौंसा मंदिर पूरी तरह जलकर राख हो गया है. इसमें केवल इसकी औपचारिक घंटी ही बची हुई है. मगर इस ऐतिहासिक स्थल पर मौजूद कुछ कलाकृतियां बच गई हैं.
दक्षिण कोरिया के आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, देश के दक्षिणी क्षेत्रों के जंगल में शुष्क हवा और तेज हवाओं के कारण भड़की आग में कम से कम 18 लोग मारे गए हैं और 19 अन्य झुलस गए.
अधिकारियों ने बताया कि मरने वालों में चार दमकल कर्मचारी भी शामिल हैं. आग लगातार फैल रही है. आग बुझाने के लिए 10,000 से अधिक अग्निशमन कर्मियों, पुलिस और सिविल सेवकों को तैनात किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि बुधवार तक आग ने 17,398 हेक्टेयर (लगभग 43,000 एकड़) से अधिक भूमि को जला दिया.
दक्षिण कोरिया के प्रधानमंत्री और कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू ने कहा कि हाल के वर्षों में देश में यह सबसे भीषण आग है. इससे भारी क्षति हुई है. हान ने कहा कि यह चिंताजनक है. द कोरिया हेराल्ड अखबार के अनुसार, केंद्रीय आपदा एवं सुरक्षा प्रतिवाद मुख्यालय की ब्रीफिंग में कहा गया है कि आग में बुधवार सुबह तक कम से कम 18 लोगों की मौत हो चुकी है. 19 लोग झुलसे हैं. एक व्यक्ति लापता है. उत्तरी ग्योंगसांग प्रांत के 14 लोग मारे गए हैं, जबकि दक्षिण ग्योंगसांग प्रांत के चार लोगों की जान चली गई है.
हिन्दुस्थान समाचार
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