म्यांमार में आए भूकंप के बाद भारत ने तीनों सेनाओं के जरिए अपना ऑपरेशन ‘ब्रह्मा’ तेज कर दिया है. नौसेना के दो जहाजों ने यांगून पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया है. इसके अलावा दो और जहाज म्यांमार के लिए रवाना किये गए हैं, जो मंगलवार को पहुंचकर ऑपरेशन में शामिल होंगे. भारतीय सेना की 118 सदस्यीय फील्ड अस्पताल इकाई भी सोमवार को आगरा से मांडले के लिए रवाना की गई है. यह टीम 60 बिस्तरों वाला चिकित्सा उपचार केंद्र स्थापित करके भूकंप प्रभावितों को आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराएगी. भारतीय वायु सेना ने तीन परिवहन विमानों के जरिए अब तक 96.3 टन राहत सामग्री पहुंचाई है.
तीनों सेनाओं का ऑपरेशन’ब्रह्मा’ हुआ तेज
भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के साथ मिलकर भूकंप प्रभावित म्यांमार में मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) प्रयासों को आगे बढ़ाया जा रहा है. नौसेना के कमोडोर रघुनाथ नायर ने आज बताया कि म्यांमार में 28 मार्च को आए विनाशकारी भूकंप के बाद भारत सरकार ने सहायता प्रदान करने के लिए शुरू किया ऑपरेशन ‘ब्रह्मा’ तेज कर दिया है.
नौसेना ने इसके लिए चार जहाजों को तैनात किया है, जिसमें से जहाज सतपुड़ा और सावित्री 29 मार्च को यांगून के लिए 40 टन मानवीय सहायता लेकर रवाना किये गए थे. दोनों जहाजों ने म्यांमार पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया है.
नौसेना के जहाजों में भेजी गई 52 टन राहत सामग्री
उन्होंने बताया कि इसके अलावा अंडमान और निकोबार कमान से भारतीय नौसेना के जहाज करमुक और एलसीयू 52 भी मानवीय सहायता और आपदा राहत संचालन में सहायता के लिए 30 मार्च को यांगून के लिए रवाना किये गए हैं. इन जहाजों पर लगभग 52 टन राहत सामग्री लादकर भेजी गई है, जिसमें आवश्यक कपड़े, पीने का पानी, भोजन, दवाइयां और आपातकालीन राहत सामग्री है.
नौसेना इस क्षेत्र में ‘पहला प्रतिक्रियादाता’ बने रहने के भारत के संकल्प के प्रति प्रतिबद्ध है. दो जहाजों को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के श्री विजयपुरम बंदरगाह में स्टैंडबाय पर रखा गया है. इन्हें मंगलवार को रवाना किया जाएगा और दोनों जहाज लगभग उसी समय म्यांमार पहुंचेंगे, जब वहां पहले से मौजूद दो जहाज वापसी के लिए रवाना होंगे.
म्यांमार के लिए संकटमोचक बना भारत
सेना की ओर से बताया गया है कि म्यांमार में 28 मार्च को आए भूकंप के बाद त्वरित प्रतिक्रिया में भारतीय सेना ऑपरेशन ब्रह्मा के हिस्से के रूप में तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए एक विशेष चिकित्सा कार्य बल तैनात कर रही है. लेफ्टिनेंट कर्नल जगनीत गिल के नेतृत्व में शत्रुजीत ब्रिगेड मेडिकल रिस्पॉन्डर्स की 118 सदस्यीय एयरबोन एंजल्स टीम आवश्यक चिकित्सा उपकरणों के साथ आगरा से मांडले के लिए रवाना हो चुकी है. यह टीम म्यांमार के लोगों को प्राथमिक उपचार और आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में सहायता करेगी.
आपदा से प्रभावित स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं को सहायता देने के लिए 60 बिस्तरों वाला चिकित्सा उपचार केंद्र स्थापित किया जाएगा. यह मिशन भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के सिद्धांत पर शुरू किया गया है, जो संकट के समय मित्र देशों के साथ एकजुटता से खड़ा है.
वायुसेना कर रही है लगातार काम
वायुसेना ने एक बयान में बताया कि म्यांमार के लोगों के साथ एकजुटता दिखाते हुए भारतीय वायुसेना भूकंप प्रभावित म्यांमार में राहत एवं बचाव मिशन ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ में लगातार काम कर रही है. वायुसेना ने अपने तीन परिवहन विमानों को इस ऑपरेशन में तैनात किया है. अब तक 96.3 टन महत्वपूर्ण आपूर्ति के साथ सेना चिकित्सा कोर और एनडीआरएफ के 198 कर्मियों को तीन सी-130जे और दो सी-17 विमानों के जरिए हवाई मार्ग से पहुंचाया गया है. म्यांमार के लोगों के लिए तत्काल मानवीय सहायता की पहली खेप भी भेजी गई है. वायुसेना के सी-130जे विमान से कंबल, तिरपाल, स्वच्छता किट, स्लीपिंग बैग, सोलर लैंप, भोजन के पैकेट और रसोई सेट लेकर भेजा गया है. इस उड़ान के साथ एक खोज एवं बचाव दल और चिकित्सा दल भी है.
हिन्दुस्थान समाचार
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