केंद्र सरकार वक्फ संशोधन बिल को संसद में लाने की तैयारी में है. संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त 2024 को यह बिल लोकसभा में पेश किया था, लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेज दिया गया था. अब एक बार फिर से इसे पेश किया जाएगा.
बता दें कि जेपीसी की अध्यक्षता जगदंबिका पाल ने की थी. समिति की रिपोर्ट आने के बाद संशोधित बिल को कैबिनेट पहले ही मंजूरी दे चुकी है. अब इसे संसद में पेश कर पास कराने की बड़ी जिम्मेदारी है. तो आईए जानते हैं कि दोनों सदनों-लोकसभा और राज्यसभा में सरकार और विपक्ष का नंबरगेम क्या है?
संसद में सरकार और विपक्ष का नंबर गेम क्या है?
तो पहले बात करते हैं लोकसभा की. लोकसभा में इस समय कुल 542 सदस्य हैं. इसमें बीजेपी के 240 सांसद हैं, जिससे यह सबसे बड़ी पार्टी है. वहीं बीजेपी के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) कुल 293 सांसदों के साथ बहुमत में है. यह संख्या 272 के जरूरी आंकड़े से ज्यादा है, जो किसी भी बिल को पास कराने के लिए आवश्यक होता है.
उधर, विपक्ष की बात करें तो कांग्रेस के 99 सांसद हैं. इंडी गठबंधन में शामिल सभी दलों को मिलाकर इनकी कुल संख्या 233 तक ही पहुंचती है, जो बहुमत से कम है. इसके अलावा आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर और शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल जैसी कुछ पार्टियां हैं, जो न तो एनडीए में हैं और न ही इंडी गठबंधन में. साथ ही कुछ निर्दलीय सांसद भी हैं, जो किसी गठबंधन के साथ अभी खुलकर सामने नहीं हैं.
वहीं, राज्यसभा में वर्तमान में कुल 236 सदस्य हैं. इसमें बीजेपी के 98 सांसद हैं. अगर गठबंधनों की बात करें तो एनडीए के पास लगभग 115 सांसद हैं, इसके अलावा, 6 मनोनीत सदस्य भी हैं, जो आमतौर पर सरकार के पक्ष में मतदान करते हैं. इन्हें जोड़ने पर एनडीए की संख्या 121 तक पहुंच जाती है, जो किसी भी विधेयक को पास कराने के लिए जरूरी 119 के आंकड़े से 2 अधिक है.
विपक्ष की बात करें तो कांग्रेस के 27 सांसद हैं और इंडी गठबंधन के अन्य दलों के 58 सदस्य हैं. यानि कि विपक्ष के कुल 85 सांसद हैं. इसके अतिरिक्त वाईएसआर कांग्रेस के 9, बीजेडी के 7 और एआईएडीएमके के 4 सदस्य राज्यसभा में हैं. कुछ छोटे दलों और निर्दलीय मिलाकर 3 सदस्य ऐसे हैं, जो न तो सत्ताधारी एनडीए में हैं और न ही विपक्षी इंडी गठबंधन में.
वक्फ बिल में खास क्या है?
उच्च न्यायालय (हाई कोर्ट) में अपील का अधिकार – अब वक्फ संपत्ति से जुड़े किसी विवाद में हाई कोर्ट में अपील हो सकती है, जबकि पहले वक्फ ट्रिब्यूनल का फैसला ही अंतिम माना जाता था.
दान किए बिना संपत्ति पर दावा नहीं कर सकता बोर्ड – अब वक्फ बिना दान मिले किसी संपत्ति पर अपना दावा नहीं कर सकता है. पहले अगर वक्फ बोर्ड किसी संपत्ति पर अपना दावा ठोकता था, तो वह वक्फ की संपत्ति मानी जाती थी.
महिला और अन्य धर्मों के सदस्य शामिल– अब वक्फ बोर्ड में एक महिला और एक अन्य धर्म का सदस्य अनिवार्य रहेगा. पहले, बोर्ड में महिला या किसी अन्य धर्म के सदस्य नहीं रखे जाते थे.
कलेक्टर को अधिकार – अब कलेक्टर वक्फ संपत्ति का सर्वे कर सकेगा और उसे यह तय करने का अधिकार होगा कि कोई संपत्ति वक्फ की है या नहीं है.
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