वक्फ कानून के खिलाफ अबतक 6 याचिकाएं सर्वोच्च न्यायलय में दायर की गई है. वहीं इन दायर याचिकाओं पर तत्काल सुनवाई की मांग भी की गई है. जमीयत उलेमा ए हिन्द की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सोमवार को चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष वक्फ कानून में संशोधन कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर जल्द सुनवाई की मांग की.
इस चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि जल्द सुनवाई के अनुरोध को लेकर व्यवस्था बनी हुई है. आप हमें मेल या पत्र भेजे. इस पर सिब्बल ने कहा कि यह सारी प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है. सीजेआई ने कहा कि दोपहर को इन अनुरोधों को देख कर सुनवाई पर फैसला लूंगा.
दायर याचिकाओं में क्या कहा गया?
इस मामले में दिल्ली के आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान, कांग्रेस पार्टी के सांसद मोहम्मद जावेद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के अलावा कई याचिकाकर्ताओं ने याचिका दायर की है. याचिकाओं में कहा गया है कि वक्फ कानून में संशोधन कर मुस्लिमों के धार्मिक और सांस्कृतिक स्वायत्तता पर प्रहार किया गया है. वक्फ संशोधन कानून मुसलमानों के धार्मिक और धर्मार्थ संस्थानों का प्रबंधन करने के अल्पसंख्यकों के अधिकारों को कमजोर करता है. याचिकाओं में इस संशोधन को मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भेदभावपूर्ण बताया गया है.
कांग्रेस सांसद की याचिका में कहा गया है कि यह बदलाव मुस्लिम समुदाय के संवैधानिक अधिकारों का हनन है. याचिका में कहा गया है कि वक्फ संशोधन कानून वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन पर मनमाने तरीके से प्रतिबंध लगाता है और मुस्लिम समुदाय के धार्मिक स्वायत्तता को कमजोर करता है. ओवैसी की याचिका में कहा गया है कि वक्फ संशोधन कानून मुसलमानों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है.
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