26/11 मुंबई आतंकी हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को विशेष विमान के द्वारा अमेरिकी से भारत लाया जा रहा है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजीत डोभाल पूरे मिशन पर पल-पल की अपडेट ले रहे हैं. अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में राणा की याचिका खारिज होने के बाद उसके भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हुआ था. अब भारत की धरती पर उसके हर गुनाह का चुन-चुन कर दंड दिया जाएगा. तहव्वुर राणा कौन है? उसकी कैसे आतंक की दुनिया में एंट्री हुई? किसने उसे हाथ पकड़कर इस दहलीज को पार कराया? तहव्वुर राणा के सभी राज हम आपको बताने वाले हैं.
कौन है तहव्वुर राणा?
तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है और उसकी उम्र 64 वर्ष है. तहव्वुर राणा ने सैन्य तैयारी कराने वाले कैडेट कॉलेज हसन अब्दल से पढ़ाई की थी. यही पर उसकी दोस्ती डेविड कोलमैन हेडली से हुई. बता दें कि हेडली वही व्यक्ति है जिसने मुंबई आतंकी हमलों की योजना बनाई थी. वह उस गिरोह का प्रमुख सदस्य था.
तहव्वुर राणा मेडिकल डिग्री पूरी करने के बाद पाकिस्तानी सेना की मेडिकल कोर में शामिल हो गया. जहां उसने कैप्टन जनरल ड्यूटी प्रैक्टिशनर के रूप में कार्य किया गया. इसके सैन्य सेवा के बाद राणा और उसकी डॉक्टर पत्नी ने 2001 में कनाडाई नागरिक बन गया.
2009 में गिरफ्तारी से पहले वह शिकागो में रहता था. जहां उसने कई प्रकार का व्यापार किया. 2006 में तो उसने अपने मित्र डेविड हेडली को मुंबई में एक इमिग्रेशन फर्म की ब्रांच खोलने में मदद की. जांच में सामने आया कि यह बिजनेस फर्म का नाम आतंकवादी गितिविधियां संचालित करने में आया था.
मुंबई हमलों में तहव्वुर राणा की भूमिका
साल 2008 में हुए मुंबई हमलों की प्लानिंग साल 2005 में शुरू हुई थी. उस समय राणा, आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और हरकत-उल-जिहाद-अल- इस्लामी का सदस्य था. तहव्वुर राणा ने भारत के वीजा हासिल करने में हेडली की सहायता की थी. इतना ही नहीं उसने ही मुंबई में इमीग्रेसन सेंट की स्थापना की थी. शुरूआत में उसका लक्ष्य में उसे विभिन्न शहरों में स्थित चबाड हाउस को निशाना बनाना शामिल था.
तहव्वुर राणा पाकिस्तान के मेजर इकबाल के साथ करीबी संपर्क में रहा है. बता दें इकबाल पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) एजेंसी का हिस्सा रहा था. इकबाल ने ही हेडली को मुंबई में ऑफिस संचालित करने और आतंकवादी गतिविधियों के लिए 1500 डॉलर दिए थे. हेडली ने टार्गेटेड लोकेशंस पर निगरानी करने के लिए 2007-08 के बीच मुंबई की पांच लंबी यात्राएं की थी.
तहव्वुर राणा का पाकिस्तानी कनेक्शन
तहव्वुर राणा पाकिस्तान में ही बडा हुआ है. उसने पाकिस्तानी खुफिया सेवाओं और आतंकवादी संगठनों के साथ गहरे संबंध बनाए थे. जांच में सामने आया कि तहव्वुर राणा मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार पाकिस्तानी स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक सक्रिया कार्यकर्ता था.
राणा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई
साल 2009 में, अमेरिकी अधिकारियों ने डेनमार्क में जाइलैंड्स- पोस्टेन अखबार के न्यूज पेपर के ऑफिस पर हमला करने की साजिश के आरोप में तहव्वुर राणा और हेडली को गिरफ्तार किया था. बता दें इन अखबार ने इनके खिलाफ कार्टू पब्लिश किए थे. इसी जांच में उसकी मुंबई हमलों में हाथ होने का पता चला.
जून 2011 में अमेरिकी जिला न्यायलय में तीन सप्ताह तक सुनवाई के बाद, लश्कर-ए-तैयबा की मदद करने और डेनिश अखबार के खिलाफ साजिश रचने के लिए दोषी ठहराया गया.
तहव्वुर राणा अब सुनाई जेल से सजा
तहव्वुर राणा को अमेरिकी अदालत में मुंबई हमलों में प्रत्यक्ष भागीदारी के आरोपों से मुक्त कर दिया गया था, फिर भी उसे 17 जनवरी, 2013 को 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. सजा सुनाते समय जज ने साजिश को “कायरतापूर्ण” कहा था. इस बीच, हेडली ने 12 आतंकवाद के आरोपों में दोषी होने की दलील दी और उसे 35 साल की जेल की सजा सुनाई गई. अधिकारियों के साथ हेडली के सहयोग, जिसमें राणा के खिलाफ गवाही देना भी शामिल था – उसे मौत की सजा और प्रत्यर्पण से बचने में मदद की.
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