कहते हैं जहां स्वच्छता होती है वहां देवता वास करते है. केंद्र की मोदी सरकार ने भारत को स्वच्छ और सुंदर राष्ट्र बनाने के लिए साल 2014 में ‘स्वच्छ भारत मिशन’ की शुरुआत की थी. इस मेगा अभियान का सकारात्मक असर पिछले साढे 10 सालों में देशभर में देखने को मिला है. हिन्दुस्तान अब खुले में शौच मुक्त हो गया है. यह अपने आप में बड़ी, अभूतपूर्व और गौरवांवित करने वाली उपलब्धि है. अब शहरों के बीच स्वच्छता के लिए स्पर्धा होने लगी है. अपने शहर की रैंकिंग को सुधारने के लिए वहां की लोकल बॉडिज खूब मेहनत करती नजर आ रही है.
इस अभियान का ही असर है कि आज भारत के हर घऱ में शौचालय उपलब्ध है. ग्रामीण महिलाएं अब खुले में शौच करने के लिए मजबूर नहीं है. वह अब घर में मौजूद शौचालय का ही उपयोग करने लगी है. जिससे कई बीमारी से अब उन्हें मुक्ति भी मिली है. स्कूल- कॉलेज और अन्य शैक्षिक संस्थानों में लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय होना सुनिश्चित हुआ है. जिसकी वजह से इन संस्थानों में बालिकाओं की संख्या में वृद्धि हुई है.
देश में पिछले 10 सालों में 12 करोड़ से अधिक टॉयलेट बनाए गए. वहीं एक स्टडी में सामने आया है कि स्वच्छ भारत मिशन से हर वर्ष 60 से 70 हजार बच्चों का जीवन बच रहा है.
कब हुई थी स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 यानि राष्ट्रपति महात्मा गांधी जी की जंयती से इस अभियान की शुरूआत की. पीएम मोदी ने खुद दिल्ली के मंदिर मार्ग थाने के पास इस स्वच्छता अभियान में भाग लिया. इस दौरान पीएम मोदी ने हाथ में झाडू उठाकर साफ-सफाई की और स्वच्छ भारत मिशन की शुरूआत की.
शासन के शीर्ष पर बैठे व्यक्ति को सफाई करता देख देशवासी इस अभियान से इसकदर जुडे कि स्वच्छता सभी के लिए एक मुहिम बन गई. देखते ही देखते क्या गांव, क्या शहर, क्या जिला, क्या ब्लॉक हर स्तर पर देशभर में स्वच्छता के कार्यक्रम शुरू हो गए. सोशल मीडिया पर स्वच्छता पहल ट्रेंड करने लगी. हर कोई सफाई कर अपनी फोटो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड़ करने लगे. पीएम मोदी की अपील पर स्वच्छता जन आंदोलन बन गया.
पीएम मोदी ने लोगों को दिलाई शपथ
दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी ने देश को स्वच्छता का मंत्र दिया और गंदगी ना करने की शपथ दिलवाई. इस दौरान उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने हमें अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति दिलाई. अब हमारा कर्तव्य है कि गंदगी को दूर कर भारत माता की सेवा करे. उन्होंने कहा कि अभी बापू के क्लिन इंडिया का सपना अधूरा है. पीएम मोदी ने देशवासियों से 5 साल बाद महात्मा गांधी के 150वें जन्मदिवस पर स्वच्छता की श्रद्धांजलि देने की अपील की.
इन लोगों को पीएम मोदी ने किया था नॉमिनेट
पीएम मोदी ने स्वच्छता की श्रृंखला बनाने के लिए 9 लोगों को नॉमिनेट किया. जिनमें क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा, उद्योगपति अनिल अंबानी, योग गुरु बाबा रामदेव, एक्टर सलमान खान, कांग्रेस नेता शशि थरूर, गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा, अभिनेता कमल हसन, हास्य धारावाहिक तारक मेहता का उल्टा चश्मा को इस अभियान के लिए निमंत्रित किया और उन्हें भी अन्य 9 लोगों को आमंत्रित करने के लिए कहा और स्वच्छता की चैन बनाने की अपील की.
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी केंद्र की सत्ता में आई. जिसके बाद सबसे पहली बार प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में स्वच्छता और टॉयलेट जैसा विषय उठाया. उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में हमारी माताओं-बहनों के खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है. क्या हम शौचालयों का निर्माण नहीं कर सकते.
वहीं उन्होंने हिन्दुस्तान के सभी स्कूलों में टॉयलेट बनवाने के लिए राज्य सरकारों के साथ-साथ सांसद, देश के कॉरपोरेट सेक्टर्स से आह्वान किया था. इसके बाद युद्ध स्तर पर यह अभियान शुरू हुआ. केंद्र ने राज्य सरकारों और स्थानीय स्वशासन इकाइयों के साथ मिलकर इस अभियान को ग्राउंड जीरो पर सफलता के साथ लागू किया. जिसका असर यह हुआ कि भारत साल 2019 में यानि महात्मा गांधी जी 150वीं जयंती पर खुले में शौच से मुक्त हो गया. अभी भी गंदगी के खिलाफ मुहिम जारी है.
ये भी पढ़ें- क्या है आयुष्मान आरोग्य मंदिर? क्यों प्रिवेंटिव हेल्थ के जरूरी? जानिए यहां किन-किन बीमारियों का होता है इलाज
कमेंट