प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है. जिसे 8 अप्रैल 2015 में शुरू किया गया था. यह योजना गैर-कृषि क्षेत्र में विनिर्माण, व्यापार और सेवा क्षेत्रों में लगे आय पैदा करने वाले लघु और सूक्ष्म उद्यमों को 20 लाख रुपये तक के लोन की सुविधा प्रदान करती है. योजना ने पिछले एक दशक में भारत में रोजगार सृजन और महिला सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. आईए जानते हैं कि इस योजना का लाभ किन व्यसायों को मिलता है.
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लोन के लिए निम्नलिखित व्यवसाय पात्र हो सकते हैं:-
खाद्य उत्पाद क्षेत्र: पापड़, अचार, जैम, मिठाई, बिस्कुट, ब्रेड, आइसक्रीम निर्माण, फूड प्रोसेसिंग, कोल्ड स्टोरेज, डेयरी आदि.
वस्त्र उत्पाद क्षेत्र: हथकरघा, पावरलूम, खादी, चिकन कार्य, जरी और जरदोजी कार्य, पारंपरिक कढ़ाई, रंगाई-छपाई, परिधान डिजाइन, बुनाई आदि.
सेवा क्षेत्र: सैलून, ब्यूटी पार्लर, जिम, बुटीक, दर्जी की दुकानें, ड्राई क्लीनिंग, फोटोकॉपी, साइबर कैफे, दवा दुकानें, कोरियर एजेंट, साइकिल/मोटरसाइकिल मरम्मत दुकानें आदि.
व्यापार क्षेत्र: दुकानदार, फल और सब्जी विक्रेता, छोटे विक्रेता, खुदरा व्यापारी, सड़क विक्रेता आदि.
परिवहन क्षेत्र: व्यावसायिक उपयोग के लिए वाहन खरीदने वाले जैसे ऑटो रिक्शा, ई-रिक्शा, टैक्सी, ट्रक, तीन पहिया वाहन, ट्रैक्टर आदि.
कृषि-संबद्ध गतिविधियां: मुर्गी पालन, डेयरी, मधुमक्खी पालन, मछली पालन आदि. जो कृषि से संबंधित हैं लेकिन गैर-कृषि आय सृजन गतिविधियां हैं.
व्यवसायों को लोन पाने के लिए शर्तें-
व्यवसाय का उद्देश्य: व्यवसाय का उद्देश्य उत्पादन, प्रसंस्करण, सेवा या व्यापार होना चाहिए.
व्यवसाय का आकार: व्यवसाय का आकार छोटा या मध्यम होना चाहिए.
आय का स्रोत: व्यवसाय की आय का स्रोत स्पष्ट और वैध होना चाहिए.
यह योजना मुख्य रूप से गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए हैं.
व्यक्तिगत उद्यमी, स्व-नियोजित पेशेवर, स्टार्टअप, एमएसएमई, महिला उद्यमी, और एससी/एसटी/ओबीसी समुदाय के सदस्य भी पात्र हैं, बशर्ते वे किसी बैंक या वित्तीय संस्था के डिफॉल्टर न हों.
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