प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) 8 अप्रैल 2015 में शुरू हुई थी. इस योजना ने महिलाओं को स्वरोजगार और उद्यमिता के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. पिछले 10 वर्षों में इस योजना के तहत महिलाओं को लोन देने की संख्या में लगातार वृद्धि हुई. तो आईए जानते हैं पिछले एक दशक इस योजना से महिलाओं का कितना सशक्तिकरण हुआ है.
साल दर साल महिलाओं को दिए गए लोन
नीचे दिए गए आंकड़े विभिन्न स्रोतों से संकलित किए गए हैं:
- 2015-16: कुल 3.49 करोड़ ऋणों में से लगभग 2.38 करोड़ (68%) महिलाओं को प्रदान किए गए.
- 2016-17: कुल 3.97 करोड़ ऋणों में से लगभग 2.70 करोड़ (68%) महिलाओं को प्रदान किए गए.
- 2017-18: कुल 4.81 करोड़ ऋणों में से लगभग 3.27 करोड़ (68%) महिलाओं को प्रदान किए गए.
- 2018-19: कुल 5.98 करोड़ ऋणों में से लगभग 4.07 करोड़ (68%) महिलाओं को प्रदान किए गए.
- 2019-20: कुल 6.23 करोड़ ऋणों में से लगभग 4.24 करोड़ (68%) महिलाओं को प्रदान किए गए.
- 2020-21: कुल 5.07 करोड़ ऋणों में से लगभग 3.45 करोड़ (68%) महिलाओं को प्रदान किए गए.
- 2021-22: कुल 5.38 करोड़ ऋणों में से लगभग 3.66 करोड़ (68%) महिलाओं को प्रदान किए गए.
- 2022-23: कुल 6.24 करोड़ ऋणों में से लगभग 4.42 करोड़ (71%) महिलाओं को प्रदान किए गए.
- 2023-24: कुल 6.67 करोड़ ऋणों में से लगभग 4.24 करोड़ (63.6%) महिलाओं को प्रदान किए गए.
- 2024-25 (1 नवंबर 2024 तक): कुल 2.46 करोड़ ऋणों में से लगभग 1.51 करोड़ (61.3%) महिलाओं को प्रदान किए गए.
(Source: The Financial Express)
ये आंकड़े बता रहे हैं कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में विशेष योगदान दिया है, जिससे उन्होंने अपने व्यवसायों की स्थापना और विस्तार में सफलता की कहानी लिखी है.
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