जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में मंगलवार (22 अप्रैल 2025) को दिल दहला देने वाला आतंकी हमला हुआ. आतंकियों ने बैसरन घाटी के पास पर्यटकों पर गोलीबारी की. इस हमले में 26 पर्यटकों की मौत की खबर सामने आ रही है. आतंकियों ने सिर्फ हिन्दू पर्यटकों को ही निशाना बनाया. पर्यटकों की हिन्दू होने की पहचान पक्की करके गोलियों से छलनी किया. आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. यहां पर्यटक सीजन अपने चरम पर है और पहलगाम में भारी संख्या में सैलानी पहुंच लगातार पहुंच रहे हैं. आतंकियों ने कथित तौर पर सेना और पुलिस की वर्दी पहनकर इस कायराना हरकत को अंजाम दिया. ये पहली बार नहीं है जब आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों को अपना निशाना बनाया हो, इससे पहले भी इस तरह के हमले घाटी में हो चुके हैं. आईए जानते हैं उन हमलों को बारे में जब आतंकियों ने पर्यटकों को टारगेट बनाकर हमला किया.
2024:
18 मई 2024 को श्रीनगर में आतंकवादियों ने जयपुर से आए एक दंपति पर फायरिंग कर दी. यह हमला उस वक्त हुआ जब यह दंपति शहर के एक पर्यटक स्थल पर घूम रहा था. ऐसा इसलिए किया गया इससे यहां आने वाले पर्यटकों के बीच डर का माहौल पैदा किया जा सके.
2024:
9 जून 2024 को जम्मू क्षेत्र के रियासी जिले में तीर्थयात्रियों से भरी एक बस पर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की. इस हमले में 9 लोग मारे गए, जिनमें 7 तीर्थयात्री, 1 ड्राइवर और 1 कंडक्टर शामिल थे. बस पर अंधाधुंध गोलीबारी के बाद वह खाई में गिर गई, जिससे 33 लोग घायल हुए.
2017:
10 जुलाई, 2017 क कश्मीर के कुलगाम में अमरनाथ यात्रा बस पर आतंकी हमला हुआ था. इस हमले में 8 लोगों की मौत हो गई थी.
2006:
12 जून, 2006 को कश्मीर के कुलगाम में 9 नेपाली और बिहारी मजदूर आतंकी हमले में मारे गए थे. ये सभी आतंकियों के टारगेट किलिंग का शिकार हुए थे.
2005:
14 नवंबर 2005 को श्रीनगर के लाल चौक इलाके में एक सिनेमाहॉल के नजदीक आतंकियों ने आत्मघाती हमला किया. इस हमले में सीआरपीएफ के 2 जवान सहित 4 लोग मारे गए, जबकि 17 अन्य घायल हुए, जिनमें एक जापानी पर्यटक भी शामिल था. यह हमला उस समय हुआ जब श्रीनगर पर्यटकों के लिए अपेक्षाकृत ज्यादा सुरक्षित माना जाता था.
2003:
23 मार्च, 2003 में आतंकवादियों ने पुलवामा जिले के नंदीमार्ग गांव में 11 महिलाओं और 2 बच्चों सहित कम से कम 24 कश्मीरी पंडितों की हत्या कर दी.
2002:
कश्मीर के चंदनवारी बेस कैंप पर आतंकी हमला हुआ, जिसमें 11 अमरनाथ यात्री मारे गए थे.
2002:
23 नवंबर, 2002 में जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाइवे पर दक्षिण कश्मीर के लोअर मुंडा में एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) विस्फोट में 9 सुरक्षाकर्मियों, 3 महिलाओं और 2 बच्चों सहित 19 लोगों की जान गई थी.
2001:
जुलाई 2001 में अमरनाथ यात्रियों को फिर से निशाना बनाया गया. इस बार अनंतनाग के शेषनाग बेस कैंप पर आतंकी हमला हुआ, जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई.
2000:
1 और 2 अगस्त को अनंतनाग और डोडा जिले में हुए हमलों में लगभग 100 लोग मारे गए. 2 अगस्त को पहलगाम के नुनवान बेस कैंप पर हुए हमले में 21 तीर्थयात्री, 7 स्थानीय दुकानदार और तीन सुरक्षाकर्मी मारे गए. इन हमलों का उद्देश्य अमरनाथ यात्रा को बाधित करना और घाटी में दहशत फैलाना था.
2000:
21 मार्च 2000 की रात को अनंतनाग जिले के छत्तीसिंहपोरा गांव में आतंकवादियों ने अल्पसंख्यक सिख समुदाय को निशाना बनाया था. इस हमले में 36 लोग मारे गए थे.
2000:
अगस्त 2000 में पहलगाम के नुनवान बेस कैंप हुए आतंकी हमले में दो दर्जन अमरनाथ तीर्थ यात्रियों सहित 32 लोगों की मौत हुई थी.
1995:
4 जुलाई 1995 को पहलगाम के लिद्दरवाट इलाके में हरकत-उल-अंसार नामक आतंकी संगठन ने 6 विदेशी पर्यटकों और 2 गाइड को अगवा कर लिया. पर्यटक अमेरिका, ब्रिटेन, नॉर्वे और जर्मनी के थे. इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरीं और कश्मीर के पर्यटन उद्योग को गहरा नुकसान पहुंचाया. आतंकियों ने एक पर्यटक की हत्या कर दी थी.
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