कर्नाटक के मंगलुरु में एक हिन्दू कार्यकर्ता की सरेआम हत्या कर दी गई. मृतक सुहास शेट्टी बजरंग दल के पूर्व कार्यकर्ता थे. सुहास शेट्टी की गाड़ी को बीच सड़क पर रोक कर धारदार हथियारों से हमला किया गया.
कैसे हुई हत्या?
यह घटना बृहस्पतिवार (1 मई 2025) को मंगलुरु के बाजपे थाना इलाके में हुई. पुलिस के अनुसार सुहास शेट्टी गुरुवार रात एक गाड़ी से कुछ दोस्तों के साथ निकले हुए थे. रात लगभग साढ़े आठ बजे उन्हें किनिपाडावु पेट्रोल पम्प के पास एक दूसरी स्विफ्ट गाड़ी और एक पिकअप में भर कर आए बदमाशों ने उन्हें घेर लिया. इसके बाद सुहास शेट्टी पर तलवारों और धारदार हथियारों से वार किया गया, सुहास शेट्टी इस दौरान सड़क पर गिर गए. इस हमले में घायल हुए सुहास शेट्टी को अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी.
कौन थे सुहास शेट्टी?
सुहास शेट्टी स्थानीय स्तर पर बड़ा हिन्दूवादी नाम था. सुहास शेट्टी विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल जैसे संगठनों से पहले सक्रिय तौर पर जुड़े रहे थे. शेट्टी पर साल 2022 में एक मुस्लिम युवक की हत्या का आरोप लगा था. वे इस केस में जमानत पर बाहर थे.
कर्नाटक में हिन्दू नेता की हत्या का यह कोई पहला मामला नहीं है बल्कि इससे पहले भी दक्षिण भारत में कई हिन्दू नेताओं की हत्या की जा चुकी है. आईए जानते हैं कि कब और कहां हिन्दू नेताओं को निशाना बनाया गया.
कर्नाटक के मामले:-
1- भाजपा नेता प्रवीण नेट्टारू की हत्या
वर्ष 2022 में भाजपा नेता प्रवीण नेट्टारु की हत्या की गई थी. 26 जुलाई 2022 को दक्षिण कन्नड़ जिले में इस्लामी आतंकियों ने नेट्टारू को कुल्हाड़ी से काटकर उस वक्त हत्या की थी, जब वे दुकान बंद कर अपने घर जा रहे थे.
नेट्टारू की हत्या पीएफआई के आतंकियों ने की थी. पीएफआई ने अपना डर बनाने के लिए यह हत्या करवाई थी. प्रवीण नेट्टारू को भी सुहास शेट्टी की तरह घेर कर धारदार हथियारों से मारा गया था.
2- भाजपा नेता दीपक राव की हत्या
3 जनवरी 2018 को कर्नाटक के मंगलुरु के कटिपल्ला क्षेत्र में दीपक राव, जो भाजपा के आईटी सेल के सदस्य थे, उनकी दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी. चार हमलावरों ने उन्हें धारदार हथियारों से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई. इस हत्या कांड में पीएफआई और एसडीपीआई का हाथ था.
3- आरएसएस कार्यकर्ता शरत मदीवाला की हत्या
4 जुलाई 2017 को कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के बंटवाल तालुक स्थित बीसी रोड क्षेत्र में आरएसएस कार्यकर्ता शरत मदीवाला की हत्या कर दी गई. उन पर हमला उस समय हमला हुआ, जब वे अपनी लॉन्ड्री की दुकान बंद कर घर लौट रहे थे. 7 जुलाई 2017 को अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई. पुलिस नें इस हत्याकांड में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का हाथ बताया और इससे जुड़े दो लोगों को गिरफ्तार किया.
4- आरएसएस नेता आर. रुद्रेश की हत्या
16 अक्टूबर 2016 को बेंगलुरु के शिवाजीनगर क्षेत्र में आरएसएस नेता आर. रुद्रेश की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी. वह एक आरएसएस कार्यक्रम से लौट रहे थे, जब दो बाइक सवार हमलावरों ने उन पर धारदार हथियारों से हमला किया. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस हत्या को एक पूर्व नियोजित आतंकवादी साजिश बताया. जांच में खुलासा हुआ कि यह हत्या पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के सदस्यों द्वारा की गई थी.
5- आरएसएस कार्यकर्ता श्रीविष्णुवर्धन शेट्टी की हत्या
15 अगस्त 2015 को कर्नाटक के शिवमोगा जिले में आरएसएस कार्यकर्ता श्रीविष्णुवर्धन शेट्टी की हत्या की गई. यह हत्या उस समय हुई जब पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) द्वारा आयोजित एक रैली के बाद इलाके में सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया था. पुलिस के अनुसार, श्रीविष्णुवर्धन शेट्टी की हत्या PFI कार्यकर्ताओं द्वारा की गई थी.
केरल के मामले:-
1- भाजपा नेता एस. के. श्रीनिवासन हत्याकांड
केरल के पलक्कड़ में 16 अप्रैल 2022 को आरएसएस के पूर्व जिला नेता एस. के. श्रीनिवासन की उनके मोटरसाइकिल शोरूम में छह हमलावरों ने धारदार हथियारों से हत्या कर दी थी. हत्या के मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उससे जुड़े संगठन सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के कार्यकर्ताओं पर आरोप लगा था.
2- रंजीत श्रीनिवासन (केरल, 2021)
केरल के अलप्पुझा में 19 दिसंबर 2021 को बीजेपी नेता रंजीत श्रीनिवासन की उनके घर में घुसकर हत्या कर दी गई. इस मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की संलिप्पता सामने आई थी. इस मामले में 31 जनवरी 2024 को अलाप्पुझा जिले की एक अतिरिक्त सत्र अदालत ने पीएफआई-एसडीपीआई के 15 कार्यकर्ताओं को मौत की सजा सुनाई थी.
3- आरएसएस कार्यकर्ता एस. संजीत की हत्या
15 नवंबर 2021 को केरल के पलक्कड़ जिले के ममब्राम क्षेत्र में आरएसएस कार्यकर्ता ए. संजीत (27) की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई. वह अपनी पत्नी के साथ बाइक पर यात्रा कर रहे थे, जब एक कार में सवार हमलावरों ने उनकी बाइक को टक्कर मारकर रोका और धारदार हथियारों से उन पर हमला किया. संजीत को गंभीर चोटें आईं और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई. पुलिस ने इस मामले में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के सदस्यों की संलिप्तता पाई.
4- आरएसएस कार्यकर्ता आनंदराज की हत्या
1 दिसंबर 2017 को केरल के त्रिशूर जिले के गुरुवायूर में आरएसएस कार्यकर्ता आनंदराज (उर्फ पी. आनंद) की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई. यह घटना राजनीतिक प्रतिशोध की पृष्ठभूमि में हुई, जिसमें आनंद की बाइक को एक कार से टक्कर मारने के बाद हमलावरों ने धारदार हथियारों से उन पर हमला किया. पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें से एक की पहचान सीपीआई(एम) कार्यकर्ता के रूप में हुई.
5- ABVP नेता सचिन गोपाल की हत्या
सचिन गोपाल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े थे. वे केरल के कन्नूर नगर समिति के उपाध्यक्ष थे. उन पर 6 जुलाई 2012 को पलिक्कुन्नू में हमला हुआ. वह ABVP के सदस्यता अभियान के तहत पलिक्कुन्नू हाई स्कूल के पास पहुंचे थे, जहां पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसकी छात्र शाखा कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) के कार्यकर्ताओं ने उन पर चाकू से हमला किया. इलाज के दौरान 5 सितंबर 2012 को उनकी मृत्यु हो गई.
6- आरएसएस कार्यकर्ता सी. वी. राघवेंद्रन की हत्या
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता सी. वी. राघवेंद्रन की 2 मई 2009 को केरल के कन्नूर जिले में हत्या कर दी गई थी. यह घटना उस समय हुई, जब वे एक राजनीतिक रैली में भाग ले रहे थे. हमलावरों ने उन पर धारदार हथियारों से हमला किया, जिससे उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई.
इस मामले में पुलिस ने CPI(M) के कई कार्यकर्ताओं को आरोपी बनाया और उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. हालांकि, अदालती कार्यवाही के दौरान सबूतों की कमी और जांच में खामियों के कारण अधिकांश आरोपियों को बरी कर दिया गया. केवल कुछ ही आरोपियों को दोषी ठहराया गया और उन्हें सजा सुनाई गई.
7- आरएसएस नेता टी. अश्विन कुमार की हत्या
टी. अश्विन कुमार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कन्नूर जिले के बौद्धिक प्रमुख और हिंदू ऐक्य वेदी के जिला संयोजक थे. उनकी हत्या 10 मार्च 2005 को केरल के कन्नूर जिले के इरिटी के पास की गई.
अश्विन कुमार एक निजी बस में यात्रा कर रहे थे, जब एक जीप में सवार हमलावरों ने बस को रोकने के लिए क्रूड बम फेंके. इसके बाद चार हमलावर बस में घुसे और धारदार हथियारों से उन पर हमला कर दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई.
इस मामले में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) के 14 कार्यकर्ताओं को आरोपी बनाया गया था. NDF बाद में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) में परिवर्तित हो गया, जिसे अब भारत सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया है.
नवंबर 2024 में केरल के थालसेरी अतिरिक्त जिला सत्र न्यायालय ने 13 आरोपियों को सबूतों के अभाव और जांच में खामियों के कारण बरी कर दिया. केवल एक आरोपी, एम.वी. मार्शूक को दोषी ठहराया गया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.
तमिलनाडु के मामले:-
1- हिन्दू नेता सी. ससीकुमार की हत्या
हिंदू मुनानी के प्रवक्ता सी. ससीकुमार की हत्या 22 सितंबर 2016 को तमिलनाडु के कोयंबटूर में की गई थी. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच में पाया गया कि यह हत्या पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के सदस्यों द्वारा की गई. दो मोटरसाइकिल सवारों ने उनका पीछा कर धारदार हथियारों से हमला किया. इस हत्या के बाद कोयंबटूर में दंगे भड़के थे.
2- हिंदू नेता के. पी. एस. सुरेश कुमार की हत्या
हिंदू मुनानी के तिरुवल्लूर जिला सचिव के. पी. एस. सुरेश कुमार की हत्या 18 जून 2014 को चेन्नई के अंबत्तूर इंडस्ट्रियल एस्टेट बस टर्मिनल के पास उनके दुकान के सामने की गई थी. इस हत्या के पीछे प्रतिबंधित इस्लामी आतंकवादी संगठन अल उम्मा का हाथ था.
3- भाजपा और आरएसएस नेता वी. रमेश की हत्या
बीजेपी के तमिलनाडु राज्य महासचिव और आरएसएस से जुड़े वी. रमेश की 19 जुलाई 2013 को तमिलनाडु के सलेम में उनके घर के पास हत्या कर दी गई. चार हमलावरों ने उन्हें चाकुओं से 17 बार वार कर मौत के घाट उतार दिया. हत्यारे मुस्लिम डिफेंस फोर्स नामक एक समूह से जुड़े थे.
4- हिन्दू मुनानी नेता एस. वेल्लैयप्पन की हत्या
हिंदू मुनानी संगठन के वरिष्ठ नेता एस. वेल्लैयप्पन की 1 जुलाई 2013 को वेल्लोर में हत्या कर दी गई. वह रामकृष्ण मठ जाते समय बाइक पर थे, जब 8 लोगों के एक समूह ने उन पर हमला किया. इस हत्या से जुड़े लोग प्रतिबंधित इस्लामी आतंकवादी संगठन अल-उम्मा (Al Ummah) से संबंधित थे.
कमेंट