अफगानिस्तान में 15 अगस्त 2021 से तालिबान सरकार का शासन है और यहां इस्लामी कानून (शरिया कानून) लागू है. इसके तहत सरकार अजीबो-गरीब फरमान जारी करती रहती है. अब तालिबान सरकार ने देश में शतरंज यानी चेस के खेल पर अगली सूचना तक प्रतिबंध लगा दिया है. 12 मई 2025 को यह फैसला लिया गया. इसके पीछे जो कारण बताया गया, वह और भी अजीबो-गरीब है. तालिबान को भय सता रहा है कि शतरंज का यह खेल जुआ खेलने का जरिया बन सकता है.
न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार अफगानी खेल निदेशालय के प्रवक्ता अटल मशवानी ने बताया, “शरिया (इस्लामी कानून) में शतरंज को जुए का साधन माना जाता है, जो पिछले वर्ष घोषित कानून के अनुसार निषिद्ध है.”
अफगानिस्तान में यह पहला ऐसा खेल नहीं है, जिस पर तालिबान ने बैन लगाया है. एक वर्ष पहले तालिबान सरकार ने पेशेवर प्रतियोगिता में मिक्स्ड मार्शल आर्ट (एमएमए) जैसी फ्री स्टाइल फाइट्स को हिंसक और शरिया विरुद्ध बताते हुए बैन कर दिया था.
ये तो सिर्फ खेल की बात है लेकिन यहां पर शरिया कानूनों की आड़ में सबसे खराब हालत किसी की अगर की गई है तो वह है महिलाओं की. महिलाओं के सार्वजनिक और निजी जीवन में इतने प्रतिबंध लगाए गए हैं कि उनका जीवन जीना दूभर हो गया है.
आइए जानते हैं कि सत्ता में आने के बाद से तालिबान सरकार ने शरिया के नाम पर क्या-क्या प्रतिबंधित किया है?
- लड़कियों के लिए माध्यमिक विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्रतिबंधित
महिलाओं की शिक्षा पर बैन (Photo: AFP)
- 2021 में तालिबान की वापसी के बाद से यहां कम से कम 1.4 मिलियन लड़कियों को माध्यमिक शिक्षा से प्रतिबंधित कर दिया गया है.
- लगभग 2.5 मिलियन लड़कियां शिक्षा के अपने अधिकार से वंचित हैं, जो अफगान स्कूल जाने वाली लड़कियों का 80 प्रतिशत हैं.
- प्राथमिक विद्यालय में उपस्थिति में भी 1.1 मिलियन की गिरावट आई है और विश्वविद्यालय में नामांकन में 53 प्रतिशत की गिरावट आई है. (ये आंकड़े संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी 15 अगस्त 2024 तक के हैं)
2. महिलाओं के लिए चेहरा ढकने का नियम

- 7 मई 2022 को तालिबान ने सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के लिए पूरा चेहरा ढकने का नियम (बुर्का) लागू किया, जिससे 1990 के दशक के उनके शासन का नियम फिर से लागू हुआ.
- जो महिलाएं इसका पालन नहीं करती हैं, उनके पुरुष अभिभावक (पिता, पति, भाई) को तीन दिन तक की जेल हो सकती है.
- यह अफगान महिलाओं पर कई प्रतिबंधों में से एक है, जिसमें माध्यमिक शिक्षा, काम और सार्वजनिक भूमिकाओं पर प्रतिबंध शामिल हैं.
3. अफगान महिलाओं के लिए अकेले सड़क यात्राएं बैन

- 29 दिसंबर 2021 को तालिबान सरकार ने महिलाओं को बिना किसी पुरुष रिश्तेदार के 45 मील (72 किमी) से ज्यादा यात्रा करने पर प्रतिबंध लगा दिया.
- सरकार की ओर से बताया गया कि यह नियम महिलाओं को नुकसान या अशांति से बचाने के लगाया गया है.
- ड्राइवरों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने वाहन में अकेली या बिना पर्दा वाली महिलाओं को न बैठाएं.
4. महिला एंकरों के लिए चेहरा ढकना अनिवार्य

- 21 मई 2022 से महिला टीवी एंकरों को प्रसारण के दौरान अपना चेहरा ढकने का आदेश दिया गया.
- तालिबान ने हेलमंद (अगस्त 2023) और खोस्त (24 फरवरी, 2024) में मीडिया में महिलाओं की आवाज पर प्रतिबंध लगा दिया और हेरात (15 जनवरी, 2025) में महिला एंकरों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया.
- इन पाबंदियों के चलते बड़े पैमाने पर नौकरियों में कटौती हुई, जिससे कई महिला पत्रकारों को इस पेशे से बाहर होना पड़ा.
5. जिम जाने पर रोक

- 10 नवंबर 2022 को तालिबान ने लिंग भेद और ड्रेस कोड नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए अफगानिस्तान में महिलाओं के जिम का उपयोग करने पर प्रतिबंध लगा दिया.
- महिलाओं को सार्वजनिक पार्कों में जाने से भी प्रतिबंधित कर दिया गया, यह आदेश उसी सप्ताह लागू हुआ.
- सरकार ने दावा किया कि प्रतिबंध महिलाओं द्वारा उचित हिजाब न पहनने और सार्वजनिक स्थानों पर पुरुषों के साथ घुलने-मिलने के कारण लगाया गया था.
6. महिलाओं के ब्यूटी सैलून पर प्रतिबंध

- तालिबान सरकार ने 26 जुलाई 2023 को अफगानिस्तान में महिलाओं के ब्यूटी सैलून पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध लगाया.
- वाइस एंड वर्चुएशन मंत्रालय ने 4 जुलाई की समय सीमा के साथ एक मौखिक आदेश जारी किया था.
- संयुक्त राष्ट्र और जनता ने आर्थिक और मानवाधिकार संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए प्रतिबंध का विरोध किया.
- अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (UNAMA) ने तालिबान से इस निर्णय को वापस लेने का आग्रह किया और कहा कि इससे महिलाओं की आजीविका और उद्यमिता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
7. महिलाओं को रोजगार देने वाले एनजीओ पर रोक

- तालिबान सरकार ने 30 दिसंबर 2024 अफगानिस्तान में महिलाओं को रोजगार देने वाले सभी राष्ट्रीय और विदेशी एनजीओ पर प्रतिबंध लगा दिया.
- तालिबान ने इससे पहले एनजीओ को इस्लामी ड्रेस कोड की उनकी व्याख्या का पालन न करने का हवाला देते हुए अफगान महिलाओं को रोजगार देने से रोकने का आदेश दिया था.
8. घर की खिड़कियों पर बैन

- तालिबान सरकार ने 30 दिसंबर 2024 को अफगानिस्तान में नए प्रतिबंध लगाए. महिलाओं के घर में काम करने वाले क्षेत्रों की ओर वाली खिड़कियों पर प्रतिबंध लगा दिया है, साथ ही अधिकारियों को निर्माण स्थलों की निगरानी करने और मौजूदा खिड़कियों को बंद करने का आदेश दिया है.
- एक सरकारी प्रवक्ता ने दावा किया कि रसोई या आंगन में महिलाओं को देखने से ‘अश्लील हरकतें’ हो सकती हैं.
9. महिला विश्वविद्यालय कर्मचारियों को बर्खास्त करने का कदम
तालिबान सरकार ने 8 दिसंबर 2024 को अफगान विश्वविद्यालयों में महिला प्रशासनिक कर्मचारियों को तीन दिनों के भीतर इस्तीफा देने और इनकी जगह पुरुषों को रखने की घोषणा करने का आदेश दिया, जिससे शिक्षा और सार्वजनिक जीवन में महिलाओं की भूमिका पर प्रतिबंध बढ़ गए.
10. महिलाओं के लिए मेडिकल संस्थानों पर रोक
तालिबान नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने 08 दिसंबर 2024 को एक निर्देश जारी किया जिसके तहत महिलाओं को काबुल में मेडिकल और अर्ध-पेशेवर संस्थानों में जाने से रोक दिया गया, जिससे उच्च शिक्षा के लिए आखिरी रास्ता भी बंद हो गया.
11. महिलाओं के लिए कैफे प्रतिबंधित
- तालिबान सरकार ने 22 नवंबर 2024 को हेरात में महिलाओं के लिए बने कैफे बंद कर दिए, जिससे प्रतिबंधात्मक नीतियों के तहत महिलाओं के लिए समाजीकरण, काम और स्वतंत्रता के लिए जगहें गंभीर रूप से सीमित हो गईं.
- अफगानिस्तान में पूर्व पेशेवरों और छात्रों को तालिबान के उन आदेशों के कारण वित्तीय बर्बादी का सामना करना पड़ा, जिनमें महिलाओं की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित किया गया था, जो महिलाओं को सार्वजनिक जीवन से खत्म करने के उद्देश्य से चलाए जा रहे अभियान का हिस्सा थे.
12. सख्त ‘नैतिकता’ कानून लागू किए

- 24 अगस्त, 2024 को तालिबान ने आधिकारिक तौर पर अफगानिस्तान में 35 अनुच्छेदों वाला सख्त नैतिकता कानून लागू किया गया. जिसके तहत महिलाओं को अपना चेहरा ढंकना और पुरुषों को दाढ़ी रखना अनिवार्य है.
- नए नैतिकता कानूनों में कारों में संगीत बजाने पर प्रतिबंध और बिना पुरुष अभिभावकों के महिलाओं को ले जाने पर प्रतिबंध शामिल हैं, 2023 में 13,000 लोगों को हिरासत में लिया गया.
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