भारत-पाकिस्तान तनाव और सीजफायर की घोषणा के बाद इन दिनों भारत की सुरक्षा एजेंसिया अलर्ट मोड पर काम कर रही हैं. इसी बीच हरियाणा के कैथल से ज्योति मल्होत्रा नामक एक महिला को गिरफ्तार गया है. यह महिला पेशे से यूट्यूबर है और उसपर पाकिस्तान से जासूसी करने का आरोप है. इसके साथ ही हरियाणा से ही 3 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है. इनकी पहचान देवेंद्र (25 साल), नौमान इलाही, अरमान के रूप में की गई है, जोकि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों को जानकारी मुहैया करा रहे थे.
बता दें कि पिछले ही हफ्ते पंजाब के बठिंडा आर्मी कैंप से रकीब नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था. रकीब पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप है, जोकि सैन्य छावनी में दर्जी के रूप में कार्य करता था. उसके फोन में कई पाकिस्तानी संदिग्ध नंबर पाए गए हैं, साथ ही कई खुफिया व संवेदनशील सूचनाओं को इधर-उधर (आईएसआई) भेजने का भी आरोप है.
खबरों के मुताबिक रकीब मूल रूप से उत्तराखंड के हरिद्वार के गांव दुसनी का रहने वाले है और वो पिछले लंबे वक्त से कैंप में सेना के लिए दर्जी का काम करता आ रहा है. जासूसी के आरोप में गिरफ्तार होने के बाद अदालत ने उसे तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां लगातार सख्त रवैया अपना रही हैं. हालांकि पाकिस्तान के लिए जसूसी और देश विरोधी गतिविधियों का ये पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं इनमें से कुछ के बारें में आज बताने जा रहे हैं.
नौमान भेजता था पाक को खुफिया सूचना
हाल ही में 10 मई 2025 को हरियाणा के पानीपत से नौमान इलाही नामक पाकिस्तानी जासूस को पकड़ा गया है. नौमान भारत की खुफिया जानकारियों जिसमें रेलवे स्टेशनों की फोटो, वीडियो और नक्शे शामिल थे, को भेजता था. वॉट्सऐप व बाकी प्लेटफॉर्म पर इन भेजी गई 1 सूचना के वो 4-5 हजार रुपये चार्ज करता था. सुरक्षा एजेंसियों को मिले इनपुट में नौमान के बारे में जानकारी दी गई थी. खबरों के मुताबिक नौमान पाकिस्तानी पासपोर्ट बनवाने की कोशिश कर रहा था.
पंजाब से दो लोग ISI को पहुंचा रहे थे सूचना
मई 2025 में ही पंजाब पुलिस ने एक महिला गुज़ाला और यामीन मोहम्मद नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. इन दोनों ही लोगों पर पाकिस्तानी खुफिया एंजेसी आईएसआई के लिए जासूसी करने का इल्जाम है. जानकारी की मानें तो गुज़ाला ने भारतीय सेना की गतिविधियों से जुड़ी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी हैंडलर को दी थी. इसके बदले में उसे 30 हजार की रकम दी गई थी. बाद में जांच में इस बाद का खुलासा होने के बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
गुजरात से जसूसी करने वाला आरोपी चढ़ा सुरक्षा बलों के हत्थे
मई 2024 में गुजरात के भरूच जिले से प्रवीण मिश्रा नामक एक व्यक्ति को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया. आरोपी के खिलाफ सबूत थे कि वो रक्षा अनुसंधान से जुड़ी हुई गोपनीय जानकारियों को सुरक्षा एजेंसियों को सौंप रहा था. इससे जुड़े इनपुट मिलते ही आरोपी को तुरंत अरेस्ट किया गया. खबरों की मानें तो आरोपी एयरफोर्स मिसाइल और ड्रोन की जानकारियों को पाकिस्तान भेज रहा था.
उत्तर प्रदेश में दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी
नवंबर 2023 उत्तर प्रदेश पुलिस की एंटी-टेररिज्म स्क्वाड (ATS) को बड़ी सफलता हाथ लगी. उन्होंने अमृत गिल और रियाजुद्दीन को आईएसआई के लिए जासूसी और आतंकवादी गतिविधियों के लिए पैसे लेने के आरोप में गिरफ्तार किया. उनके बैंक खातों में ₹70 लाख से अधिक के लेन-देन पाई गई थी जिसके आधार पर एक्शन लेते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था.
राजस्थान में एक व्यक्ति की हुई गिरफ्तारी
साल 2023 में राजस्थान के बीकानेर से नरेंद्र कुमार नाम के व्यक्ति को आईएसआई के लिए संवेदनशील जानकारी शेयर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. आरोपी लंबे समय तक सोशल मीडिया से दो महिला पाकिस्तानी एजेंटों के संपर्क में था. साथ ही कई जानकरियों को साझा कर रहा था. इनपुट मिलते ही आरोपी को सुरक्षा बलों ने धर लिया.
यूपी के भारतीय दूतावास से कर्मचारी गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश एटीएस (ATS) ने मॉस्को स्थित भारत के दूतावास से एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया. कर्मचारी का नाम सतेन्द्र सिवाल था जोकि आईएसाई के लिए जासूसी कर रहा था. कार्रवाई के बाद जब उससे पूछताछ की गई तो उनकी तरफ से इनफोर्मेशन लीक करने और भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की बात स्वीकार की गई.
एक साथ कई आरोपी दे रहे थे ISI को सूचना
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की तरफ से इसी साल 2025 में कारवार और केरल के कोच्चि में कोच्चि से नौसेना के ठिकानों पर काम करने वाली 3 कॉन्टेक्ट बेस के एम्पलोई को आईएसआई के साथ गोपनीय सूचना भेजने के आरोप में धर पकड़ा गया. अब तक इस मामले में कुल 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस मामले के सामने आने के बाद कई अन्य प्रकार के कनेक्शन भी खुल गए थे.
जासूसी से जुड़े उत्तराखंड के मामले
बता दें कि उत्तराखंड में भी जासूसी और सूचना इधर-उधर करने के कई मामले सामने आ चुके हैं, इनमें से कुछ प्रमुख इस प्रमुख मामले इस प्रकार से हैं –
प्रदीप कुमार की गिरफ्तारी
यह मामला साल 2022 का है जब उत्तराखंड निवासी और जोधपुर में तैनात सेना के जवान प्रदीप कुमार को गिरफ्तार किया गया. उस पर आरोप था कि वह एक पाकिस्तानी महिला एजेंट के संपर्क में था. महिला एजेंट ने उसे हनी ट्रैप के जरिए सोशल मीडिया के माध्यम से फंसाया और उसके काम से जुड़ी गोपनीय जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की. मामला सामने आते हैं प्रदीप को गिरफ्तार किया गया.
रमेश सिंह कन्याल 2018
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के निवासी रमेश सिंह कन्याल को 2018 में यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया था. बता दें कि वह साल 2015 से 2017 तक पाकिस्तान में भारतीय राजनयिक के घर में रसोइए के रूप में कार्यरत था. इस बीच उसने आईएसआई के लिए खुफिया तरीकों से जासूसी की. उसनें जहां एक तरफ राजनयिक के लैपटॉप में स्पायवेयर इंस्टॉल किया तो वहीं दूसरी तरफ गोपनीय जानकारी साझा की थी.
सैयद अब्दुल करीम टुंडा 2013
आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के बम विशेषज्ञ के तौर पर जाने जाने वाले सैयद अब्दुल करीम टुंडा को अगस्त 2013 में उत्तराखंड के बनबसा क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है. उसके पास से उस वक्त पाकिस्तान का पासपोर्ट बरामद हुआ था, साथ में उसका भारत में हुए बम धमाकों के में भी नाम था. गंभीर आरोपो को देखते हुए अब्दुल करीम को साल 2017 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है.
बिद अली उर्फ अजित सिंह (2010)
जनवरी 2010 में हरिद्वार के गंगनहर थाना क्षेत्र से अबिद अली को गिरफ्तार किया गया था. मौके से उसके पास मेरठ, देहरादून व रुड़की के सैन्य ठिकानों के नक्शे, पेन ड्राइव और अन्य गोपनीय दस्तावेज बरामद किए गए थे. आरोपी की गंभीरता देखते हुए उसे साल 2012 में उसे सात साल की सजा सुनाई गई, लेकिन 2013 में निचली अदालत ने उसे बरी कर दिया. बाद में 2021 में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कढ़ा रुख अपनाते हुए सजा को बहाल कर दिया और पुनः गिरफ्तारी के आदेश दिए.
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