भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और म्यांमार के घुसपैठिए पर केंद्र की मोदी सरकार सख्त नजर आ रही है. केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों से ऐसे अवैध अप्रवासियों के डॉक्यूमेंट का वेरिफिकेशन करने के लिए कहा है. साथ ही इसके लिए एक महीने (30 दिनों) की समय सीमा तय की है.
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने श्रीलंकाई शरणार्थियों के मामले में सुनवाई की. जिसमें उन्होंने साफ कहा कि भारत कोई धर्मशाला नहीं है. जस्टिस दत्ता ने कहा कि हम 140 करोड़ लोगों के साथ संघर्ष कर रहे हैं. हम हर जगह से आए शरणार्थियों को शरण नहीं दे सकते.
सुप्रीम कोर्ट ने श्रीलंकाई शरणार्थी से जुड़े एक मामले में सोमवार को कहा कि भारत कोई धर्मशाला नहीं है। दुनियाभर से आए शरणार्थियों को भारत में शरण क्यों दें? हम 140 करोड़ लोगों के साथ संघर्ष कर रहे हैं। हम हर जगह से आए शरणार्थियों को शरण नहीं दे सकते.
गृह मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि सभी राज्य/यूटी अपनी वैधानिक शक्तियों का उपयोग करते हुए इन घुसपैठियों की पहचान करें. इसके बाद उनके दस्तावेजों की जांच की जाए. जो उस जांच में गलत पाए जाएं. ऐसे लोगों के निर्वासन की प्रक्रिया शुरू करें. इतना ही नहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी जिलों में पर्याप्त डिटेंशन सेंटर स्थापित करने का भी आदेश दिया है. जहां निर्वासन की प्रक्रिया के बाद संदिग्ध अप्रवासियों को रखा जा सके.
वहीं सीमा सुरक्षा बल (BSF) और असम राइफल्स के महानिदेशकों (DG) को भी यह निर्देश जारी किए गए हैं. जिससे वह बॉर्डर पर अवैध घुसपैठियों पर नजर रख सकें. बता दें यह दोनों केंद्रीय बल भारत की सीमाओं की रक्षा करते हैं.
भारत की जांच एजेंसियां लगातार घुसपैठियों को पकड़कर वापस उनके देश भेजने का कार्य कर रही है. पूरे देश में लगातार मिशन मोड़ में अवैध घुसपैठियों को गिरफ्तार किया जा रहा है. आइए ऐसे ही कुछ मामलों के बारे में जानते हैं.
राजस्थान- बात करें राजस्थान की तो यहां 30 अप्रैल 2025 से चलाए गए विशेष अभियान के तहत अबतक 1 हजार से ज्यादा घुसपैठिए पकड़े जा चुक हैं. इन्हें पकड़ने के लिए सभी जिलों में एक टास्क फोर्स का गठन किया गया था. प्रदेश में 24 से ज्यादा शेल्टर होम में इन्हें रख गया है. अवैध अप्रवासियों में सबसे ज्यादा संख्या महिलाओं की मिली है. बता दें डिटेन किए गए लोगों के पास भारत के मूल निवासी होने के वैलिड डॉक्यूमेंट भी नहीं मिले हैं.
इन सभी को विशेष विमान से पश्चिम बंगाल पहुंचाया जाएगा और वहां से बांग्लादेश और म्यांमार भेजा जाएगा. पुलिस सूत्रों के अनुसार, अभीतक 148 लोगों को पश्चिम बंगाल भेजा जा चुका है.
राजस्थान में सबसे ज्यादा बांग्लादेशी और रोहिंग्या पकड़े गए
सीकर- 394
जयपुर- 218
अलवर- 117
कोटपूतली- 114
भिवाड़ी- 67
हरियाणा
हरियाणा के तीन जिलों- नूंह, झज्जर और हांसी में अवैध अप्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई की गई. इन तीनों जिलों में 237 बांग्लादेश पकड़े गए है. जिनमें नूंह से 125, झज्जर से 47 और हांसी से 26 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. यह सभी लोग बिना किसी दस्तावेज के यहां ईंट- भट्ठों में काम करते थे और अवैध रूप से भारत में दाखिल हुए थे. पुलिस इनके खिलाफ विदेशी अधिनियम के तहत कार्रवाई कर रही है.
दिल्ली
उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के निर्देश के बाद दिल्ली पुलिस लगातार अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों की धर-पकड़ के लिए अभियान चला रही है. साल 2025 में पुलिस ने 40 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था.
जनवरी 2025 में द्वारका क्षेत्र में पुलिस ने 5 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया, इनके पास फर्जी दस्तावेज़ थे. वहीं मार्च 2025 में दिल्ली पुलिस ने दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में एक सप्ताह तक चलाए गए अभियान में 24 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया. इनमें से दो नाबालिग भी शामिल थे.
अप्रैल-मई में दिल्ली पुलिस ने एक मानव तस्करी रैकेट का पर्दाफाश करते हुए 12 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें 6 बांग्लादेशी नागरिक और 5 भारतीय एजेंट शामिल थे.
इन कार्रवाइयों के तहत, दिल्ली पुलिस ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं, जिनमें दस्तावेज़ सत्यापन, घर-घर जांच, और अवैध रूप से रह रहे नागरिकों की गिरफ्तारी शामिल है.
उत्तराखंड में 5 बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी: उत्तराखंड के देहरादून जिले के क्लेमेंट टाउन क्षेत्र में पुलिस ने 5 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया, जो बिना वैध दस्तावेज़ों के भारत में रह रहे थे. ये लोग बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद धार्मिक उत्पीड़न से बचने के लिए भारत भागे थे.
छत्तीसगढ़ में 2 बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी: छत्तीसगढ़ के भिलाई में पुलिस ने एक बांग्लादेशी महिला और उसके पति को गिरफ्तार किया, जो भारत में अवैध रूप से रह रहे थे और भारतीय पहचान पत्रों की नकल करके उनका उपयोग कर रहे थे.
महाराष्ट्र में 76 बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी: महाराष्ट्र के ठाणे जिले में पुलिस ने दो महीने के भीतर 76 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया, जो बिना वैध दस्तावेज़ों के रह रहे थे. पुलिस ने 37 मामलों में कार्रवाई की और अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं.
गुजरात: अप्रैल 2025 में गुजरात पुलिस ने अहमदाबाद और सूरत में संयुक्त अभियान चलाकर 550 से अधिक बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया. ये लोग अवैध रूप से भारत में रह रहे थे और फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर रहे थे.
जयपुर: जनवरी 2025 में जयपुर पुलिस ने 500 लोगों को हिरासत में लिया, जिनमें से 394 रोहिंग्या शरणार्थी थे., जबकि 106 बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल थे,
ओडिशा: फरवरी 2025 में भुवनेश्वर में STF ने 10 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया, जो बिना यात्रा दस्तावेजों के भारत में प्रवेश कर चुके थे.
बेंगलुरु: मई 2025 में बेंगलुरु में एक मकान मालिक को गिरफ्तार किया गया, जिसने अवैध रूप से बांग्लादेशी और रोहिंग्या परिवारों को किराए पर दिया था.
उत्तर प्रदेश- मुथरा में 90 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है. जिनमें 22 बच्चे शामिल है. मई 2025 में उत्तर प्रदेश सरकार ने अवैध रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ अभियान तेज किया. वाराणसी पुलिस ने 300 संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान की और उनकी नागरिकता सत्यापन के लिए कार्रवाई शुरू की. यह अभियान रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंडों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर चलाया गया.
भारत में अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिए विभिन्न तरीकों से प्रवेश करते हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती प्रस्तुत करते हैं. ये घुसपैठिए मुख्यतः बांग्लादेश और म्यांमार से होते हुए भारत में प्रवेश करते हैं, और उनकी गतिविधियाँ सीमावर्ती राज्यों, विशेषकर पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, और जम्मू-कश्मीर में ज्यादा देखी जाती हैं.
घुसपैठियों के प्रमुख प्रवेश मार्ग और तरीके
रेल मार्ग के माध्यम से यात्रा: अवैध प्रवासी अक्सर ट्रेन से यात्रा करते हैं, विशेषकर पश्चिम बंगाल के कुमरघाट और त्रिपुरा के धर्मनगर रेलवे स्टेशनों से. वे सामान्य कोचों में यात्रा करते हैं और टिकट ऑनलाइन बुक कराते हैं, जिससे उनकी पहचान छिपी रहती है. अगस्त 2023 में, असम पुलिस ने ऐसे तस्करों को गिरफ्तार किया था, जो इन प्रवासियों को दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद, और बेंगलुरु जैसे शहरों में भेजने में मदद कर रहे थे.
स्मगलिंग और मानव तस्करी: अवैध प्रवासी अक्सर बांग्लादेशी और भारतीय तस्करों की मदद से भारत में प्रवेश करते हैं. ये तस्कर फर्जी पहचान पत्र, जैसे आधार और पैन कार्ड, तैयार करते हैं और उन्हें भारतीय नागरिक के रूप में प्रस्तुत करते हैं. अगस्त 2023 में, असम पुलिस ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया था, जो रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को भारत में प्रवेश कराने में शामिल थे.
सीमावर्ती क्षेत्रों से घुसपैठ: बांग्लादेश और म्यांमार के साथ भारत की लंबी सीमा होने के कारण, अवैध प्रवासी इन सीमाओं का उपयोग करके भारत में प्रवेश करते हैं. वे अक्सर जंगलों और अन्य दुर्गम क्षेत्रों का उपयोग करते हैं, जिन्हें “डंकी रूट्स” कहा जाता है. जनवरी 2025 में, दिल्ली पुलिस ने ऐसे 12 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था, जिनमें पांच बांग्लादेशी नागरिक शामिल थे.
फर्जी दस्तावेज़ों का उपयोग: अवैध प्रवासी अक्सर फर्जी दस्तावेज़ों का उपयोग करते हैं, जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, और बांग्लादेशी पहचान पत्र, ताकि वे भारतीय नागरिक के रूप में प्रस्तुत हो सकें इससे उनकी पहचान छिपी रहती है और वे आसानी से विभिन्न स्थानों पर स्थानांतरित हो सकते हैं.
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