बहुत पुरानी और चर्चित कहावत है कि ‘तंदुरुस्ती हजार नियामत’ जिसका अर्थ है अच्छी सेहत और तंदुरुस्ती सबसे महत्वपूर्ण है लेकिन आजकल खान-पान में बदलाव और शारीरिक सक्रियता की कमी के कारण लाइफस्टाइल बिगड़ गई है. जिससे रोग तरह-तरह के उत्पन्न हो रहे है. भारत में सबसे ज्यादा लोग, मोटापे और मुधमेह (डायबिटीज) के शिकार हो रहे हैं. यह संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है.
बड़े तो छोड़िए स्कूल जाने वाले बच्चे तक इन बीमारियों का बड़े पैमाने पर शिकार हो रहे हैं. पिछले कई सालों में स्कूली बच्चों में डायबिटीज के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है. देश के भविष्यों में टाइप-2 डायबिटीज के बढ़ते मामलों को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने बड़ा और अहम कदम उठाया है.
CBSE ने 17 मई 2025 को सभी स्कूलों को शुगर बोर्ड स्थापित करने का निर्देश दिया है. इसका उद्देश्य बच्चों को अत्यधिक चीनी के सेवन के खतरों के बारे में शिक्षित करना है. 15 जुलाई, 2025 से प्रत्येक सीबीएसई स्कूल को सॉफ्ट ड्रिंक्स में चौंकाने वाली चीनी सामग्री को दर्शाने वाला शुगर बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा.
यह निर्देश राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के आग्रह के बाद जारी किया गया था. इस कदम में एक प्रमुख योगदानकर्ता रेवंत हिमात्सिंगका हैं, जिन्हें फूडफार्मर के नाम से जाना जाता है, वे एक प्रसिद्ध भारतीय स्वास्थ्य और पोषण मामलों से जुड़े चर्चित व्यक्ति हैं जिन्होंने भोजन में अतिरिक्त चीनी के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया था.
बच्चों में क्यों बढ़ रही बीमारियां?
दरअसल, स्कूली बच्चे आजकल जंक फूड और बाहर का खाना पसंद करते हैं. इतना ही नहीं स्कूलों में हाईलेवल शुगर वाले आइटम्स जैसे कोल्ड ड्रिंक्स, चॉकलेट्स, बिस्किट्स आसानी से मिल जाते हैं. ऑनलाइन यह आइटम्स आसानी से घर पहुंच जाते हैं. बच्चे बड़ी मात्रा में इन शुगर से भरपुर इन पदार्थों का सेवन करते हैं. जिससे मोटापा और डायबिटीज जैसी बीमारियों का शिकार हो जाते हैं. एक स्टडी के अनुसार, कुल कैलोरी में से सिर्फ 5 प्रतिशत ही शुगर इंटेक होना चाहिए. लेकिन 4 से 10 साल तक के बच्चे रोजाना करीब 13 प्रतिशत और 11 से 18 साल के बच्चे 15 प्रतिशत कैलोरी शुगर ले रहे हैं.
विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों में मोटापे के प्रमुख कारणों में असंतुलित आहार, शारीरिक गतिविधियों की कमी, अधिक स्क्रीन समय, आनुवंशिक कारण, खराब नींद की आदतें, और मानसिक तनाव शामिल हैं. ऐसे ही कुछ पेय पदार्थों पर प्रकाश डाला गया है जिनमें चिंताजनक रूप से उच्च मात्रा में चीनी है और जो बच्चों के बीच भी लोकप्रिय हैं.
ब्रांड नाम: पेपर बोट
पेय का नाम: आम रस (250 मिली)
शर्करा की मात्रा: 21 ग्राम (लगभग 5.25 चम्मच चीनी)
विवरण: पेपर बोट के आम रस में प्रति 100 मिली में 8.43 ग्राम शर्करा पाई जाती है. अतः 250 मिली के पैक में कुल 21 ग्राम शर्करा होती है, जो लगभग 5.25 चम्मच चीनी के बराबर है.
ब्रांड का नाम: मिनिट मेड
पेय का नाम: मिनिट मेड Enhanced Pomegranate Blueberry (240 मिली)
चीनी की मात्रा: 29 ग्राम (लगभग 7.25 चम्मच चीनी)
विवरण: मिनिट मेड Enhanced Pomegranate Blueberry 100% जूस ब्लेंड (240 मिली) में 29 ग्राम चीनी होती है, जो लगभग 7¼ चम्मच के बराबर होती है. इस पैक में 31 ग्राम कुल कार्बोहाइड्रेट, 31 ग्राम नेट कार्बोहाइड्रेट, 0.5 ग्राम वसा, 0 ग्राम प्रोटीन और 120 कैलोरी होती है.
ब्रांड का नाम: ट्रॉपिकाना
पेय का नाम: ट्रॉपिकाना ट्विस्टर बेरी पंच (240 मिली)
चीनी की मात्रा: 27 ग्राम (लगभग 6.75 चम्मच चीनी)
विवरण: ट्रॉपिकाना ट्विस्टर बेरी पंच (240 मिली) में लगभग 27 ग्राम चीनी होती है, जो लगभग 6.75 चम्मच के बराबर है. यह पेय उच्च फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप (High Fructose Corn Syrup) को मुख्य सामग्री के रूप में शामिल करता है, जो इसकी उच्च चीनी सामग्री में योगदान करता है.
ब्रांड का नाम: अमूल
पेय का नाम: अमूल कूल: बादाम (200 मिली)
चीनी की मात्रा: 16 ग्राम (लगभग 4 चम्मच चीनी)
विवरण: अमूल कूल: बादाम 200 मिली पैक में 16 ग्राम शर्करा पाई जाती है. हालांकि, इस उत्पाद में उपयोग की गई शर्करा के स्रोत का उल्लेख नहीं किया गया है. इसके अलावा, यह उत्पाद यह भी निर्दिष्ट नहीं करता कि इसमें कौन से फ्लेवर या फ्लेवरिंग पदार्थों का उपयोग किया गया है.
ब्रांड का नाम: पेप्सिको
पेय का नाम: स्टिंग एनर्जी ड्रिंक (250 मिली)
चीनी की मात्रा: 17 ग्राम (लगभग 4 चम्मच चीनी)
विवरण: स्टिंग एनर्जी ड्रिंक (250 मिली) में लगभग 17 ग्राम शर्करा पाई जाती है, जो लगभग 4 चम्मच के बराबर है. यह पेय उच्च फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप (High Fructose Corn Syrup) को मुख्य सामग्री के रूप में शामिल करता है, जो इसकी उच्च चीनी सामग्री में योगदान करता है. अत्यधिक चीनी का सेवन वजन बढ़ने, टाइप 2 डायबिटीज़, और अन्य मेटाबोलिक समस्याओं से जुड़ा हुआ है. नियमित रूप से उच्च चीनी वाले एनर्जी ड्रिंक्स का सेवन मोटापा, दांतों की समस्याएं, और पुरानी बीमारियों के बढ़ते जोखिम में योगदान कर सकता है.
ब्रांड का नाम: स्टारबक्स
पेय का नाम: कैफे मोचा (Starbucks Coffee Company) – 473 मिली
चीनी की मात्रा: 30 ग्राम (लगभग 7.5 चम्मच चीनी)
विवरण: स्टारबक्स का कैफे मोचा एक लोकप्रिय कॉफी पेय है जिसमें ब्रूड एस्प्रेसो, मोचा सॉस (जिसमें पानी, चीनी, कोको, प्राकृतिक फ्लेवर शामिल हैं), 2% दूध, बर्फ और व्हिप्ड क्रीम मिलाए जाते हैं. इस 473 मिली के पैक में कुल 30 ग्राम चीनी पाई जाती है, जो लगभग 7.5 चम्मच चीनी के बराबर है.
स्वास्थ्य पर प्रभाव: अत्यधिक चीनी का सेवन वजन बढ़ने, टाइप 2 डायबिटीज़, दांतों की समस्याओं और अन्य मेटाबोलिक विकारों से जुड़ा हुआ है। इसलिए, इस पेय का सेवन सीमित मात्रा में और संतुलित आहार के हिस्से के रूप में करना चाहिए।
ब्रांड का नाम: पार्ले इंटरनेशनल
पेय का नाम: फ्रूटी मैंगो (200 मिली)
चीनी की मात्रा: 32 ग्राम (लगभग 8 चम्मच चीनी)
विवरण: पार्ले इंटरनेशनल का फ्रूटी मैंगो 200 मिली पैक में 32 ग्राम शर्करा पाई जाती है, जो लगभग 8 चम्मच चीनी के बराबर है. यह पेय पानी, 16.2% आम का गूदा, शर्करा, अम्लता नियामक (सिट्रिक एसिड), एंटीऑक्सीडेंट (एस्कॉर्बिक एसिड), और कृत्रिम आम फ्लेवर और रंग (FD & C Yellow No. 6) से बना है.
स्वास्थ्य पर प्रभाव: फ्रूटी मैंगो में उच्च शर्करा की मात्रा होती है, जो वजन बढ़ने, टाइप 2 डायबिटीज़, और हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ा सकती है। इसके अतिरिक्त, फ्रूटी में ताजे आमों के मुकाबले आवश्यक पोषक तत्व जैसे विटामिन C, प्रोटीन, और फाइबर की कमी होती है। इसलिए, इसे सीमित मात्रा में और संतुलित आहार के हिस्से के रूप में सेवन करना चाहिए।
ब्रांड का नाम: ट्रॉपिकाना
पेय का नाम: स्लाइस मैंगो ड्रिंक (100 मिली)
चीनी की मात्रा: 16 ग्राम (लगभग 4 चम्मच चीनी)
विवरण: ट्रॉपिकाना स्लाइस मैंगो ड्रिंक (100 मिली) में लगभग 16 ग्राम शर्करा पाई जाती है, जो लगभग 4 चम्मच चीनी के बराबर है. यह पेय उच्च शर्करा की मात्रा के कारण वजन बढ़ने, टाइप 2 डायबिटीज़ और हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ा सकता है. इसके अतिरिक्त, इसमें कृत्रिम रंग (टारट्राजिन E102 और सनसेट येलो E110) और कृत्रिम फ्लेवरिंग पदार्थ शामिल हैं, जो कुछ व्यक्तियों में एलर्जी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न कर सकते हैं. इसलिए, इसे सीमित मात्रा में और संतुलित आहार के हिस्से के रूप में सेवन करना चाहिए.
ब्रांड का नाम: पार्ले एग्रो प्राइवेट लिमिटेड
पेय का नाम: एप्पी फिज़ (100 मिली)
चीनी की मात्रा: 16.13 ग्राम (लगभग 4.03 चम्मच चीनी)
विवरण: एप्पी फिज़ एक कार्बोनेटेड पेय है जिसमें प्रति 100 मिली में लगभग 16.13 ग्राम शर्करा पाई जाती है, जो लगभग 4.03 चम्मच चीनी के बराबर है. अत्यधिक चीनी का सेवन वजन बढ़ने, टाइप 2 डायबिटीज़, दांतों की सड़न, और अन्य मेटाबोलिक समस्याओं का कारण बन सकता है. नियमित रूप से उच्च शर्करा वाले पेय पदार्थों का सेवन मोटापा, दांतों की समस्याएं, और पुरानी बीमारियों के बढ़ते जोखिम में योगदान कर सकता है.
ब्रांड का नाम: कोका-कोला
पेय का नाम: माज़ा (100 मिली)
चीनी की मात्रा: 14.9 ग्राम (लगभग 3.75 चम्मच चीनी)
विवरण: माज़ा एक लोकप्रिय आम का पेय है जिसमें प्रति 100 मिली में 14.9 ग्राम शर्करा पाई जाती है, जो लगभग 3.75 चम्मच चीनी के बराबर है। यह पेय पानी, 19.5% आम का गूदा, शर्करा, अम्लता नियामक (E330), एंटीऑक्सीडेंट (E300), संरक्षक (E202), रंग (E110), और कृत्रिम फ्लेवरिंग पदार्थों से बना है.
स्वास्थ्य पर प्रभाव: माज़ा में उच्च शर्करा की मात्रा होती है, जो वजन बढ़ने, टाइप 2 डायबिटीज़, दांतों की सड़न, और अन्य मेटाबोलिक समस्याओं का कारण बन सकती है। इसके अतिरिक्त, इसमें ताजे आमों के मुकाबले आवश्यक पोषक तत्व जैसे विटामिन C, प्रोटीन, और फाइबर की कमी होती है। इसलिए, इसे सीमित मात्रा में और संतुलित आहार के हिस्से के रूप में सेवन करना चाहिए।
ब्रांड का नाम: Schweppes
पेय का नाम: Schweppes Ginger Ale (355 मिली)
चीनी की मात्रा: 33 ग्राम (लगभग 8.3 चम्मच चीनी)
विवरण: Schweppes Ginger Ale (355 मिली) में लगभग 33 ग्राम शर्करा पाई जाती है, जो लगभग 8.3 चम्मच चीनी के बराबर है. यह पेय उच्च शर्करा सामग्री के कारण वजन बढ़ने, टाइप 2 डायबिटीज़, दांतों की समस्याओं और अन्य मेटाबोलिक विकारों का कारण बन सकता है। इसके अतिरिक्त, इसमें उच्च फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप, साइट्रिक एसिड, सोडियम बेंजोएट (संरक्षक), कैरामेल रंग और प्राकृतिक फ्लेवरिंग पदार्थ शामिल हैं. कुछ व्यक्तियों को इन कृत्रिम योजकों से एलर्जी हो सकती है, इसलिए ऐसे उत्पादों का सेवन सीमित मात्रा में और सतर्कता के साथ करना चाहिए.
स्वास्थ्य पर प्रभाव:अत्यधिक चीनी का सेवन वजन बढ़ने, टाइप 2 डायबिटीज़, दांतों की सड़न और अन्य मेटाबोलिक समस्याओं का कारण बन सकता है. इसके अतिरिक्त, कृत्रिम योजकों का सेवन कुछ व्यक्तियों में एलर्जी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न कर सकता है. इसलिए, ऐसे पेय पदार्थों का सेवन सीमित मात्रा में और संतुलित आहार के हिस्से के रूप में करना चाहिए.
ब्रांड का नाम: पेप्सिको
पेय का नाम: 7 UP Nimbooz (100 मिली)
चीनी की मात्रा: 10.5 ग्राम (लगभग 2.6 चम्मच चीनी)
विवरण: 7 UP Nimbooz एक कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक है जिसमें प्रति 100 मिली में 10.5 ग्राम शर्करा पाई जाती है, जो लगभग 2.6 चम्मच चीनी के बराबर है. यह पेय पानी, शर्करा, 0.7% संकेंद्रित नींबू का रस, अम्लता नियामक (INS 296, INS 330, INS 331), आयोडाइज्ड नमक, संरक्षक (INS 202), स्थिरीकरण (INS 445), और कृत्रिम फ्लेवरिंग पदार्थों से बना है.
स्वास्थ्य पर प्रभाव: इस पेय में उच्च शर्करा की मात्रा होती है, जो वजन बढ़ने, टाइप 2 डायबिटीज़, दांतों की सड़न, और अन्य मेटाबोलिक समस्याओं का कारण बन सकती है. इसके अतिरिक्त, इसमें कृत्रिम योजकों का उपयोग किया गया है, जो कुछ व्यक्तियों में एलर्जी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न कर सकते हैं. इसलिए, इसे सीमित मात्रा में और संतुलित आहार के हिस्से के रूप में सेवन करना चाहिए.
क्या है शुगर बोर्ड?
शुगर बोर्ड एक विशेष सूचना पट्टिका है जिसे स्कूलों में स्थापित किया जाएगा. इसमें बताया जाएगा कि कोल्ड ड्रिंक, पैकेज्ड स्नैक्स में कितनी चीनी होती है. अधिक मात्रा में चीनी खाने के क्या-क्या नुकसान होते है. स्टूडेंट्स को कितनी चीनी खानी चाहिए. कम चीनी वाले खाद्य पदार्थों की जानकारी भी दी जाएगी. यह सभी जानकारी क्लासरूम, कॉरिडोर, नोटिस बोर्ड लगाई जाएगी.
शुगर बोर्ड के लाभ
– स्वास्थ्य जागरूकता में वृद्धि: शुगर बोर्ड बच्चों को अत्यधिक चीनी सेवन के स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में जागरूक करता है, जिससे वे स्वस्थ आहार विकल्पों की ओर अग्रसर होते हैं.
– स्वस्थ आहार की आदतों का विकास: बच्चों में स्वस्थ आहार की आदतें विकसित होती हैं, जो उनके समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाती हैं.
– मधुमेह और मोटापे की रोकथाम: अत्यधिक चीनी सेवन से होने वाली बीमारियों, जैसे टाइप-2 डायबिटीज और मोटापे, की संभावना में कमी आती है.
– शारीरिक सक्रियता में वृद्धि: स्वस्थ आहार के साथ-साथ बच्चों में शारीरिक सक्रियता को बढ़ावा मिलता है, जिससे उनका शारीरिक और मानसिक विकास होता है.
– अभिभावकों और शिक्षकों की भागीदारी: शुगर बोर्ड की पहल में अभिभावकों और शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाती है, जिससे बच्चों को घर और स्कूल दोनों स्थानों पर स्वस्थ आदतों को अपनाने में मदद मिलती है.
इस पहल के तहत, स्कूलों में कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा. इस प्रकार, ‘शुगर बोर्ड’ बच्चों में मोटापा और डायबिटीज़ की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए एक प्रभावी कदम है, जो उन्हें स्वस्थ जीवन की ओर मार्गदर्शन करेगा.
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