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देश की अखंडता का सपना, अनुच्छेद-370 का विरोध… जानिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन से जुड़ी बड़ी उपलब्धियां

डॉ. मुखर्जी ने अखंड भारत का सपना देखा था और इसके लिए अपने प्राण तक बलिदान कर दिए थे. ऐसे महान व्यक्तित्व द्वारा किए महान  कार्यों के बारे में आपको बताते हैं.

Editor Ritam Hindi by Editor Ritam Hindi
Jul 6, 2025, 07:00 am IST
Shyama Prasad Mukherjee Birthday

श्याम प्रसाद मुखर्जी का जन्म दिवस (फोटो साभार: दैनिक भास्कर)

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देश में एक प्रधान, एक विधान और एक निशान का संदेश देकर भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता कायम करने की एक महापुरूष ने भरसक प्रयास किया था. जी हां, हम बात कर रहे हैं कि भारत के महान सपूत डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की. जिनका आज जन्मदिन है.

श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक वकील, शिक्षाविद् और कुशल राजनेता नेता थे. स्वतंत्र भारत की पहली अंतरिम सरकार में श्यामा प्रसाद मुखर्जी उद्योग और आपूर्ति मंत्री रहे. डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक महान स्वतंत्रता सेनानी तो थे ही साथ ही वो अखंड भारत के मजबूत प्रहरी भी थे.

उनका नाम भारतीय इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा हुआ है. डॉ. मुखर्जी ने अखंड भारत का सपना देखा था और इसके लिए अपने प्राण तक बलिदान कर दिए थे. ऐसे महान व्यक्तित्व द्वारा किए महान  कार्यों के बारे में आपको बताते हैं.

 1. राष्ट्रीय एकता के प्रति दृढ़ संकल्प

डॉ. मुखर्जी का मानना था कि “एक देश में दो निशान, दो विधान और दो प्रधान नहीं चलेंगे”. उन्होंने जम्मू और कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 का विरोध किया और कश्मीर में बिना परमिट के प्रवेश करने के कारण गिरफ्तार हुए. उनकी मृत्यु 23 जून 1953 को श्रीनगर में हुई, जो आज भी रहस्य बनी हुई है.

2. शिक्षा और संस्कृति के प्रति गहरी आस्था

डॉ. मुखर्जी ने भारतीय शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने भारतीय भाषाओं को उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल करने की वकालत की और भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए.

3. पंडित नेहरू से मतभेद और जनसंघ की स्थापना

डॉ. मुखर्जी ने पंडित नेहरू के मंत्रिमंडल में मंत्री रहते हुए शरणार्थी समस्याओं, कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की. 8 अप्रैल 1950 को उन्होंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया.  इसके बाद, 21 अक्टूबर 1951 को उन्होंने भारतीय जनसंघ की स्थापना की.

4. नेहरू ने डॉ. मुखर्जी से मांगी थी माफी  

यह घटना उस समय की है जब डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने दिल्ली नगरपालिका चुनावों में कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया था कि वह चुनाव जीतने के लिए “वाइन और मनी” का इस्तेमाल कर रही है. यह आरोप पंडित नेहरू को आपत्तिजनक लगा, और उन्होंने सदन में खड़े होकर इसका विरोध किया. हालांकि, बाद में पंडित नेहरू को यह एहसास हुआ कि उन्होंने गलत सुना था. डॉ. मुखर्जी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने “वाइन और वुमेन” नहीं कहा था, बल्कि “वाइन और मनी” कहा था. इस पर पंडित नेहरू ने सदन में खड़े होकर डॉ. मुखर्जी से माफी मांगी. डॉ. मुखर्जी ने विनम्रता से उत्तर दिया कि माफी मांगने की कोई आवश्यकता नहीं है, और उन्होंने कहा, “मैं बस यह कहना चाहता हूँ कि मैं ग़लतबयानी नहीं करूंगा.”

5. कलकत्ता विश्वविद्यालय के सबसे युवा उपकुलपति

डॉ. मुखर्जी 1934 में महज 33 वर्ष की आयु में कलकत्ता विश्वविद्यालय के उपकुलपति बने. यह उपलब्धि उन्हें विश्व में सबसे कम उम्र के उपकुलपति के रूप में स्थापित करती है. उनके कार्यकाल में विश्वविद्यालय में बांग्ला भाषा को अनिवार्य किया गया और गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर से बांग्ला में दीक्षांत भाषण कराया गया.

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जीवन परिचय

श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 को तत्कालीन कोलकाता में एक प्रतिष्ठित बंगाली ब्राहण परिवार में हुआ था. उनके पिता आशुतोष मुखर्जी, कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायधीश और कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति थे. डॉ. मुखर्जी ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से 1921 में अंग्रेजी में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और 1923 में एम.ए. और 1924 में बी.एल. की डिग्री हासिल की थी और साल 1926 में इंग्लैंड के लिंकन इन से कानून की पढ़ाई की और 1927 में बैरिस्टर बने.

1929 में डॉ. मुखर्जी बंगाल कांग्रेस से जुड़े. महज 1 साल बाद ही उन्होंने पार्टी छोड़ दी. 1930 में उन्होंने पार्टी छोड़ दी. 1939 में वह हिंदू महासभा मे शामिल हुए और 1940 में वह हिंदू महासभा के अध्यक्ष भी बने.  उन्होंने मुस्लिम लीग और ‘दो राष्ट्र सिद्धांत’ का खुलकर विरोध किया. उन्होंने हिंदू राष्ट्रवाद की विचारधारा को मजबूती दी, लेकिन साथ ही लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता को भी महत्व दिया.

वर्ष 1946 में उन्होंने बंगाल के विभाजन की मांग की ताकि इसके हिंदू-बहुल क्षेत्रों को मुस्लिम बहुल पूर्वी पाकिस्तान में शामिल करने से रोका जा सके.

ये भी पढ़ें- राजौरी में सैन्य ब्रिगेड पर आत्मघाती और जालंधर में ड्रोन हमले का दावा फर्जी, PIB ने किया आगाह

Tags: BharatDr. Shyama Prasad MukherjeeDr. Mukherjee Birth AnniversaryNational UnityUnity
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