क्यों मनाई जाती है बसंत पंचमी? क्या है महत्व और मान्याताएं

 हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का त्योहार ज्ञान और संगीत की देवी माता सरस्वती को समर्पित  किया जाता है. यह त्योहार माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है.

पौराणिक कथाओं की मानें तो भगवान ब्रह्मा को ही सृष्टि का रचयिता माना जाता है. जब उन्होंने रचना करके इस संसार में देखा तो उन्हें चारों तरफ सूनसान निर्जन तत्व ही दिखाई दिया.

तभी ब्रह्मा जी ने सभी से अनुमति लेकर अपने दिव्य कमंडल से पृथ्वी पर थोड़ा जल छिड़का. सतह पर जल पड़ने के बाद एक देवी हाथ में वीणा लिए प्रकट हुई.

वह देवी और कोई नहीं बल्कि माता सरस्वती थी. उनके हाथों में वीणा, किताब और माला थी.

जिस दिन पृथ्वी पर माता सरस्वती प्रकट हुई थी उस दिन बसंत पंचमी का दिन था. जिसके बाद से बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर माता सरस्वती की पूजा की जाती है.

बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने का भी खास महत्व होता है. मां सरस्वती अपने सरल और विनम्र स्वभाव के लिए मानी जाती है. ऐसे में इस दिन इनकी पूजा करने से न केवल मन को शांति मिलती है बल्कि जीवन के क्लेश और दुख, दर्द भी समाप्त होते हैं.