Savitribai Phule Death Anniversary 2024: जानें भारत की पहली महिला शिक्षिका से जुड़ी खास बातें
सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी, 1831 में महाराष्ट्र के एक किसान परिवार में हुआ था. 9 साल की छोटी सी उम्र में उनकी शादी ज्योतिराव फुले से हुई थी.
सावित्रीबाई ने महिलाओं को शिक्षा दिलाने के लिए बहुत संघर्ष किया था. जिस समय समाज में महिलाओं के लिए पढ़ाई करने पर रोक थी, उस दौरान उन्होंने महिलाओं के लिए एक स्कूल की स्थापना की थी.
उन्होंने महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचार, विधावाओं पर रोक-टोक को रोकने के लिए एक केंद्र बनाया था और विधवाओं को एक बार फिर से शादी करने के लिए प्रोत्साहित भी करती थी.
खुद की संतान न होने की वजह से उन्होंने एक विधवा औरत से उसका पुत्र गोद लिया. जिस पर उनके परिवार ने बहुत विरोध किया. अंत में सावित्री बाई ने अपने परिवार से सभी रिश्ते खत्म कर दिए थे.
महिला शिक्षा के क्षेत्र में मुख्य भूमिका निभाने के चलते उन्हें ब्रिटिश सरकार के द्वारा सम्मानित भी किया गया था.
उनके गांव में दलितों को लेकर होने वाले भेदभाव और छूआ-छूत को खत्म करने और उन्हें भी समान अधिकार देने के लिए फुलेबाई ने अपने पति संग लम्बा संघर्ष किया.
पुणे में फैली प्लेग महामारी में मरीजों का इलाज करते-करते वह खुद इस बीमारी से पीड़ित हो गई और 10 मार्च, 1897 को उनकी मृत्यु हो गई.