DRDO ने AGNI-Prime का किया सफल परीक्षण, जानिए क्या है इसकी खासियत

Credit: Google

DRDO ने ओडिशा के तट पर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से नई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-प्राइम का सफल उड़ान परीक्षण किया.

Credit: Google

ग्नि-पी या अग्नि-प्राइम एक दो चरणों वाली, सतह से सतह तक मार करने वाली, कनस्तर से लॉन्च की जाने वाली और ठोस ईंधन वाली मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है.

Credit: Google

इसे भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा अग्नि श्रृंखला में छठी मिसाइल के रूप में विकसित किया गया है.

Credit: Google

इस मिसाइल को हल्के धातू से बनाया गया है इसका वजन कुल 11 हजार किलो है और यह सॉलिड फ्यूल से उड़ने  मिसाइल है. इसकी लंबाई कुल 34.5 फीट लंबी है.

Credit: Google

इस पर एक या मल्टीपल इंडेपेंडटली टारगेटेबल रीएंट्री व्हीकल यानी (MIRV) वॉरहेड लगा सकते हैं. यानी इससे एस समय पर कई टारगेट्स पर हमला किया जा सकता है. इस पर 1500 से 3000 kg वजन के वॉरहेड लगाया जा सकता है. 

Credit: Google