देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की पुण्यतिथि पर जानिए उनसे जुड़ी रोचक बातें
डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म 3 दिसम्बर, 1884 में बिहार के सारण जिले के जीरादेयू में हुआ था. 12 वर्ष की उम्र में राजवंशी देवी के साथ बाल विवाह हो गया था.
पढ़ाई में उनका रुझान बचपन से ही था. राजेंद्र बाबू एक बुद्धिमान छात्र, सफल वकील, आदर्श शिक्षक, गांधीवादी समर्थक और देश प्रेमी थे. 1915 में वकालत में मास्टर की डिग्री पूरी करने पर उन्हें गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया था. इसके बाद ही उन्होंने कानून में डॉक्टरेट की उपाधि भी प्राप्त की थी.
राजेंद्र प्रसाद एक राजनीतिज्ञ और वकील थे. उन्होंने देश को आजादी दिलाने में अपना अहम योगदान दिया. राजेंद्र प्रसाद को लोग राजेंद्र बाबू कहकर बुलाते थे.
राजेंद्र बाबू ने अपना जीवन देश की सेवा की और उसको स्वतंत्रता दिलाने में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. राजेंद्र प्रसाद ने साल 1931 के नमक सत्याग्रह और 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में गांधी जी का पुरजोर समर्थन किया. लेकिन आगे चलकर इसके लिए ब्रिटिश अधिकारियों ने उन्हें कैद भी कर लिया था.
1946 में भारतीय संविधान समिति का अध्यक्ष बनाया गया. राजेन्द्र प्रसाद ने ही संविधान पर हस्ताक्षर करके मान्यता दी थी
26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू होने पर राजेन्द्र प्रसाद को देश का पहला राष्ट्रपति बनाया गया था.
भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया. 28 फरवरी 1963 को पटना में डॉ. राजेंद्र प्रसाद का निधन हो गया था.