Chhatarpati Shivaji Maharaj Jyanati पर जानें उनकी कुछ शौर्य गाथाएं

छत्रपति शिवाजी का जन्म 19 फरवरी, 1630 को शिवनेरी दुर्ग के मराठी परिवार में हुआ था.

छत्रपति जी के पिता सेना में थे और माता को धार्मिक गाथाओं में काफी ज्यादा रुचि थी, जिसका असर छत्रपति के जीवन पर बहुत पड़ा था.

महज 15 साल की उम्र में शिवाजी ने मुगलों के खिलाफ हिंदू  साम्राज्य स्थापित करने के लिए युद्ध किया था. इस युद्ध को 'गोरिल्ला युद्ध की नीति' भी कहा गया था.

इस अनोखी गोरिल्ला युद्ध नीति का सिंद्धात था कि 'मारो और भाग जाओ'. 

छत्रपति शिवाजी महाराज वे इंसान थे,  जिन्होंने मुगलों के राज से महाराष्ट्र राज्य को आजाद कर सन् 1674 में मराठा साम्राज्य की स्थापना की थी.  जिसके बाद से उनके इस योगदान को लोगों के द्वारा आज भी याद किया जाता है.

शिवाजी ने बाजीपुर पर हमला कर वहां के शासक आदिलशाह को अपनी कौशल क्षमता और गोरिल्ला युद्ध नीति से उन्हें बुरी तरह मात थी और वहां के चार किलो पर कब्जा भी किया था. जिसके बाद उन्हें मराठा साम्राज्य का राजा बनाया गया था.

सन् 1680 , 3 अप्रैल को किसी बीमारी की चलते उनकी मृत्यु हो गई थी. जिसके बाद से उनके बेटे संभाजी से इस साम्राज्य को संभाला था.