इलेक्टोरल बॉन्ड यानि चुनावी बॉन्ड योजना जिसे 2 जनवरी, 2018 में लागू किया गया था. जिसकी पहल 2017 में आम बजट के दौरान की गई थी.
जिसका मुख्य उद्देश्य राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता को बढ़ाना और साफ-सुथरा धन को इकट्ठा करना है.
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की 29 शाखाओं को इलेक्टोरल बॉन्ड जारी करने और उसे भुनाने के लिए अधिकृत किया गया. ये शाखाएं नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, गांधीनगर, चंडीगढ़, पटना, रांची, गुवाहाटी, भोपाल, जयपुर और बेंगलुरु की हैं.
यह बॉन्ड साल में चार बार जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर में जारी किए जाते हैं. इसके लिए चंदा देने वाले बैंक की शाखा में जाकर या उसकी वेबसाइट पर ऑनलाइन खरीदा जा सकता है.
अब देश की सर्वोच्च अदालत ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को असंवैधानिक करार देते हुए तत्काल रोक लगा दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम मौजूदा स्वरूप में सूचना के अधिकार (RTI) कानून का उल्लंघन कर रहा है.