भारत सरकार ने चीन के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है. भारत सरकार ने फैसला लिया है कि देश में चीनी निवेश घोटाले वाली वेबसाइट बैन होंगी. ऐसी 100 से ज्यादा वेबसाइट हैं, जिन्हें प्रतिबंधित करने की प्रक्रिया जारी है.
यह फैसला इसलिए लिया गया, क्योंकि यह वेबसाइट भारतीय नागरिकों को टारगेट करके देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं. ऐसे कई मामले सामने आए, जिसके बाद मोदी सरकार ने बिजनेस जगत के दिग्गजों बात करके चीनी वेबसाइटें बैन करने का फैसला लिया. इससे चीन को अरबों का नुकसान झेलना पड़ सकता है.
बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में “साइबर सुरक्षित भारत” का निर्माण किया जा रहा है. I4C ने अपनी वर्टिकल नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिक्स युनिट यानी एनसीटीएयू के माध्यम से धोखाधड़ी में शामिल 100 से अधिक वेबसाइटों की पहचान कर उन्हें बैन करने की सिफारिश की थी.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत इन वेबसाइटों को ब्लॉक कर दिया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीनी मोबाइल ऐप देश के सेंसिटिव यूजर का डाटा जुटा रही थीं. साथ ही इस डाटा का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रही थीं. हाल ही में पबजी गेम के इंडियन वर्जन BGMI को गूगल प्ले स्टोर और एप्पल के ऐप स्टोर से हटाया गया था, जबकि इसके यूजर 100 मिलियन से ज्यादा हो गए थे.
नागरिकों को यह भी सलाह दी जा रही है कि वे ऐसे धोखेबाजों द्वारा इस्तेमाल किए गए फोन नंबरों और सोशल मीडिया हैंडल की तुरंत www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें.
भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) देश में साइबर अपराध से समन्वित और व्यापक तरीके से निपटने के लिए गृह मंत्रालय की एक पहल है.
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