केरल में मौजूद धार्मिक स्थल सबरीमाला में अव्यवस्था को लेकर सत्ताधारी पार्टी CPIM, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी आमने-सामने है. इसे लेकर प्रदेश में अलग-अलग जगह विरोध प्रदर्शन भी हुआ. सचिवालय के बाहर भी बैरिकेड उखाड़े गए. दूसरी तरफ मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की सरकार दावा कर रही है कि मंदिर में लोगों के लिए उचित प्रबंध किए गए हैं.
बता दें कि मंडलम-मकरविलक्कु का सीजन चल रहा है. ये केरल के लिहाज से अहम बताया जाता है. 17 नवंबर से शुरू हुए इस सीजन में पहाड़ी पर मौजूद सबरीमाला में काफी भीड़ होती है. सरकारी नंबर्स की बात करें तो इस साल वहां 1.20 लाख श्रद्धालुओं को दर्शन करने हैं. इसमें दूसरे राज्यों से पहुंचने वाले श्रद्धालू भी शामिल हैं.
केरल की सत्ताधारी पार्टी इस वक्त बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस के भी निशाने पर है. दोनों का कहना है कि पिनाराई विजयन की सरकार सबरीमाला में श्रद्धालुओं की भीड़ को मैनेज करने में नाकाम रही. इसके लिए दोनों पार्टियों ने राज्य के देवास्वोम मंत्री राधाकृष्णन को जिम्मेदार ठहराया है.
बता दें कि सीजन के शुरुआती दिनों में वहां रोज 62 हजार की संख्या तक लोग पहुंच रहे थे. ये नंबर 6 दिसंबर के बाद 88 हजार प्रतिदिन तक पहुंच गया था.
दरअसल, सबरीमाला के कुछ वीडियोज इन दिनों सामने आए हैं. इसमें वहां भारी संख्या में भीड़ दिख रही है. इसी भीड़ में बीते दिनों एक 11 साल की लड़की ने जान भी गंवा दी थी. वह वहीं लाइन में खड़ी थी. फिलहाल केरल हाईकोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान ले लिया है. कोर्ट को जानकारी दी गई है कि भीड़ के मैनेज करने के लिए मंदिर में पुलिस की भी तैनाती की गई है.
इस मामले में एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें एक बच्चा अपने पिता को ढूंढ रहा था, जो निलक्कल में भीड़ में खो गए थे. इसके बाद बच्चा अकेला पड़ गया और बुरी तरह से घबरा गया.
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