कतर में मौत की सजा पाए 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को गुरुवार (28 दिसंबर) को बड़ी राहत मिली. आठों भारतीयों की मौत की सजा पर रोक लगाते हुए उनकी सजा कम की गई है. विदेश मंत्रालय ने बताया कि उन्होंने मामले को लेकर कतर में स्थित कोर्ट ऑफ अपील का दरवाजा खटखटाया था. सुनवाई के दौरान अदालत ने सजा कम कर दी.
आपको बता दें, बीते अक्टूबर महीने में कतर की कोर्ट ऑफ फर्स्ट इंस्टांस ने एक साल से अधिक समय से हिरासत में रखे गए 8 पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को मौत की सजा सुनाई थी। जिसके बाद आज मामल मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ऑफ अपील ने उनकी सजा कम कर दी है.
आपको बता दें, पिछले वर्ष 25 अक्टूबर को मीतू भार्गव नाम की महिला ने एक्स पर ट्वीट कर बताया था कि भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अफसर 57 दिन से कतर की राजधानी दोहा में गैर-कानूनी तरीके से हिरासत में हैं. मीतू भार्गव कमांडर पूर्णेंदु तिवारी की बहन हैं. कतर की न्यूज वेबसाइट अल-जजीरा के रिपोर्ट के अनुसार, इन अफसरों पर कतर के सबमरीन प्रोजेक्ट से जुड़ी जानकारियां इजराइल को देने का आरोप लगा है.
हालांकि, कतर सरकार की ओर से इन पूर्व अफसरों पर लगाए गए आरोपों को लेकर कुछ खास जानकारी भारत सरकार से साझा नहीं की गई है. नौसेना से रिटायर्ड ये सभी अफसर दोहा स्थित अल-दहरा कंपनी में काम करते थे. ये कंपनी टेक्नोलॉजी और कंसल्टेसी सर्विस प्रोवाइड करती थी. साथ ही कतर की नौसेना को ट्रेनिंग और सामान भी मुहैया कराती थी. इस कंपनी को ओमान की वायुसेना से रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर खमीस अल आजमी चलाते थे. पिछले साल उन्हें भी इन भारतीयों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था. हालांकि, पिछले महिने नवंबर में उन्हें रिहा कर दिया गया.
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