नई दिल्ली: रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने शुक्रवार को कर्नाटक के बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के एयरो इंजन रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर (एईआरडीसी) में एक नई डिजाइन और परीक्षण सुविधा का उद्घाटन किया. यह संस्थान इस समय छोटे लड़ाकू विमानों और हल्के एवं मध्यम वजन वाले हेलीकॉप्टरों के लिए दो इंजनों के विकास में लगा है. इसके अलावा यहां कई अन्य नए इंजनों के डिजाइन और विकास की प्रक्रिया शुरू की गई है.
एईआरडीसी में प्रशिक्षकों, यूएवी, जुड़वां इंजन वाले छोटे लड़ाकू विमानों के लिए 25 केएन थ्रस्ट का हिंदुस्तान टर्बो फैन इंजन (एचटीएफई) और हल्के और मध्यम वजन वाले हेलीकॉप्टरों के लिए 1200 केएन थ्रस्ट का हिंदुस्तान टर्बो शाफ्ट इंजन (एचटीएसई) बनाए जाएंगे. एकल और ट्विन इंजन के लिए इन इंजनों की क्षमता 3.5 से 6.5 टन होगी. 10 हजार वर्ग मीटर में फैली नई अत्याधुनिक सुविधा में विशेष मशीनें, उन्नत सेटअप, इन-हाउस फैब्रिकेशन सुविधा और एचटीएफई-25 के परीक्षण के लिए दो टेस्ट बेड और एचटीएसई के परीक्षण के लिए एक-एक टेस्ट बेड मौजूद हैं.
इस संयुक्त उद्यम इंजन को फ्रांस की कंपनी सफ्रान और एचएएल के सहयोग से विकसित किया जाएगा. इसके अलावा नव विकसित सेंटर में लड़ाकू विमान जगुआर के वायु उत्पादक, गैस टर्बाइन स्टार्टर यूनिट (जीटीएसयू), हल्के लड़ाकू विमान के 110 एम2 और 127ई, भारतीय मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर और उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान की सहायक विद्युत इकाइयों के परीक्षण के लिए सेट-अप बनाया गया है. यहां एएन-32 विमान के लिए गैस टर्बाइन इलेक्ट्रिकल जेनरेटर बनाए जाएंगे. नई सुविधा के भीतर इंजन घटकों और लाइन रिप्लेसमेंट इकाइयों (एलआरयू) के लिए विभिन्न महत्वपूर्ण परीक्षण करने के लिए सेटअप भी स्थापित किए गए हैं.
इस मौके पर रक्षा सचिव ने कहा कि सरकार देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रक्षा पीएसयू की क्षमता पर भरोसा करती है. विनिर्माण क्षेत्र देश का भविष्य है और आने वाले दशकों में एचएएल को सभी प्रकार के विमानों के लिए प्रौद्योगिकियों में महारत हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, क्योंकि युद्ध का पूरा प्रतिमान बदल रहा है. भविष्य के युद्ध में मानव रहित विमानों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए रक्षा सचिव ने एचएएल को नए प्लेटफॉर्म विकसित करने के लिए अन्य निजी कंपनियों के साथ सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने विभिन्न इंजनों और परीक्षण विनिर्माण रेंज और एचएएल के एयरोस्पेस डिवीजन का भी दौरा किया.
एचएएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (अतिरिक्त प्रभार) सीबी अनंतकृष्णन ने कहा कि इस सुविधा का विकास एचएएल के विकास पथ में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. यह एयरो-इंजन डिजाइन और विकास में ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करने की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार
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